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New कलाली भर लादे प्यालो Status, Photo, Video

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#मराठीकविता #rajdhani_night  White आजवर कोणत्या सावल्या लागल्या
जिंदगीला उन्हाच्या.. झळा लागल्या

चाललो भार घेवून खांद्यावरी
पालखीला म्हणे ठोकरा लागल्या

जीवनाचे जरी चित्र दुःखामधे
चेहऱ्यावर छटा हासऱ्या लागल्या

जिंदगी आमची केस कोर्टातली
हाय श्वासागणिक हाजऱ्या लागल्या

शेवटी माणसा एवढे सत्य की
लाकडे लागली गोवऱ्या लागल्या

©Satish Deshmukh

#rajdhani_night भर

126 View

#विचार

मन भर जाए तब

81 View

#चाँदनी #शायरी  White 212  212   212  212 

चांँदनी मुस्कुराती रही रात भर। 
ज़िंदगी खार खाती रही रात भर। 

थी शमां जल रही बीच महफिल मग़र , 
दिल हमारा जलाती रही रात भर। 

फासले दरमियां थे मिटे ही नहीं, 
अश्क आंँखें बहाती रही रात भर। 

आरजू थी हमारी चले हमकदम, 
ख्वाहिशें चोट खाती रही रात भर। 

चोट ऐसी मिली जो मिटी ही नहीं, 
ज़ख्म सारे छुपाती रही रात भर।

था समंदर बहा खूब लहरें उठीं, 
कश्तियांँ को डूबाती रही रात भर। 

दर्द को गुनगुनाते रहे हैं ‘उषा’, 
ख़ुद जली को बुझाती रही रात भर।

©Dr Usha Kiran

#चाँदनी मुस्कराती रही रात भर

117 View

White शान्त बैठा है सुलगता मन, चाँदनी से भर गया आँगन, दर्द से राहत मिली मन को, कोई आकर मल गया चंदन, जब उगा दिनमान के जैसा, रौशनी से भर गया प्रांगण, चमकता नभ में सितारों सा, बहारें करती चरण वंदन, गर्व करता राष्ट्र का गौरव, है तुम्हारा सतत अभिनंदन, ज्ञान है अनमोल जीवन में, नमक बिन फीका है व्यंजन, खिल गई है कली बगिया में, भ्रमर का मनुहार है 'गुंजन', --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी #कविता  White शान्त बैठा है  सुलगता  मन, 
चाँदनी से  भर गया  आँगन, 

दर्द  से  राहत मिली मन को, 
कोई आकर मल गया चंदन, 

जब उगा  दिनमान के जैसा, 
रौशनी  से  भर  गया प्रांगण,

चमकता नभ में सितारों सा, 
बहारें   करती  चरण  वंदन,

गर्व  करता  राष्ट्र  का गौरव, 
है तुम्हारा सतत अभिनंदन,

ज्ञान  है  अनमोल जीवन में, 
नमक बिन फीका है व्यंजन,

खिल गई है कली बगिया में,
भ्रमर  का  मनुहार है 'गुंजन',
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ•प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी से भर गया आँगन#

15 Love

#शायरी  White अंदर की रोशनी "

न जाने कब से ढके पड़े थे,
अमावस के अंधेरों से दिल के वीराने।

प्यार से एक निगाह डाल के तूने, 
दिल के अंदर की रोशनी रोशन कर दी।

जगमगा उठा है दिल का हर कोना, 
शहर की रोशनी भी आज कमतर लगती।

खुशी से पागल है तमन्ना दिल की, 
बताना मुश्किल है इतनी खुशियां भर दीं

©Anuj Ray

# खुशियां भर दी "

171 View

#लव

जीओ जी भर के

0 View

#मराठीकविता #rajdhani_night  White आजवर कोणत्या सावल्या लागल्या
जिंदगीला उन्हाच्या.. झळा लागल्या

चाललो भार घेवून खांद्यावरी
पालखीला म्हणे ठोकरा लागल्या

जीवनाचे जरी चित्र दुःखामधे
चेहऱ्यावर छटा हासऱ्या लागल्या

जिंदगी आमची केस कोर्टातली
हाय श्वासागणिक हाजऱ्या लागल्या

शेवटी माणसा एवढे सत्य की
लाकडे लागली गोवऱ्या लागल्या

©Satish Deshmukh

#rajdhani_night भर

126 View

#विचार

मन भर जाए तब

81 View

#चाँदनी #शायरी  White 212  212   212  212 

चांँदनी मुस्कुराती रही रात भर। 
ज़िंदगी खार खाती रही रात भर। 

थी शमां जल रही बीच महफिल मग़र , 
दिल हमारा जलाती रही रात भर। 

फासले दरमियां थे मिटे ही नहीं, 
अश्क आंँखें बहाती रही रात भर। 

आरजू थी हमारी चले हमकदम, 
ख्वाहिशें चोट खाती रही रात भर। 

चोट ऐसी मिली जो मिटी ही नहीं, 
ज़ख्म सारे छुपाती रही रात भर।

था समंदर बहा खूब लहरें उठीं, 
कश्तियांँ को डूबाती रही रात भर। 

दर्द को गुनगुनाते रहे हैं ‘उषा’, 
ख़ुद जली को बुझाती रही रात भर।

©Dr Usha Kiran

#चाँदनी मुस्कराती रही रात भर

117 View

White शान्त बैठा है सुलगता मन, चाँदनी से भर गया आँगन, दर्द से राहत मिली मन को, कोई आकर मल गया चंदन, जब उगा दिनमान के जैसा, रौशनी से भर गया प्रांगण, चमकता नभ में सितारों सा, बहारें करती चरण वंदन, गर्व करता राष्ट्र का गौरव, है तुम्हारा सतत अभिनंदन, ज्ञान है अनमोल जीवन में, नमक बिन फीका है व्यंजन, खिल गई है कली बगिया में, भ्रमर का मनुहार है 'गुंजन', --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी #कविता  White शान्त बैठा है  सुलगता  मन, 
चाँदनी से  भर गया  आँगन, 

दर्द  से  राहत मिली मन को, 
कोई आकर मल गया चंदन, 

जब उगा  दिनमान के जैसा, 
रौशनी  से  भर  गया प्रांगण,

चमकता नभ में सितारों सा, 
बहारें   करती  चरण  वंदन,

गर्व  करता  राष्ट्र  का गौरव, 
है तुम्हारा सतत अभिनंदन,

ज्ञान  है  अनमोल जीवन में, 
नमक बिन फीका है व्यंजन,

खिल गई है कली बगिया में,
भ्रमर  का  मनुहार है 'गुंजन',
  --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ•प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#चाँदनी से भर गया आँगन#

15 Love

#शायरी  White अंदर की रोशनी "

न जाने कब से ढके पड़े थे,
अमावस के अंधेरों से दिल के वीराने।

प्यार से एक निगाह डाल के तूने, 
दिल के अंदर की रोशनी रोशन कर दी।

जगमगा उठा है दिल का हर कोना, 
शहर की रोशनी भी आज कमतर लगती।

खुशी से पागल है तमन्ना दिल की, 
बताना मुश्किल है इतनी खुशियां भर दीं

©Anuj Ray

# खुशियां भर दी "

171 View

#लव

जीओ जी भर के

0 View

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