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New असत्य विधान ओळखा Status, Photo, Video

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दोहा :- जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार । महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।। गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान । पाया दिक्षा ज्ञान की , आज बना इंसान ।। लालायित मैं था बहुत , हूँ गुरुवर सानिध्य । तम जीवन का जो हरे , आप वही आदित्य ।।  कुण्डलिया :- सीखे हमने छन्द के , जिनसे चन्द विधान । चलो करें गुरुदेव का , छन्दों से सम्मान ।। छन्दों से सम्मान ,  बढ़ाए मिलकर गौरव । इतने हम हैं शिष्य , नही थे उतने कौरव ।। मीठे प्यारे बोल , नहीं वे होते तीखे । मन की कहना बात , उन्हीं गुरुवर से सीखे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार ।
महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।।

गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान ।
पाया दिक्षा ज्ञान की , आज बना इंसान ।।

लालायित मैं था बहुत , हूँ गुरुवर सानिध्य ।
तम जीवन का जो हरे , आप वही आदित्य ।। 


कुण्डलिया :-
सीखे हमने छन्द के , जिनसे चन्द विधान ।
चलो करें गुरुदेव का , छन्दों से सम्मान ।।
छन्दों से सम्मान ,  बढ़ाए मिलकर गौरव ।
इतने हम हैं शिष्य , नही थे उतने कौरव ।।
मीठे प्यारे बोल , नहीं वे होते तीखे ।
मन की कहना बात , उन्हीं गुरुवर से सीखे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार । महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।। गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान ।

14 Love

चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है वरना तो सब विधि का विधान है ©Internet Jockey

#Quotes  चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है
वरना तो सब विधि का विधान है

©Internet Jockey

चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है वरना तो सब विधि का विधान है

27 Love

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का। ©Bharat Bhushan pathak

#भक्ति  पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का।
सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।।
राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का।
भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का।

©Bharat Bhushan pathak

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश

15 Love

 चित्रपदा छंद
                                 विधान:-- ८ वर्ण प्रति चरण
                                 चार चरण, दो-दो समतुकांत 
                                     भगण भगण गुरु गुरु
                                       २११   २११  २   २

  नीरद जो घिर आए।         
  तृप्त धरा कर जाए।।
  कानन में हरियाली।
  हर्षित है हर डाली।।
  कोयल गीत सुनाती।
  मंगल आज प्रभाती।
  गूँजित हैं अब भौंरे।
  दादुर ताल किनारे।।
  मेघ खड़े सम सीढ़ी।
  झूम युवागण पीढ़ी।।
  खेल रहे जब होली।
  भींग गये जन टोली।।
  दृश्य मनोहर भाते।
  पुष्प सभी खिल जाते।।
  पूरित ताल तलैया।
  वायु बहे पुरवैया।।


भारत भूषण पाठक'देवांश'

©Bharat Bhushan pathak

#holikadahan #होली#holi#nojotohindi#poetry#साहित्य#छंद चित्रपदा छंद विध

108 View

#पत्रकारिता #अदनासा #सरकार #हिंदी #न्यूज़ #पाखंड

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C4ih10vP7ri/?igsh=OGp2MTU4ajNkbWFh #हिंदी #पत्रकारिता #सत्य #असत्य #पाख

756 View

#Reindeer  
छंद- विजात
छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है।
मापनी- लगागागा लगागागा
१२२२ १२२२
चमकती जब,यहाँ चपला।
करे हे यह,बहुत घपला।
सदा यह प्राण लेती है।
कभी ना त्राण देती है।।१
रहम भी खूब ये करती।
इसी से है, हरी धरती।।
चमकना शान्त हो ऐसे।
चमकता चाँद हो जैसे।।२

