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New क्रासुला का पौधा कहाँ मिलेगा Status, Photo, Video

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White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है― आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें? ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #कहाँ #sad_shayari #Quotes  White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें
आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें
बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है―
आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें?

©Ghumnam Gautam
#जाएँ  White 
जाएँ तो जाएँ कहाँ, नहीं कहीं भी ठौर।
कोई नहिं अपना यहां, है स्वार्थ का दौर।।

 जाएँ तो जाएँ कहाँ, सीधे सच्चे लोग।
शैतानों के बीच रह, कष्ट रहे हैं भोग।।

जाएँ तो जाएं कहाँ, लेकर मन की बात।
कड़वी होती है बड़ी, सीधी सच्ची बात।।

धीरज होना चाहिए, बदलेंगे हालात।
जाएँ तो जाएँ कहां, सब देते आघात।।

जाएँ तो जाएँ कहाँ, अपने घर को छोड़।
रूठ गये हमसे सभी,चल रहे मुंह मोड़।।

बैठे हैं चुपचाप हम, आई किसकी याद।
जाएँ तो जाएँ कहाँ, सुने कौन फरियाद।।

स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर

©Nilam Agarwalla

#जाएँ तो जाएँ कहाँ

90 View

White दुनियां का भी दस्तूर निराला है जो जितना गद्दार उसको अपने लिए उतना ही वफ़ादार इंसान चाहिए, जो खुद ही खुद की गद्दारी बर्दास्त नहीं कर सकता दूसरों से आखिर उम्मीद ही क्या रखता है, की लोग उसकी गद्दारी बर्दास्त करे.. यहां जो दोगे आखिर मे बदले मे वही वापस मिलेगा 😎😆 ©soniya verma

 White दुनियां का भी दस्तूर निराला है
जो जितना गद्दार उसको अपने
लिए उतना ही वफ़ादार इंसान
चाहिए, जो खुद ही खुद की
गद्दारी बर्दास्त नहीं कर सकता
दूसरों से आखिर उम्मीद ही क्या
रखता है, की लोग उसकी गद्दारी
बर्दास्त करे.. यहां जो दोगे आखिर मे
बदले मे वही वापस मिलेगा 😎😆

©soniya verma

##जो बोओगे वाइट मिलेगा ##

11 Love

#कान्ता #वीडियो

#कान्ता ने लगाया अपने जन्मदिन पर पौधा

90 View

#sad_shayari  White 
कहाँ तलाशूँ में सुकून…

कहाँ तलाशूँ में सुकून ,
सुकून की तलाश में कभी-कभी,
मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ ।

कभी-कभी दौड़ पड़ता हूँ ,
अकेला किसी ख़ाली सुनसान रोड पर ,
मोह कुछ पल के लिए जब ,
मैं इस संसार से तोड़ देता हूँ ।

मुझे प्रकृति से प्यार हो गया है जैसे ,
मुझे संगीत से लगाव हो गया है जैसे,
मुझे तालाबों, पोखरों ,
के पास बैठना अच्छा लगने लगा है ।

जब देखता हूँ लोगों के दोहरे स्वभाव को ,
एक में प्यार , दूसरे में ईर्ष्या का भाव को ,
मुझे ख़ुद से प्यार करने के सिवा ,
नहीं लोगों का साथ सच्चा लगने लगा है ।

मैं नहीं करता बहस लोगों से अब,
वो जैसा सोचे मेरे बारे में,
मैं वैसा उनकी सोच पर उन्हें छोड़ देता हूँ ।

कहाँ तलाशूँ में सुकून ,
सुकून की तलाश में कभी-कभी,
मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ ।

©Ravindra Singh

कहाँ तलाशूँ में सुकून… #sad_shayari

126 View

White तुम्हें ही सोचूं ये कहाँ तक ठीक है चांद तारों से कहकर तुम्हें मनाऊं ये कहा तक ठीक है आँखों की ज़ुबान तो बेजुबान भी समझ लेते हैं समझदारों को समझाऊं ये कहा तक ठीक है चांद,तारों,पेड़,पौधों,पशु,पक्षियों किससे नहीं तेरा ज़िक्र किया सब समझ गए,एक तुम न समझो ये कहाँ तक ठीक है काश बिना कहे पढ़ लेते तुम मेरा मन तुम्हें हर बात समझाऊं ये कहाँ तक ठीक है ©Richa Dhar

#कविता #goodnightimages  White तुम्हें ही सोचूं ये कहाँ तक ठीक है
चांद तारों से कहकर तुम्हें मनाऊं ये कहा तक ठीक है

आँखों की ज़ुबान तो बेजुबान भी समझ लेते हैं
समझदारों को समझाऊं ये कहा तक ठीक है

चांद,तारों,पेड़,पौधों,पशु,पक्षियों किससे नहीं तेरा ज़िक्र किया
सब समझ गए,एक तुम न समझो ये कहाँ तक ठीक है

काश बिना कहे पढ़ लेते तुम मेरा मन
तुम्हें हर बात समझाऊं ये कहाँ तक ठीक है

©Richa Dhar

#goodnightimages कहाँ तक ठीक है

10 Love

White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है― आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें? ©Ghumnam Gautam

#ghumnamgautam #कहाँ #sad_shayari #Quotes  White क़दम बाद में रक्खें पहले निज कदमों के निशाँ रखें
आग अगर होना है तो पहले ख़ुद में धुआँ रखें
बाक़ी सब तो ठीक है लेकिन केवल एक ही उलझन है―
आँखों में यदि तुम्हें रखें तो नीद और सपने कहाँ रखें?

