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New cactus wren 10 Status, Photo, Video

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"सबसे बड़ा गरीब" वो मनुष्य होता है,सबसे बड़ा गरीब बिक चुका होता है,जिसका ज़मीर उनसे लाख गुना अच्छे है,फकीर जो जिंदादिल मन से है,बड़े अमीर वो अमीर होकर मांगते है,नित भीख जिसके दिल है,लालच के बेहद करीब भगवान के दरबार मे वो है,बड़े गरीब जो दूसरों की मांगते है,उनसे तकलीफ कहता है,साखी सुनो सब साथी मित्र दीपक ही दूर कहते है,अंधेरे के चरित्र वो व्यक्ति हरगिज हो न सकता,गरीब जिसके इरादों में तम मिटाने का इत्र वो इस दुनिया असल मे होते है,गरीब जो पैसा होकर भी उठाते है,तकलीफ़ ऐसे अमीरों से तो अच्छे होते है,गरीब जो वर्तमान में जीकर गुनगुनाते है,गीत खुद की नजर में तब बनता व्यक्ति गरीब जब खो देता है,वो मन का संतोष मीत साखी की नजर में वो होते है,बड़े गरीब जिनके पास पैसा परंतु नही,कोई मित्र ईश्वर की दृष्टि में वो है,सबसे बड़े,गरीब जिनके पास चींटी के बराबर नही,दिल जिनके विचार,गरीब वो भी कम न गरीब उनकी भी साँसों में बहती है,गरीब समीर उनकी न दिखती,आईने में कोई तस्वीर जिनके आत्म शीशे तोड़ चुके,स्वयं पथिक दुनिया मे दीन पैदा होना गुनाह नही,सुधीर गरीब मरते है,जिनके पास न कर्म तदबीर अपने कर्मों से तोड़ सकते,गरीबी जंजीर अपने खुद के कर्मों से बनती है,तकदीर जो जीता खुदी की जिंदगी,वो है,अमीर उसे आती अच्छी नींद,जो मन से है,अमीर पैसे नही तोली जा सकती,अमीरी चरित्र सम्पन्नता तब,जब सूखी रोटी लगे,अमृत बाकी तो सब जमाने बिना निशाने के तीर जिनके जिंदा है,शरीर पर बिक चुके जमीर दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#कविता #cactus  "सबसे बड़ा गरीब"
वो मनुष्य होता है,सबसे बड़ा गरीब
बिक चुका होता है,जिसका ज़मीर
उनसे लाख गुना अच्छे है,फकीर
जो जिंदादिल मन से है,बड़े अमीर
वो अमीर होकर मांगते है,नित भीख
जिसके दिल है,लालच के बेहद करीब
भगवान के दरबार मे वो है,बड़े गरीब
जो दूसरों की मांगते है,उनसे तकलीफ
कहता है,साखी सुनो सब साथी मित्र
दीपक ही दूर कहते है,अंधेरे के चरित्र
वो व्यक्ति हरगिज हो न सकता,गरीब
जिसके इरादों में तम मिटाने का इत्र
वो इस दुनिया असल मे होते है,गरीब
जो पैसा होकर भी उठाते है,तकलीफ़
ऐसे अमीरों से तो अच्छे होते है,गरीब
जो वर्तमान में जीकर गुनगुनाते है,गीत
खुद की नजर में तब बनता व्यक्ति गरीब
जब खो देता है,वो मन का संतोष मीत
साखी की नजर में वो होते है,बड़े गरीब
जिनके पास पैसा परंतु नही,कोई मित्र
ईश्वर की दृष्टि में वो है,सबसे बड़े,गरीब
जिनके पास चींटी के बराबर नही,दिल
जिनके विचार,गरीब वो भी कम न गरीब
उनकी भी साँसों में बहती है,गरीब समीर
उनकी न दिखती,आईने में कोई तस्वीर
जिनके आत्म शीशे तोड़ चुके,स्वयं पथिक
दुनिया मे दीन पैदा होना गुनाह नही,सुधीर
गरीब मरते है,जिनके पास न कर्म तदबीर
अपने कर्मों से तोड़ सकते,गरीबी जंजीर
अपने खुद के कर्मों से बनती है,तकदीर
जो जीता खुदी की जिंदगी,वो है,अमीर
उसे आती अच्छी नींद,जो मन से है,अमीर
पैसे नही तोली जा सकती,अमीरी चरित्र
सम्पन्नता तब,जब सूखी रोटी लगे,अमृत
बाकी तो सब जमाने बिना निशाने के तीर
जिनके जिंदा है,शरीर पर बिक चुके जमीर
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#cactus गरीब

