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New किथे चली है मोरनी बनके Status, Photo, Video

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#cg_forest #Quotes  White एक डोली चली एक अर्थी चली.......
 बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ 
बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया ,
कहां तू चली...?
अर्थी बोली 
चार तुझमें लगे , चार मुझमें लगे( कंधे ) 
फूल तुझ पर सजे,फूलों मुझ पर सजे,
 फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी ,
तू पिया को चली ,मैं प्रभु को चली...
मांग तेरी भरी, मांग मेरी भरी, 
चूड़ियां तेरी हरी ,चूड़ियां मेरी हरी, 
फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी .... 
तू जहां मैं चली,मैं जहां से चली..
एक सजन तेरा ख़ुश हो जाएगा,
 एक सजन मेरा मुझको रो जाएगा,
 फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी ...

 तू विदा हो चली....
 मैं अलविदा हो चली.....

©भारद्वाज

#cg_forest #,एक डोली चली एक अर्थी चली....... बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया , कहां तू चली...?

135 View

#good_night_images #शायरी #SKG  White क़िस्मत   अजीब   खेल   दिखाती   चली   गई,

जो  हँस  रहे  थे  उन  को  रुलाती  चली  गई..!!
#SKG

©SK  Singhania

#good_night_images क़िस्मत अजीब खेल दिखाती चली गई, जो हँस रहे थे उन को रुलाती चली गई..!! #SKG

135 View

#तू      तू आंखों में ख्वाब बन के रह 
तू जहन में याद बन के रह

मेरी जिंदगी के हर सवालो का 
तू जबाब बन के रह_

कुछ ज्यादा नहीं है ख्वाहिश 
तुझसे इश्क में ऐ मेरे हमदम 

जब तक जिंदा हूं तब तक 
तू मुझमे सांस बन के रह..!

🌿🌺❤️🌺🌿

©Khan Sahab

#तू मेरी आंखों में ख्वाब बनके रह

108 View

#Bhakti

तेरा ही साया बनके तेरे साथ चला मैं

117 View

तूफ़ान बनके आया बंगाल में कहर, दिखता है तबाही में रीमाल का असर, उजड़ी है कई बस्ती उखड़े हजारों पेड़, कुदरत के सामने हुआ विज्ञान बेअसर, विकराल हवाएं थीं बारिश भी बेशुमार, आए हैं इसकी जद में देखो कई शहर, गर्मी से तप रहा है बेहाल हुआ जीवन, मौसम की त्रासदी से अवाम पुर-असर, लू की चपेट लील गई हैं कई जानें, यह नौतपा का रौद्र रूप कैसे हो बसर, हम कैद घरों में ही रहने को हुए बेबस, सुनसान पड़ी सड़कें गमगीन दोपहर, गुंजन थे बदनसीब सुबह देख ना सके, गर्दिश भरी रातों का होता नहीं सहर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#तूफ़ान #कविता  तूफ़ान  बनके  आया  बंगाल में कहर, 
दिखता है तबाही में रीमाल का असर,

उजड़ी है कई बस्ती उखड़े हजारों पेड़,
कुदरत के सामने हुआ विज्ञान बेअसर,

विकराल हवाएं थीं बारिश भी बेशुमार,
आए हैं इसकी जद में देखो कई शहर, 

गर्मी से तप रहा है बेहाल हुआ जीवन, 
मौसम की त्रासदी से अवाम पुर-असर,

लू की  चपेट  लील  गई  हैं कई  जानें,
यह नौतपा का रौद्र रूप कैसे हो बसर,

हम कैद घरों में ही रहने को हुए बेबस, 
सुनसान पड़ी  सड़कें  गमगीन दोपहर,

गुंजन थे बदनसीब सुबह देख ना सके, 
गर्दिश भरी  रातों का  होता नहीं सहर,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              प्रयागराज उ•प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#तूफ़ान बनके आया#

