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#nojotohindipoetry #सत्ता #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  सत्ता (दोहे)

सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान।
जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।।

सत्ता ऐसा है नशा, हो जाते सब चूर।
मदिरा में भी डूबते, और लक्ष्य से दूर।।

सत्ता नेता को मिले, है उसका अधिकार।
सही समय पर काम हो, दिखे नहीं आसार।।

सत्ता की ये लालसा, करती जो गुमराह।
भटक रहे वे राह से, मिले नहीं है थाह।।

सत्ता की इस भूख ने, जीवन दिया बिखेर।
दल दल में ऐसे फसे, हो जाते फिर ढेर।।
...........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#सत्ता #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry सत्ता (दोहे) सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान। जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।। सत्ता ऐसा

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जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।। आओ बैठो भज लो राम । किसे याद है प्राणायाम ।। सभी ओर दिखता संग्राम । चीख रही है जनता आम ।। कौन लिया सिंहासन थाम । कौन चुगे अब गुठली आम ।। इस जीवन में सत्य अनेक । कष्ट मगर सहता है एक ।। कविवर लेते सुंदर टेक । फिर भी बोले गीत न नेक ।। बने भवन है आलीशान । लेकिन उनके हृदय विरान ।। रोटी कपड़ा ओर मकान । करते-करते मरा किसान ।। बेटा करता मदिरा पान । बहू चाहिए गऊ समान ।। बिगड़ गये घर के सुर ताल । बड़े घरो की यह है चाल ।। देख ले ऊँचा खानदान । तब ही करना कन्यादान । दिया बहुत जिनको सम्मान । बेटी भेज दिया शमशान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  जयकरी छन्द :-

आओ मिलकर कर ले योग ।
क्यों पालें जीवन में रोग ।।
बतलाते थे घर के लोग ।
करके कसरत बनो निरोग ।।
अब तो बस पढ़ने का काम ।
बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।।
आओ बैठो भज लो राम ।
किसे याद है प्राणायाम ।।
सभी ओर दिखता संग्राम ।
चीख रही है जनता आम ।।
कौन लिया सिंहासन थाम ।
कौन चुगे अब गुठली आम ।।
इस जीवन में सत्य अनेक ।
कष्ट मगर सहता है एक ।।
कविवर लेते सुंदर टेक ।
फिर भी बोले गीत न नेक ।।
बने भवन है आलीशान ।
लेकिन उनके हृदय विरान ।।
रोटी कपड़ा ओर मकान ।
करते-करते मरा किसान ।।
बेटा करता मदिरा पान ।
बहू चाहिए गऊ समान ।।
बिगड़ गये घर के सुर ताल ।
बड़े घरो की यह है चाल ।।
देख ले ऊँचा खानदान ।
तब ही करना कन्यादान ।
दिया बहुत जिनको सम्मान ।
बेटी भेज दिया शमशान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्क

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#nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi #नशा  नशा (दोहे)

नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग।
मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।।

तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान।
सभी जगह पर थूकते, खोते अपना मान।।

मदिरा भी शामिल वहीं, होश गँवाते लोग।
अपशब्दों से तौलते, दिखता उसमें रोग।।

डगमग-डगमग पैर हों, मन में भरे विकार।
रिश्तों की चिंता नहीं, डालें खूब दरार।।

कहती है सद्भावना, नशा करे बरबाद।
छोड़ सको तो छोड़ दो, हो जाओ आबाद।।

क्यों करना अब है नशा, कर दो इसका त्याग।
मुक्ति केंद्र भी हैं खुले, ले लो इसमें भाग।।

जीवन यह अनमोल है, मत करना उपहास।
सुखमय भी यह तब रहे, हो उसमें उल्लास।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#नशा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi नशा (दोहे) नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग। मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।। तम्बाकू को

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#nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi #नशा #smoking  नशा (दोहे)

नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग।
मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।।

तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान।
सभी जगह पर थूकते, खोते अपना मान।।

मदिरा भी शामिल वहीं, होश गँवाते लोग।
अपशब्दों से तौलते, दिखता उसमें रोग।।

डगमग-डगमग पैर हों, मन में भरे विकार।
रिश्तों की चिंता नहीं, डालें खूब दरार।।

कहती है सद्भावना, नशा करे बरबाद।
छोड़ सको तो छोड़ दो, हो जाओ आबाद।।

क्यों करना अब है नशा, कर दो इसका त्याग।
मुक्ति केंद्र भी हैं खुले, ले लो इसमें भाग।।

जीवन यह अनमोल है, मत करना उपहास।
सुखमय भी यह तब रहे, हो उसमें उल्लास।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#smoking #नशा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi नशा (दोहे) नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग। मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।। त

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#संविधान #नागरिक #चुनाव #मजबूत #मतदान #election_2024  White 
 मतदान करो  यह सब दानों में ,  लोकतंत्र को महान मजबूत करता है ।
विश्व का सबसे बड़ा,  न्यारा हमारा संविधान ।।