13 Love

#वीडियो #Shorts #viral

Cactus Spines 🤯 #Shorts #viral

72 View

#cactus #CAA

#cactus #CAA

108 View

#Bhakti

श्लोक -10

144 View

BIRTHDAY 🎂 29 DECEMBER HAPPY BIRTHDAY IN ADVANCE ©person

#wishes  BIRTHDAY 
🎂
29 DECEMBER HAPPY BIRTHDAY IN ADVANCE

©person

DATE 10 MAY_2024

18 Love

#rajniti #Quotes #shayri #qoutes #cactus #viral  लूटो! लूटो! लूटो!
सब तरफ से लूटो 
हर तरफ से लूटो 
टेक्स्ट के नाम पर लूटो
पीएम केयर फंड के नाम से लूटो 
कस्टम के नाम से लूटो
इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम से लूटो 
ED के नाम पर लूटो 
जनधन खाता के नाम से लूटो 
फॉर्म अप्लाई के नाम से लूटो
कर्ज माफी करके लूटो 
NPS के नाम से लूटो
विदेशों से कर्जा लूटो

लूटो लूटो मौज उड़ाओ
धर्म है खतरे में बतलाओ 
विकास करेंगे विकास करेंगे
सब्जबाग बस ये दिखलाओ
समृद्ध भारत, विकसित भारत 
जोर-जोर नारे लगवाओ
मोदी की गारंटी देखकर
जुमले की बारिश करवाओ 
जब सब कुछ हो जाए द एंड 
झोला उठाओ भाग जाओ।

