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#स्वरचितरचनायें #कविता #tarukikalam25 #nojotohindi #Trending

हमारी स्वरचित रचनाएं शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन विधा कविता भाव वास्तविक विचित्र है बड़ी दो पाटों में बंटा जीवन संघर्षों का चिंतन उभरने

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#रेसिटेशन #विनोद #भक्ति #मिश्र

कोमल चित कृपालु रघुराई,कपि केहि हेतु धरी निठुराई।। #विनोद #मिश्र #रेसिटेशन 🔱🙏🔱

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#nojotohindipoetry #दोहे #कोमल #sandiprohila #nojotohindi  कोमल (दोहे)

कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान।
कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।।

बालक सम व्यवहार हो, नहीं कपट के पास।
कोमल वाणी भी रहे, जगह बनाता खास।।

वे ही उसको चाहते, जिनके ह्रदय समान।
कोमलता का राज हो, जाने सकल जहान।।

कोमल जिसका आचरण, मिले उसे सम्मान।
ईश्वर का वह लाड़ला, उसका रखते ध्यान।।

जिसने पाया ईश को, उसे मिला वरदान।
कोमलता के साथ ही, उसे मिली पहचान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#कोमल #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम

270 View

मुक्तक  :- मेरे मन को भाती है उसके मन की चंचलता । फूलो से भी नाजुक है उसके तन की कोमलता । शब्दों में कैसे बयाँ करूँ वो कितनी सुंदर है - यूँ मानों अब देख उसे मुझको मिलती शीतलता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक  :- 

मेरे मन को भाती है उसके मन की चंचलता ।
फूलो से भी नाजुक है उसके तन की कोमलता ।
शब्दों में कैसे बयाँ करूँ वो कितनी सुंदर है -
यूँ मानों अब देख उसे मुझको मिलती शीतलता ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक  :- चंचल मन मेरे मन को भाती है उसके मन की चंचलता । फूलो से भी नाजुक है उसके तन की कोमलता । शब्दों में कैसे बयाँ करूँ वो कितनी सुं

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#श्रद्धा #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  श्रद्धा (दोहे)

हिस्सों में अब बट रहीं, कितनी श्रृद्धा आज।
आफताब घेरे इन्हें, बन कर के वो बाज।।

घटनाओं का सिलसिला, बढ़ता है दिन रात।
कहती हैं श्रद्धा सभी, समझो अब जज्बात।।

धोखा दूँ माँ बाप को, श्रद्धा करे न पाप।
आफताब जैसे मिलें, तब होता संताप।।

हो श्रद्धा मन में बहुत, खुश होते भगवान।
संकट करते दूर हैं, हों पूरे अरमान।।

श्रद्धा जिसमें भी रहे, हो उसका उद्धार।
पाप कर्म से दूर हो, बना रहे उद्गार।।

श्रद्धा से कोमल बने, मन के अपने भाव।
दूजों की पीड़ा दिखे, उभरे उर के घाव।।
........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#श्रद्धा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry श्रद्धा (दोहे) हिस्सों में अब बट रहीं, कितनी श्रृद्धा आज। आफताब घेरे इन्हें, बन कर के वो ब

468 View

#कविता #MirzapurSeason2 #Highlights #Chahat #story #Road  White खट्टी मीठी यादों की पगडंडी पर, 
चाहत कितनी अच्छी लगती है
छोड़ काटें फूलों को देखो तो, 
चाहत कितनी कोमल सुंदर लगती है
झूठी सच्ची बातें होती थी जबतक, 
चाहत कितनी अच्छी लगती है

©AshuAkela

#Road #Highlights #story #MirzapurSeason2 #Poetry #Chahat खट्टी मीठी यादों की पगडंडी पर,  चाहत कितनी अच्छी लगती है छोड़ काटें फूलों को देख

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#स्वरचितरचनायें #कविता #tarukikalam25 #nojotohindi #Trending

