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New सुरभि ज्योति Status, Photo, Video

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White मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये । बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति, देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये । जल से ही जीवन है, महकता आँगन है , सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मनहरण घनाक्षरी :-
लाया नही जल कोई , और नही हल कोई ,
जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये ।
जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,
फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये ।
बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति,
देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये ।
जल से ही जीवन है, महकता आँगन है ,
सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये ।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,

16 Love

कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,

711 View

 कभी कभी भाग जाने का मन करता है,
कहीं दूर ……

क्षितिज से भी पार,
बस इतना दूर,
ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,
एक तुम्हारी मुस्कुराहट,
बाकी इस शहर में मुझे लुभाता कुछ भी नहीं।

©Bhanu Priya

कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,

405 View

#कविता

ईश्वर की असीम कृपा व सभी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं से मेरी प्रथम पुस्तक 'माँ की बातें 'काव्य संग्रह का कवर पेज तैयार होकर आ गया है। यह कार्

126 View

ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्त गुणी जन सब पूजते, पूजा की तिथि विधि ना जानू, मंत्र तंत्र को मैं ना जानू, मैया बस पढ़ुं चालीसा जीवन में माँ करना उजाला, बीच भंवर में फंसी है नैया, आकर लाज बचाना, सद्-बुद्धि का दान ही देना, ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम मैया प्यारी, दया करो महाकाली ©Mahadev Son

#Bhakti  ॐ नमो महाकाली रूपम,
शक्ति तु ज्योति स्वरूपम
शुम्भ निशुम्भ को मारा,
रक्तबीज को संहारा

दुष्टों को संहारने वाली,
भक्तों के दुःख हरने वाली,
सन्त गुणी जन सब पूजते,
पूजा की तिथि विधि ना जानू,

मंत्र तंत्र को मैं ना जानू,
मैया बस पढ़ुं चालीसा 
जीवन में माँ करना उजाला,
बीच भंवर में फंसी है नैया,

आकर लाज बचाना,
सद्-बुद्धि का दान ही देना,
ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम
मैया प्यारी, दया करो महाकाली

©Mahadev Son

ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्

12 Love

#ज्योति #जीवन  इस जीवन की लड़ाई में, यूं हार जीत तो होती है।
यूं आगे बढ़ मत रुकना तू,क्योंकि आगे जीवन ज्योति है।।

©दूध नाथ वरुण

White मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा , फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये । बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति, देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये । जल से ही जीवन है, महकता आँगन है , सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White मनहरण घनाक्षरी :-
लाया नही जल कोई , और नही हल कोई ,
जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये ।
जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,
फिर भी वे लोग कहें , फैक्ट्री तो लगाइये ।
बिन जल जान जाती , मछली की देख जाति,
देख-देख उसे अब , नही मुस्कराइये ।
जल से ही जीवन है, महकता आँगन है ,
सपनो की बगिया में , प्यार बिखराइये ।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी :- लाया नही जल कोई , और नही हल कोई , जल बिन प्राण ज्योति, आस न जगाइये । जल नही आज धरा , संकट ये पास खड़ा ,

16 Love

कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,

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 कभी कभी भाग जाने का मन करता है,
कहीं दूर ……

क्षितिज से भी पार,
बस इतना दूर,
ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,
एक तुम्हारी मुस्कुराहट,
बाकी इस शहर में मुझे लुभाता कुछ भी नहीं।

©Bhanu Priya

कभी कभी भाग जाने का मन करता हैं, कहीं दूर …… क्षितिज से भी पार,बस इतना दूर, ये अंतर्मन की ज्योति बुझती नहीं,

405 View

#कविता

ईश्वर की असीम कृपा व सभी के आशीर्वाद और शुभकामनाओं से मेरी प्रथम पुस्तक 'माँ की बातें 'काव्य संग्रह का कवर पेज तैयार होकर आ गया है। यह कार्

126 View

ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्त गुणी जन सब पूजते, पूजा की तिथि विधि ना जानू, मंत्र तंत्र को मैं ना जानू, मैया बस पढ़ुं चालीसा जीवन में माँ करना उजाला, बीच भंवर में फंसी है नैया, आकर लाज बचाना, सद्-बुद्धि का दान ही देना, ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम मैया प्यारी, दया करो महाकाली ©Mahadev Son

#Bhakti  ॐ नमो महाकाली रूपम,
शक्ति तु ज्योति स्वरूपम
शुम्भ निशुम्भ को मारा,
रक्तबीज को संहारा

दुष्टों को संहारने वाली,
भक्तों के दुःख हरने वाली,
सन्त गुणी जन सब पूजते,
पूजा की तिथि विधि ना जानू,

मंत्र तंत्र को मैं ना जानू,
मैया बस पढ़ुं चालीसा 
जीवन में माँ करना उजाला,
बीच भंवर में फंसी है नैया,

आकर लाज बचाना,
सद्-बुद्धि का दान ही देना,
ॐ नमो माँ काली शक्ति स्वरूपम
मैया प्यारी, दया करो महाकाली

©Mahadev Son

ॐ नमो महाकाली रूपम, शक्ति तु ज्योति स्वरूपम शुम्भ निशुम्भ को मारा, रक्तबीज को संहारा दुष्टों को संहारने वाली, भक्तों के दुःख हरने वाली, सन्

12 Love

#ज्योति #जीवन  इस जीवन की लड़ाई में, यूं हार जीत तो होती है।
यूं आगे बढ़ मत रुकना तू,क्योंकि आगे जीवन ज्योति है।।

©दूध नाथ वरुण
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