©Vijay Vidrohi

"सबसे बड़ा गरीब" वो मनुष्य होता है,सबसे बड़ा गरीब बिक चुका होता है,जिसका ज़मीर उनसे लाख गुना अच्छे है,फकीर जो जिंदादिल मन से है,बड़े अमीर वो अमीर होकर मांगते है,नित भीख जिसके दिल है,लालच के बेहद करीब भगवान के दरबार मे वो है,बड़े गरीब जो दूसरों की मांगते है,उनसे तकलीफ कहता है,साखी सुनो सब साथी मित्र दीपक ही दूर कहते है,अंधेरे के चरित्र वो व्यक्ति हरगिज हो न सकता,गरीब जिसके इरादों में तम मिटाने का इत्र वो इस दुनिया असल मे होते है,गरीब जो पैसा होकर भी उठाते है,तकलीफ़ ऐसे अमीरों से तो अच्छे होते है,गरीब जो वर्तमान में जीकर गुनगुनाते है,गीत खुद की नजर में तब बनता व्यक्ति गरीब जब खो देता है,वो मन का संतोष मीत साखी की नजर में वो होते है,बड़े गरीब जिनके पास पैसा परंतु नही,कोई मित्र ईश्वर की दृष्टि में वो है,सबसे बड़े,गरीब जिनके पास चींटी के बराबर नही,दिल जिनके विचार,गरीब वो भी कम न गरीब उनकी भी साँसों में बहती है,गरीब समीर उनकी न दिखती,आईने में कोई तस्वीर जिनके आत्म शीशे तोड़ चुके,स्वयं पथिक दुनिया मे दीन पैदा होना गुनाह नही,सुधीर गरीब मरते है,जिनके पास न कर्म तदबीर अपने कर्मों से तोड़ सकते,गरीबी जंजीर अपने खुद के कर्मों से बनती है,तकदीर जो जीता खुदी की जिंदगी,वो है,अमीर उसे आती अच्छी नींद,जो मन से है,अमीर पैसे नही तोली जा सकती,अमीरी चरित्र सम्पन्नता तब,जब सूखी रोटी लगे,अमृत बाकी तो सब जमाने बिना निशाने के तीर जिनके जिंदा है,शरीर पर बिक चुके जमीर दिल से विजय विजय कुमार पाराशर-"साखी" ©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#कविता #cactus  "सबसे बड़ा गरीब"
वो मनुष्य होता है,सबसे बड़ा गरीब
बिक चुका होता है,जिसका ज़मीर
उनसे लाख गुना अच्छे है,फकीर
जो जिंदादिल मन से है,बड़े अमीर
वो अमीर होकर मांगते है,नित भीख
जिसके दिल है,लालच के बेहद करीब
भगवान के दरबार मे वो है,बड़े गरीब
जो दूसरों की मांगते है,उनसे तकलीफ
कहता है,साखी सुनो सब साथी मित्र
दीपक ही दूर कहते है,अंधेरे के चरित्र
वो व्यक्ति हरगिज हो न सकता,गरीब
जिसके इरादों में तम मिटाने का इत्र
वो इस दुनिया असल मे होते है,गरीब
जो पैसा होकर भी उठाते है,तकलीफ़
ऐसे अमीरों से तो अच्छे होते है,गरीब
जो वर्तमान में जीकर गुनगुनाते है,गीत
खुद की नजर में तब बनता व्यक्ति गरीब
जब खो देता है,वो मन का संतोष मीत
साखी की नजर में वो होते है,बड़े गरीब
जिनके पास पैसा परंतु नही,कोई मित्र
ईश्वर की दृष्टि में वो है,सबसे बड़े,गरीब
जिनके पास चींटी के बराबर नही,दिल
जिनके विचार,गरीब वो भी कम न गरीब
उनकी भी साँसों में बहती है,गरीब समीर
उनकी न दिखती,आईने में कोई तस्वीर
जिनके आत्म शीशे तोड़ चुके,स्वयं पथिक
दुनिया मे दीन पैदा होना गुनाह नही,सुधीर
गरीब मरते है,जिनके पास न कर्म तदबीर
अपने कर्मों से तोड़ सकते,गरीबी जंजीर
अपने खुद के कर्मों से बनती है,तकदीर
जो जीता खुदी की जिंदगी,वो है,अमीर
उसे आती अच्छी नींद,जो मन से है,अमीर
पैसे नही तोली जा सकती,अमीरी चरित्र
सम्पन्नता तब,जब सूखी रोटी लगे,अमृत
बाकी तो सब जमाने बिना निशाने के तीर
जिनके जिंदा है,शरीर पर बिक चुके जमीर
दिल से विजय
विजय कुमार पाराशर-"साखी"

©Vijay Kumar उपनाम-"साखी"

#cactus गरीब

13 Love

#वीडियो #Shorts #viral

Cactus Spines 🤯 #Shorts #viral

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#cactus #CAA

#cactus #CAA

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#Bhakti

श्लोक -10

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BIRTHDAY 🎂 29 DECEMBER HAPPY BIRTHDAY IN ADVANCE ©person

#wishes  BIRTHDAY 
🎂
29 DECEMBER HAPPY BIRTHDAY IN ADVANCE

©person

DATE 10 MAY_2024

18 Love

#rajniti #Quotes #shayri #qoutes #cactus #viral  लूटो! लूटो! लूटो!
सब तरफ से लूटो 
हर तरफ से लूटो 
टेक्स्ट के नाम पर लूटो
पीएम केयर फंड के नाम से लूटो 
कस्टम के नाम से लूटो
इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम से लूटो 
ED के नाम पर लूटो 
जनधन खाता के नाम से लूटो 
फॉर्म अप्लाई के नाम से लूटो
कर्ज माफी करके लूटो 
NPS के नाम से लूटो
विदेशों से कर्जा लूटो

लूटो लूटो मौज उड़ाओ
धर्म है खतरे में बतलाओ 
विकास करेंगे विकास करेंगे
सब्जबाग बस ये दिखलाओ
समृद्ध भारत, विकसित भारत 
जोर-जोर नारे लगवाओ
मोदी की गारंटी देखकर
जुमले की बारिश करवाओ 
जब सब कुछ हो जाए द एंड 
झोला उठाओ भाग जाओ।

©Vijay Vidrohi
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