हमारी स्वरचित रचनाएं शीर्षक मृत शैय्या सा जीवन विधा कविता भाव वास्तविक विचित्र है बड़ी दो पाटों में बंटा जीवन संघर्षों का चिंतन उभरने

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#रेसिटेशन #विनोद #भक्ति #मिश्र

कोमल चित कृपालु रघुराई,कपि केहि हेतु धरी निठुराई।। #विनोद #मिश्र #रेसिटेशन 🔱🙏🔱

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#nojotohindipoetry #दोहे #कोमल #sandiprohila #nojotohindi  कोमल (दोहे)

कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान।
कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।।

बालक सम व्यवहार हो, नहीं कपट के पास।
कोमल वाणी भी रहे, जगह बनाता खास।।

वे ही उसको चाहते, जिनके ह्रदय समान।
कोमलता का राज हो, जाने सकल जहान।।

कोमल जिसका आचरण, मिले उसे सम्मान।
ईश्वर का वह लाड़ला, उसका रखते ध्यान।।

जिसने पाया ईश को, उसे मिला वरदान।
कोमलता के साथ ही, उसे मिली पहचान।।
............................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#कोमल #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi कोमल (दोहे) कोमल हिय को जानिये, ईश्वर का वरदान। कहती है सद्भावना, उस सा नहीं महान।। बालक सम

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मुक्तक  :- मेरे मन को भाती है उसके मन की चंचलता । फूलो से भी नाजुक है उसके तन की कोमलता । शब्दों में कैसे बयाँ करूँ वो कितनी सुंदर है - यूँ मानों अब देख उसे मुझको मिलती शीतलता ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  मुक्तक  :- 

मेरे मन को भाती है उसके मन की चंचलता ।
फूलो से भी नाजुक है उसके तन की कोमलता ।
शब्दों में कैसे बयाँ करूँ वो कितनी सुंदर है -
यूँ मानों अब देख उसे मुझको मिलती शीतलता ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मुक्तक  :- चंचल मन मेरे मन को भाती है उसके मन की चंचलता । फूलो से भी नाजुक है उसके तन की कोमलता । शब्दों में कैसे बयाँ करूँ वो कितनी सुं

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#श्रद्धा #nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi  श्रद्धा (दोहे)

हिस्सों में अब बट रहीं, कितनी श्रृद्धा आज।
आफताब घेरे इन्हें, बन कर के वो बाज।।

घटनाओं का सिलसिला, बढ़ता है दिन रात।
कहती हैं श्रद्धा सभी, समझो अब जज्बात।।

धोखा दूँ माँ बाप को, श्रद्धा करे न पाप।
आफताब जैसे मिलें, तब होता संताप।।

हो श्रद्धा मन में बहुत, खुश होते भगवान।
संकट करते दूर हैं, हों पूरे अरमान।।

श्रद्धा जिसमें भी रहे, हो उसका उद्धार।
पाप कर्म से दूर हो, बना रहे उद्गार।।

श्रद्धा से कोमल बने, मन के अपने भाव।
दूजों की पीड़ा दिखे, उभरे उर के घाव।।
........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#श्रद्धा #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry श्रद्धा (दोहे) हिस्सों में अब बट रहीं, कितनी श्रृद्धा आज। आफताब घेरे इन्हें, बन कर के वो ब

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#कविता #MirzapurSeason2 #Highlights #Chahat #story #Road  White खट्टी मीठी यादों की पगडंडी पर, 
चाहत कितनी अच्छी लगती है
छोड़ काटें फूलों को देखो तो, 
चाहत कितनी कोमल सुंदर लगती है
झूठी सच्ची बातें होती थी जबतक, 
चाहत कितनी अच्छी लगती है

©AshuAkela

#Road #Highlights #story #MirzapurSeason2 #Poetry #Chahat खट्टी मीठी यादों की पगडंडी पर,  चाहत कितनी अच्छी लगती है छोड़ काटें फूलों को देख

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