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New story 50 shades of grey Status, Photo, Video

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White वो जो भय था, अब जी लिया। जो कुछ भी, नहीं होना चाहिए था, अच्छा हुआ, वैसा कुछ भी नहीं हुआ। एक अंधेरी, कैद से, मुक्त हुआ हूं आज। बहुत दिन बाद, आज थोड़ी खुशी मिली मैं जी भर के जी लिया। अब नहीं पड़ेगा, घड़ी घड़ी समझाना, वो भी जो समझना ही नहीं चाहता। माफी मुंह से तो मांगता है, हृदय से, सिर्फ अपना स्वार्थ ही चाहता। नहीं चाहिए, भीख अपनेपन की रखो अपना, संबंध, नहीं कोई लालसा। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#End  White वो जो भय था, अब जी लिया।
जो कुछ भी, नहीं होना चाहिए था,
अच्छा हुआ, वैसा कुछ भी नहीं हुआ।

एक अंधेरी, कैद से, मुक्त हुआ हूं आज।
बहुत दिन बाद, आज थोड़ी खुशी मिली 
मैं जी भर के जी लिया।

अब नहीं पड़ेगा, घड़ी घड़ी समझाना, वो भी
जो समझना ही नहीं चाहता।
माफी मुंह से तो मांगता है, 
हृदय से, सिर्फ अपना स्वार्थ ही चाहता।
नहीं चाहिए, भीख अपनेपन की
रखो अपना, संबंध, नहीं कोई लालसा।

©mautila registan(Naveen Pandey)

#End of story

12 Love

#clothes  Elegant Grey

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

81 View

#clothes  Net Lehenga Choli in Grey colour

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

99 View

#SAD

love story of love 😍

99 View

#wishes

story of life

108 View

दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा, तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं। ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर, इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं। जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं। साया फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर, शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं। तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है, तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं। हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त ) उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद ) सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण ) शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार ) शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात ) दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है ) क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद ) आगोश-ए-सागर ( सागर के गले ) ©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey  दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा,
तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं।

ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर,
इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं।

जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक
तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं।

साया  फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर,
शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं।

तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है,
तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं।


हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त )
उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद )
सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण )
शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार )
शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात )
दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है )
क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद )
आगोश-ए-सागर ( सागर के गले )

©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey

14 Love

White वो जो भय था, अब जी लिया। जो कुछ भी, नहीं होना चाहिए था, अच्छा हुआ, वैसा कुछ भी नहीं हुआ। एक अंधेरी, कैद से, मुक्त हुआ हूं आज। बहुत दिन बाद, आज थोड़ी खुशी मिली मैं जी भर के जी लिया। अब नहीं पड़ेगा, घड़ी घड़ी समझाना, वो भी जो समझना ही नहीं चाहता। माफी मुंह से तो मांगता है, हृदय से, सिर्फ अपना स्वार्थ ही चाहता। नहीं चाहिए, भीख अपनेपन की रखो अपना, संबंध, नहीं कोई लालसा। ©mautila registan(Naveen Pandey)

#End  White वो जो भय था, अब जी लिया।
जो कुछ भी, नहीं होना चाहिए था,
अच्छा हुआ, वैसा कुछ भी नहीं हुआ।

एक अंधेरी, कैद से, मुक्त हुआ हूं आज।
बहुत दिन बाद, आज थोड़ी खुशी मिली 
मैं जी भर के जी लिया।

अब नहीं पड़ेगा, घड़ी घड़ी समझाना, वो भी
जो समझना ही नहीं चाहता।
माफी मुंह से तो मांगता है, 
हृदय से, सिर्फ अपना स्वार्थ ही चाहता।
नहीं चाहिए, भीख अपनेपन की
रखो अपना, संबंध, नहीं कोई लालसा।

©mautila registan(Naveen Pandey)

#End of story

12 Love

#clothes  Elegant Grey

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

81 View

#clothes  Net Lehenga Choli in Grey colour

©Twinkle C S

Elegant Grey #clothes

99 View

#SAD

love story of love 😍

99 View

#wishes

story of life

108 View

दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा, तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं। ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर, इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं। जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं। साया फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर, शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं। तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है, तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं। हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त ) उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद ) सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण ) शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार ) शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात ) दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है ) क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद ) आगोश-ए-सागर ( सागर के गले ) ©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey  दूर से आती आवाज़ें पहचानने से क्या होगा,
तेरा यहाँ कोई हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास नहीं।

ग़ैर की महफिलों में खुश रहने की कोशिशें तमाम कर,
इश्क़ की तन्हाईयाँ छोडेंगी कभी तेरा साथ नहीं।

जिसकी उम्मीद-ए-आमद में है तेरी आँखों में चमक
तेरे सबब-ए-ग़म से उसे कोई वास्ता ही नहीं।

साया  फ़कत उजालों में होगा तेरा शरीक-ए-सफर,
शब-ए-ग़म में उसे भी है तेरा साथ गवारा नहीं।

तू दरिया-ए-ना-पैदा का क़तरा-ए-ग़म-गश्ता है,
तेरी तक़दीर में आगोश-ए-सागर लिखा ही नहीं।


हम-नफ़्स-ओ-हबीब-ए-ख़ास ( करीब और खास दोस्त )
उम्मीद-ए-आमद ( आने की उम्मीद )
सबब-ए-ग़म ( दु: ख का कारण )
शरीक-ए-सफर ( दु: ख में भागीदार )
शब-ए-ग़म ( दु: ख की रात )
दरिया-ए-ना-पैदा ( नदी जो अजन्मे है; ग़ायब है )
क़तरा-ए-ग़म-गश्ता ( खोई बूंद )
आगोश-ए-सागर ( सागर के गले )

©Sameer Kaul 'Sagar'

#grey

14 Love

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