©Bharat Bhushan pathak

#Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार

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दोहा :- जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार । महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।। गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान । पाया दिक्षा ज्ञान की , आज बना इंसान ।। लालायित मैं था बहुत , हूँ गुरुवर सानिध्य । तम जीवन का जो हरे , आप वही आदित्य ।।  कुण्डलिया :- सीखे हमने छन्द के , जिनसे चन्द विधान । चलो करें गुरुदेव का , छन्दों से सम्मान ।। छन्दों से सम्मान ,  बढ़ाए मिलकर गौरव । इतने हम हैं शिष्य , नही थे उतने कौरव ।। मीठे प्यारे बोल , नहीं वे होते तीखे । मन की कहना बात , उन्हीं गुरुवर से सीखे ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  दोहा :-
जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार ।
महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।।

गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान ।
पाया दिक्षा ज्ञान की , आज बना इंसान ।।

लालायित मैं था बहुत , हूँ गुरुवर सानिध्य ।
तम जीवन का जो हरे , आप वही आदित्य ।। 


कुण्डलिया :-
सीखे हमने छन्द के , जिनसे चन्द विधान ।
चलो करें गुरुदेव का , छन्दों से सम्मान ।।
छन्दों से सम्मान ,  बढ़ाए मिलकर गौरव ।
इतने हम हैं शिष्य , नही थे उतने कौरव ।।
मीठे प्यारे बोल , नहीं वे होते तीखे ।
मन की कहना बात , उन्हीं गुरुवर से सीखे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार । महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।। गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान ।

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चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है वरना तो सब विधि का विधान है ©Internet Jockey

#Quotes  चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है
वरना तो सब विधि का विधान है

©Internet Jockey

चमत्कार तभी होते हैं जब आस्था होती है वरना तो सब विधि का विधान है

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पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का। ©Bharat Bhushan pathak

#भक्ति  पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का।
सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।।
राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का।
भद्र के ये छाप का अभद्र नाश ताप का।

©Bharat Bhushan pathak

पाप-पुण्य युद्ध में विजय प्रतीक पुण्य का। सत्य से असत्य का प्रतीक जीत सत्य का।। राम नाम जाप का पर्व अम्ब मात का। भद्र के ये छाप का अभद्र नाश

15 Love

 चित्रपदा छंद
                                 विधान:-- ८ वर्ण प्रति चरण
                                 चार चरण, दो-दो समतुकांत 
                                     भगण भगण गुरु गुरु
                                       २११   २११  २   २

  नीरद जो घिर आए।         
  तृप्त धरा कर जाए।।
  कानन में हरियाली।
  हर्षित है हर डाली।।
  कोयल गीत सुनाती।
  मंगल आज प्रभाती।
  गूँजित हैं अब भौंरे।
  दादुर ताल किनारे।।
  मेघ खड़े सम सीढ़ी।
  झूम युवागण पीढ़ी।।
  खेल रहे जब होली।
  भींग गये जन टोली।।
  दृश्य मनोहर भाते।
  पुष्प सभी खिल जाते।।
  पूरित ताल तलैया।
  वायु बहे पुरवैया।।


भारत भूषण पाठक'देवांश'

©Bharat Bhushan pathak

#holikadahan #होली#holi#nojotohindi#poetry#साहित्य#छंद चित्रपदा छंद विध

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#पत्रकारिता #अदनासा #सरकार #हिंदी #न्यूज़ #पाखंड

विडियो सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.instagram.com/reel/C4ih10vP7ri/?igsh=OGp2MTU4ajNkbWFh #हिंदी #पत्रकारिता #सत्य #असत्य #पाख

756 View

#Reindeer  
छंद- विजात
छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार होता है।यह चार चरणों वाला छंद है।क्रमागत दो-दो चरण या चारों चरण समतुकान्त होता है।
मापनी- लगागागा लगागागा
१२२२ १२२२
चमकती जब,यहाँ चपला।
करे हे यह,बहुत घपला।
सदा यह प्राण लेती है।
कभी ना त्राण देती है।।१
रहम भी खूब ये करती।
इसी से है, हरी धरती।।
चमकना शान्त हो ऐसे।
चमकता चाँद हो जैसे।।२

©Bharat Bhushan pathak

#Reindeer छंद- विजात छंद विधान-यह १४ मात्रिक मानव जाति का छंद है। इसकी १,८ वीं मात्रा का लघु होना अनिवार्य है। इसके अंत में २२२ वाचिक भार

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