15 Love

#वीडियो #मोरनी
#cg_forest #Quotes  White एक डोली चली एक अर्थी चली.......
 बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ 
बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया ,
कहां तू चली...?
अर्थी बोली 
चार तुझमें लगे , चार मुझमें लगे( कंधे ) 
फूल तुझ पर सजे,फूलों मुझ पर सजे,
 फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी ,
तू पिया को चली ,मैं प्रभु को चली...
मांग तेरी भरी, मांग मेरी भरी, 
चूड़ियां तेरी हरी ,चूड़ियां मेरी हरी, 
फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी .... 
तू जहां मैं चली,मैं जहां से चली..
एक सजन तेरा ख़ुश हो जाएगा,
 एक सजन मेरा मुझको रो जाएगा,
 फर्क इतना ही है अब सुन ले सखी ...

 तू विदा हो चली....
 मैं अलविदा हो चली.....

©भारद्वाज

#cg_forest #,एक डोली चली एक अर्थी चली....... बात दोनों में कुछ इस तरह से चली ........ बोली डोली तुम्हें किसने धोखा दिया , कहां तू चली...?

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#good_night_images #शायरी #SKG  White क़िस्मत   अजीब   खेल   दिखाती   चली   गई,

जो  हँस  रहे  थे  उन  को  रुलाती  चली  गई..!!
#SKG

©SK  Singhania

#good_night_images क़िस्मत अजीब खेल दिखाती चली गई, जो हँस रहे थे उन को रुलाती चली गई..!! #SKG

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#तू      तू आंखों में ख्वाब बन के रह 
तू जहन में याद बन के रह

मेरी जिंदगी के हर सवालो का 
तू जबाब बन के रह_

कुछ ज्यादा नहीं है ख्वाहिश 
तुझसे इश्क में ऐ मेरे हमदम 

जब तक जिंदा हूं तब तक 
तू मुझमे सांस बन के रह..!

🌿🌺❤️🌺🌿

©Khan Sahab

#तू मेरी आंखों में ख्वाब बनके रह

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#Bhakti

तेरा ही साया बनके तेरे साथ चला मैं

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तूफ़ान बनके आया बंगाल में कहर, दिखता है तबाही में रीमाल का असर, उजड़ी है कई बस्ती उखड़े हजारों पेड़, कुदरत के सामने हुआ विज्ञान बेअसर, विकराल हवाएं थीं बारिश भी बेशुमार, आए हैं इसकी जद में देखो कई शहर, गर्मी से तप रहा है बेहाल हुआ जीवन, मौसम की त्रासदी से अवाम पुर-असर, लू की चपेट लील गई हैं कई जानें, यह नौतपा का रौद्र रूप कैसे हो बसर, हम कैद घरों में ही रहने को हुए बेबस, सुनसान पड़ी सड़कें गमगीन दोपहर, गुंजन थे बदनसीब सुबह देख ना सके, गर्दिश भरी रातों का होता नहीं सहर, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra

#तूफ़ान #कविता  तूफ़ान  बनके  आया  बंगाल में कहर, 
दिखता है तबाही में रीमाल का असर,

उजड़ी है कई बस्ती उखड़े हजारों पेड़,
कुदरत के सामने हुआ विज्ञान बेअसर,

विकराल हवाएं थीं बारिश भी बेशुमार,
आए हैं इसकी जद में देखो कई शहर, 

गर्मी से तप रहा है बेहाल हुआ जीवन, 
मौसम की त्रासदी से अवाम पुर-असर,

लू की  चपेट  लील  गई  हैं कई  जानें,
यह नौतपा का रौद्र रूप कैसे हो बसर,

हम कैद घरों में ही रहने को हुए बेबस, 
सुनसान पड़ी  सड़कें  गमगीन दोपहर,

गुंजन थे बदनसीब सुबह देख ना सके, 
गर्दिश भरी  रातों का  होता नहीं सहर,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              प्रयागराज उ•प्र•

©Shashi Bhushan Mishra

#तूफ़ान बनके आया#

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#वीडियो #मोरनी
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