बनना है अगर जिम्मेदार नागरिक  तुम्हें तो कर लो मतदान ।
चाहिए हो अगर जन कल्याणकारी  ये सरकार तो फिर मतदान करो ।।

झेला था गुलामी का दंश  सैकड़ो वर्षों तक भारतवासियों ने
देकर कुर्बानियां लाखों की  तब हमने यह आजादी पाई है ।।

नहीं हो अब गुलाम तो निर्भीक होकर तुम मतदान करो ।
करना है अगर सशक्त राष्ट्र का निर्माण   तो उठो फिर और जाकर मतदान करो ।।

नेताओं की जवाब देही तय करनी है  तो फिर  मतदान करो ।
जाति, संप्रदाय,धर्म से ऊपर उठो और फिर निष्पक्ष होकर मतदान करो ।।

चयनकर शिक्षित,योग्य उम्मीदवार का  फिर तुम मतदान करो ।
हो अगर जागरूक नागरिक तो  ना रुको घर में तुम मतदान करो ।।

एक-एक मत होता है ये अनमोल  ना बेचो इसे मदिरा,रुपए पैसों से ।
,जात,बिरादरी में और  फिर तुम अपना मतदान करो ।।

 राष्ट्र में बहुत सारी समस्याएं ये कैसी फैली है जनता शिशिर भी जिनसे ये पीड़ित है , 
तो फिर चुनो अच्छी  सुलझी सरकार और फिर  मतदान करो ।।

©Shivkumar

#election_2024 #election #electiontime #election2025 #election2026 #Nojoto #मतदान मतदान करो यह सब दानों में लोकतंत्र को महान #मजबूत

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#nojotohindipoetry #सत्ता #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  सत्ता (दोहे)

सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान।
जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।।

सत्ता ऐसा है नशा, हो जाते सब चूर।
मदिरा में भी डूबते, और लक्ष्य से दूर।।

सत्ता नेता को मिले, है उसका अधिकार।
सही समय पर काम हो, दिखे नहीं आसार।।

सत्ता की ये लालसा, करती जो गुमराह।
भटक रहे वे राह से, मिले नहीं है थाह।।

सत्ता की इस भूख ने, जीवन दिया बिखेर।
दल दल में ऐसे फसे, हो जाते फिर ढेर।।
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देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#सत्ता #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi सत्ता (दोहे) सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान। जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।। सत्ता ऐसा

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#nojotohindipoetry #सत्ता #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  सत्ता (दोहे)

सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान।
जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।।

सत्ता ऐसा है नशा, हो जाते सब चूर।
मदिरा में भी डूबते, और लक्ष्य से दूर।।

सत्ता नेता को मिले, है उसका अधिकार।
सही समय पर काम हो, दिखे नहीं आसार।।

सत्ता की ये लालसा, करती जो गुमराह।
भटक रहे वे राह से, मिले नहीं है थाह।।

सत्ता की इस भूख ने, जीवन दिया बिखेर।
दल दल में ऐसे फसे, हो जाते फिर ढेर।।
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देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#सत्ता #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry सत्ता (दोहे) सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान। जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।। सत्ता ऐसा

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जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।। आओ बैठो भज लो राम । किसे याद है प्राणायाम ।। सभी ओर दिखता संग्राम । चीख रही है जनता आम ।। कौन लिया सिंहासन थाम । कौन चुगे अब गुठली आम ।। इस जीवन में सत्य अनेक । कष्ट मगर सहता है एक ।। कविवर लेते सुंदर टेक । फिर भी बोले गीत न नेक ।। बने भवन है आलीशान । लेकिन उनके हृदय विरान ।। रोटी कपड़ा ओर मकान । करते-करते मरा किसान ।। बेटा करता मदिरा पान । बहू चाहिए गऊ समान ।। बिगड़ गये घर के सुर ताल । बड़े घरो की यह है चाल ।। देख ले ऊँचा खानदान । तब ही करना कन्यादान । दिया बहुत जिनको सम्मान । बेटी भेज दिया शमशान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  जयकरी छन्द :-

आओ मिलकर कर ले योग ।
क्यों पालें जीवन में रोग ।।
बतलाते थे घर के लोग ।
करके कसरत बनो निरोग ।।
अब तो बस पढ़ने का काम ।
बन्द स्कूल में सब व्ययाम ।।
आओ बैठो भज लो राम ।
किसे याद है प्राणायाम ।।
सभी ओर दिखता संग्राम ।
चीख रही है जनता आम ।।
कौन लिया सिंहासन थाम ।
कौन चुगे अब गुठली आम ।।
इस जीवन में सत्य अनेक ।
कष्ट मगर सहता है एक ।।
कविवर लेते सुंदर टेक ।
फिर भी बोले गीत न नेक ।।
बने भवन है आलीशान ।
लेकिन उनके हृदय विरान ।।
रोटी कपड़ा ओर मकान ।
करते-करते मरा किसान ।।
बेटा करता मदिरा पान ।
बहू चाहिए गऊ समान ।।
बिगड़ गये घर के सुर ताल ।
बड़े घरो की यह है चाल ।।
देख ले ऊँचा खानदान ।
तब ही करना कन्यादान ।
दिया बहुत जिनको सम्मान ।
बेटी भेज दिया शमशान ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जयकरी छन्द :- आओ मिलकर कर ले योग । क्यों पालें जीवन में रोग ।। बतलाते थे घर के लोग । करके कसरत बनो निरोग ।। अब तो बस पढ़ने का काम । बन्द स्क