©Ghumnam Gautam
#जाएँ  White 
जाएँ तो जाएँ कहाँ, नहीं कहीं भी ठौर।
कोई नहिं अपना यहां, है स्वार्थ का दौर।।

 जाएँ तो जाएँ कहाँ, सीधे सच्चे लोग।
शैतानों के बीच रह, कष्ट रहे हैं भोग।।

जाएँ तो जाएं कहाँ, लेकर मन की बात।
कड़वी होती है बड़ी, सीधी सच्ची बात।।

धीरज होना चाहिए, बदलेंगे हालात।
जाएँ तो जाएँ कहां, सब देते आघात।।

जाएँ तो जाएँ कहाँ, अपने घर को छोड़।
रूठ गये हमसे सभी,चल रहे मुंह मोड़।।

बैठे हैं चुपचाप हम, आई किसकी याद।
जाएँ तो जाएँ कहाँ, सुने कौन फरियाद।।

स्वरचित -निलम अग्रवाला, खड़गपुर

©Nilam Agarwalla

#जाएँ तो जाएँ कहाँ

90 View

White दुनियां का भी दस्तूर निराला है जो जितना गद्दार उसको अपने लिए उतना ही वफ़ादार इंसान चाहिए, जो खुद ही खुद की गद्दारी बर्दास्त नहीं कर सकता दूसरों से आखिर उम्मीद ही क्या रखता है, की लोग उसकी गद्दारी बर्दास्त करे.. यहां जो दोगे आखिर मे बदले मे वही वापस मिलेगा 😎😆 ©soniya verma

 White दुनियां का भी दस्तूर निराला है
जो जितना गद्दार उसको अपने
लिए उतना ही वफ़ादार इंसान
चाहिए, जो खुद ही खुद की
गद्दारी बर्दास्त नहीं कर सकता
दूसरों से आखिर उम्मीद ही क्या
रखता है, की लोग उसकी गद्दारी
बर्दास्त करे.. यहां जो दोगे आखिर मे
बदले मे वही वापस मिलेगा 😎😆

©soniya verma

##जो बोओगे वाइट मिलेगा ##

11 Love

#कान्ता #वीडियो

#कान्ता ने लगाया अपने जन्मदिन पर पौधा

90 View

#sad_shayari  White 
कहाँ तलाशूँ में सुकून…

कहाँ तलाशूँ में सुकून ,
सुकून की तलाश में कभी-कभी,
मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ ।

कभी-कभी दौड़ पड़ता हूँ ,
अकेला किसी ख़ाली सुनसान रोड पर ,
मोह कुछ पल के लिए जब ,
मैं इस संसार से तोड़ देता हूँ ।

मुझे प्रकृति से प्यार हो गया है जैसे ,
मुझे संगीत से लगाव हो गया है जैसे,
मुझे तालाबों, पोखरों ,
के पास बैठना अच्छा लगने लगा है ।

जब देखता हूँ लोगों के दोहरे स्वभाव को ,
एक में प्यार , दूसरे में ईर्ष्या का भाव को ,
मुझे ख़ुद से प्यार करने के सिवा ,
नहीं लोगों का साथ सच्चा लगने लगा है ।

मैं नहीं करता बहस लोगों से अब,
वो जैसा सोचे मेरे बारे में,
मैं वैसा उनकी सोच पर उन्हें छोड़ देता हूँ ।

कहाँ तलाशूँ में सुकून ,
सुकून की तलाश में कभी-कभी,
मैं अपना रुख़ जंगलों की ओर मोड़ देता हूँ ।

©Ravindra Singh

कहाँ तलाशूँ में सुकून… #sad_shayari

126 View

White तुम्हें ही सोचूं ये कहाँ तक ठीक है चांद तारों से कहकर तुम्हें मनाऊं ये कहा तक ठीक है आँखों की ज़ुबान तो बेजुबान भी समझ लेते हैं समझदारों को समझाऊं ये कहा तक ठीक है चांद,तारों,पेड़,पौधों,पशु,पक्षियों किससे नहीं तेरा ज़िक्र किया सब समझ गए,एक तुम न समझो ये कहाँ तक ठीक है काश बिना कहे पढ़ लेते तुम मेरा मन तुम्हें हर बात समझाऊं ये कहाँ तक ठीक है ©Richa Dhar

#कविता #goodnightimages  White तुम्हें ही सोचूं ये कहाँ तक ठीक है
चांद तारों से कहकर तुम्हें मनाऊं ये कहा तक ठीक है

आँखों की ज़ुबान तो बेजुबान भी समझ लेते हैं
समझदारों को समझाऊं ये कहा तक ठीक है

चांद,तारों,पेड़,पौधों,पशु,पक्षियों किससे नहीं तेरा ज़िक्र किया
सब समझ गए,एक तुम न समझो ये कहाँ तक ठीक है

काश बिना कहे पढ़ लेते तुम मेरा मन
तुम्हें हर बात समझाऊं ये कहाँ तक ठीक है

©Richa Dhar

#goodnightimages कहाँ तक ठीक है

10 Love

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