tags

New मन्दोदरी कहाँ की थी Status, Photo, Video

Find the latest Status about मन्दोदरी कहाँ की थी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about मन्दोदरी कहाँ की थी.

Related Stories

  • Latest
  • Popular
  • Video

हाँ में हाँ है, ना में ना है, झूठी कसमें प्रेम कहाँ है, मन भरमाये यहाँ वहाँ है, ढूँढी खुशियाँ जहाँ तहाँ है, बंद है आँखें दृष्टि कहाँ है, तन्मयता से ढूँढ जहाँ है, अंतर्मन यह दर्द सहा है, भवसागर में जब नौका है, ज्ञान से गुंजन पार हुआ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#प्रेम #कविता  हाँ में हाँ है,
ना में ना है, 
झूठी कसमें
प्रेम कहाँ है,
मन भरमाये
यहाँ वहाँ है,

ढूँढी खुशियाँ
जहाँ तहाँ है,
बंद है आँखें
दृष्टि कहाँ है,
तन्मयता से
ढूँढ जहाँ है,

अंतर्मन यह
दर्द  सहा है,
भवसागर में
जब नौका है, 
ज्ञान से गुंजन
पार  हुआ  है,
--शशि भूषण 
  मिश्र 'गुंजन'
  प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

#प्रेम कहाँ है#

16 Love

#पढ़ाई📝🗒 #वीडियो #भाई😘 #रात🌃

#भाई🧑 हमने पूरी #रात🌌 #पढ़ाई📝🗒 की थी लेकिन #2:55🕟 में शुरू की थी🤣🤣😂✨😅

99 View

#Raat  उसे अपने वक़्त पर कुछ 
इस कदर गुरूर हो गया ,
कि एक पल में एक उम्र का 
ख्वाब चकनाचूर ही गया ।
जो सोचता था कि वो पूरा घर 
चलाता है ,
आज एक कदम न चल पाया 
इतना मजबूर हो गया ।
कुछ आये अपनापन जताने
उनके आने से आधा दर्द दूर हो गया ,
पर दुख में साथ देती है सिर्फ पत्नी 
ये अहसास जरूर हो गया।

©दिनेश

#Raat कोई कारवां कहाँ ? कोई काफिला कहाँ ?

135 View

#कॉमेडी

तो उसमे मारने की वजह क्या थी?😃🤪🤔

135 View

#शायरी  जिंदगी में सबको अपना बनाने की ज़िद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया

©balu singh parihar

सबको अपना बनाने की जिद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया

126 View

White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी ।
पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१
छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं ।
करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२
हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से ।
जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३
न था अपना कोई उसका मगर फिर भी ।
उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४
सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता ।
तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५
बताती हार है अब उन महाशय की ।
उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६
नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों ।
जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७
सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली ।
जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८
लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे ।
न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९
किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे ।
खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ

12 Love

हाँ में हाँ है, ना में ना है, झूठी कसमें प्रेम कहाँ है, मन भरमाये यहाँ वहाँ है, ढूँढी खुशियाँ जहाँ तहाँ है, बंद है आँखें दृष्टि कहाँ है, तन्मयता से ढूँढ जहाँ है, अंतर्मन यह दर्द सहा है, भवसागर में जब नौका है, ज्ञान से गुंजन पार हुआ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra

#प्रेम #कविता  हाँ में हाँ है,
ना में ना है, 
झूठी कसमें
प्रेम कहाँ है,
मन भरमाये
यहाँ वहाँ है,

ढूँढी खुशियाँ
जहाँ तहाँ है,
बंद है आँखें
दृष्टि कहाँ है,
तन्मयता से
ढूँढ जहाँ है,

अंतर्मन यह
दर्द  सहा है,
भवसागर में
जब नौका है, 
ज्ञान से गुंजन
पार  हुआ  है,
--शशि भूषण 
  मिश्र 'गुंजन'
  प्रयागराज

©Shashi Bhushan Mishra

#प्रेम कहाँ है#

16 Love

#पढ़ाई📝🗒 #वीडियो #भाई😘 #रात🌃

#भाई🧑 हमने पूरी #रात🌌 #पढ़ाई📝🗒 की थी लेकिन #2:55🕟 में शुरू की थी🤣🤣😂✨😅

99 View

#Raat  उसे अपने वक़्त पर कुछ 
इस कदर गुरूर हो गया ,
कि एक पल में एक उम्र का 
ख्वाब चकनाचूर ही गया ।
जो सोचता था कि वो पूरा घर 
चलाता है ,
आज एक कदम न चल पाया 
इतना मजबूर हो गया ।
कुछ आये अपनापन जताने
उनके आने से आधा दर्द दूर हो गया ,
पर दुख में साथ देती है सिर्फ पत्नी 
ये अहसास जरूर हो गया।

©दिनेश

#Raat कोई कारवां कहाँ ? कोई काफिला कहाँ ?

135 View

#कॉमेडी

तो उसमे मारने की वजह क्या थी?😃🤪🤔

135 View

#शायरी  जिंदगी में सबको अपना बनाने की ज़िद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया

©balu singh parihar

सबको अपना बनाने की जिद थी अफसोस जिसको जितनी जरूरत थी उसने उतना इस्तेमाल किया

126 View

White ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२ हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से । जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३ न था अपना कोई उसका मगर फिर भी । उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४ सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता । तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५ बताती हार है अब उन महाशय की । उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६ नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों । जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७ सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली । जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८ लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे । न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९ किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे । खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल :-
वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी ।
पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१
छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं ।
करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थी ।।२
हटे कैसे नज़र मेरी हँसी रुख से ।
जिसे अब देख तर जाने की जल्दी थी ।।३
न था अपना कोई उसका मगर फिर भी ।
उसे हर रोज घर जाने की जल्दी थी ।।४
सँवरना देखकर तेरा मुझे लगता ।
तुझे दिल में उतर जाने की जल्दी थी ।।५
बताती हार है अब उन महाशय की ।
उन्हें भी तो मुकर जाने की जल्दी थी ।।६
नशे की लत उसे ऐसी लगी यारों ।
जैसे उसको भी मर जाने की जल्दी थी ।।७
सही से खिल नहीं पाये सुमन डाली ।
जमीं पे जो बिखर जाने की जल्दी थी ।।८
लगाये आज हल्दी चंदन वो बैठे ।
न जाने क्यों निखर जाने की जल्दी थी ।।९
किये सब धाम के दर्शन प्रखर ऐसे ।
खब़र किसको निकर जाने की जल्दी थी ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- वो आती लौट पर जाने की जल्दी थी । पुकारो मत उधर जाने की जल्दी थी ।।१ छुपा लेता खुशी सारी सभी से मैं । करूँ क्या आँख भर जाने की जल्दी थ

12 Love

Trending Topic