16 Love

#nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi #नशा  नशा (दोहे)

नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग।
मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।।

तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान।
सभी जगह पर थूकते, खोते अपना मान।।

मदिरा भी शामिल वहीं, होश गँवाते लोग।
अपशब्दों से तौलते, दिखता उसमें रोग।।

डगमग-डगमग पैर हों, मन में भरे विकार।
रिश्तों की चिंता नहीं, डालें खूब दरार।।

कहती है सद्भावना, नशा करे बरबाद।
छोड़ सको तो छोड़ दो, हो जाओ आबाद।।

क्यों करना अब है नशा, कर दो इसका त्याग।
मुक्ति केंद्र भी हैं खुले, ले लो इसमें भाग।।

जीवन यह अनमोल है, मत करना उपहास।
सुखमय भी यह तब रहे, हो उसमें उल्लास।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#नशा #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi नशा (दोहे) नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग। मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।। तम्बाकू को

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#nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi #नशा #smoking  नशा (दोहे)

नशा करे कोई कभी, उसको घेरे रोग।
मन से भी विचलित नहीं, हैं कैसे ये लोग।।

तम्बाकू को ले रहे, समझे अपनी शान।
सभी जगह पर थूकते, खोते अपना मान।।

मदिरा भी शामिल वहीं, होश गँवाते लोग।
अपशब्दों से तौलते, दिखता उसमें रोग।।

डगमग-डगमग पैर हों, मन में भरे विकार।
रिश्तों की चिंता नहीं, डालें खूब दरार।।

कहती है सद्भावना, नशा करे बरबाद।
छोड़ सको तो छोड़ दो, हो जाओ आबाद।।

क्यों करना अब है नशा, कर दो इसका त्याग।
मुक्ति केंद्र भी हैं खुले, ले लो इसमें भाग।।

जीवन यह अनमोल है, मत करना उपहास।
सुखमय भी यह तब रहे, हो उसमें उल्लास।।
.............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

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#संविधान #नागरिक #चुनाव #मजबूत #मतदान #election_2024  White 
 मतदान करो  यह सब दानों में ,  लोकतंत्र को महान मजबूत करता है ।
विश्व का सबसे बड़ा,  न्यारा हमारा संविधान ।।

बनना है अगर जिम्मेदार नागरिक  तुम्हें तो कर लो मतदान ।
चाहिए हो अगर जन कल्याणकारी  ये सरकार तो फिर मतदान करो ।।

झेला था गुलामी का दंश  सैकड़ो वर्षों तक भारतवासियों ने
देकर कुर्बानियां लाखों की  तब हमने यह आजादी पाई है ।।

नहीं हो अब गुलाम तो निर्भीक होकर तुम मतदान करो ।
करना है अगर सशक्त राष्ट्र का निर्माण   तो उठो फिर और जाकर मतदान करो ।।

नेताओं की जवाब देही तय करनी है  तो फिर  मतदान करो ।
जाति, संप्रदाय,धर्म से ऊपर उठो और फिर निष्पक्ष होकर मतदान करो ।।

चयनकर शिक्षित,योग्य उम्मीदवार का  फिर तुम मतदान करो ।
हो अगर जागरूक नागरिक तो  ना रुको घर में तुम मतदान करो ।।

एक-एक मत होता है ये अनमोल  ना बेचो इसे मदिरा,रुपए पैसों से ।
,जात,बिरादरी में और  फिर तुम अपना मतदान करो ।।

 राष्ट्र में बहुत सारी समस्याएं ये कैसी फैली है जनता शिशिर भी जिनसे ये पीड़ित है , 
तो फिर चुनो अच्छी  सुलझी सरकार और फिर  मतदान करो ।।

©Shivkumar

#election_2024 #election #electiontime #election2025 #election2026 #Nojoto #मतदान मतदान करो यह सब दानों में लोकतंत्र को महान #मजबूत

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सत्ताधारी जो बना, डोल गया ईमान।
जेबें सब अपनी भरें, दिखलाते वो शान।।

सत्ता ऐसा है नशा, हो जाते सब चूर।
मदिरा में भी डूबते, और लक्ष्य से दूर।।

सत्ता नेता को मिले, है उसका अधिकार।
सही समय पर काम हो, दिखे नहीं आसार।।

सत्ता की ये लालसा, करती जो गुमराह।
भटक रहे वे राह से, मिले नहीं है थाह।।

सत्ता की इस भूख ने, जीवन दिया बिखेर।
दल दल में ऐसे फसे, हो जाते फिर ढेर।।
...........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

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