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New रातें कैसे कटे वो दिन Status, Photo, Video

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#nainsvoice #Singing

...जाने वो कैसे लोग थे... . #nainsvoice #Singing #Nojoto

144 View

#शायरी

वो खास दिन!!

0 View

White आपस में हम बँटे हुए हैं, एक-दूजे से कटे हुए हैं, तोता जैसे फँसे जाल में, किंतु मंत्र सब रटे हुए हैं, ख़ुशियों से है दूर का नाता, गम से कितने सटे हुए हैं, गैरों संग करे गल बहियाँ, रिश्ते नाते छँटे हुए हैं, लुटा रहे श्वास की पूँजी, पर मैदान में डटे हुए हैं, बाहर से दिखते चमकीले, अंदर कितने फटे हुए हैं, हृदय प्यास से तड़पे गुंजन, मनमर्जी स्वर पटे हुए हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #एक  White आपस में हम बँटे हुए हैं, 
एक-दूजे  से  कटे हुए हैं,

तोता जैसे  फँसे जाल में, 
किंतु  मंत्र सब रटे हुए हैं,

ख़ुशियों से है दूर का नाता,
गम से  कितने सटे हुए हैं,

गैरों संग करे गल बहियाँ, 
रिश्ते  नाते   छँटे   हुए हैं,

लुटा रहे  श्वास की  पूँजी,
पर  मैदान  में  डटे हुए हैं,

बाहर से दिखते चमकीले, 
अंदर कितने   फटे हुए हैं,

हृदय प्यास से तड़पे गुंजन,
मनमर्जी स्वर  पटे  हुए  हैं,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#एक-दूजे से कटे हुए हैं#

12 Love

#ज़िन्दगी #bachpan  वो दिन थे बेहद खास,
जब मम्मी पापा होते थे पास,
अब तो जिंदगी से है बस यही आस,
दोबारा बचपन लौट आए मेरे पास..!

न थी चिंता न थी कोई फिक्र,
याद आया आज वो बिता लम्हा,
जब तुमने किया बचपन का जिक्र..!

©Sanjeev Suman

#bachpan #वो दिन थे बेहद खास

108 View

#कविता  वो भी क्या दिन थे.
ज़ब हम भी यारों क़ी महफिल मे
शिरकत करते थे
फिर वक़्त क्या बदला कि सब कुछ. बदल गया
आज हम अपने बिस्तर पर पड़े पड़े
या तो आसमान के तारो से मुख़ातिब होते है..
याफिर अपनी मंद होती हुई साँसो
क़ो गिनते है

©Arora PR

वो भी क्या दिन थे

135 View

 विघार्थी जीवन 

यूं तो बेखौफ निड़र होते हैं बच्चे,
अपने सपनों से अनजान अपनी ही मस्ती में मस्त रहते,
जब मन करता पढ़ते और खेलते हैं,
थोड़े शरारती थोड़े नौटंकीबाज भी होते हैं,

ढाल दो जिस सांचे में ढल जाते हैं,
प्यार अपनेपन की भाषा को वो जानते हैं,
लड़ाई झगड़ा पल भर में भूल जाते हैं,
ये बच्चे तो कागज के फूल है,
जो मनचाही राहों पर मुड़ जाते हैं,

बेशक मां बच्चो की सबसे बड़ी गुरु कहलाती है,
फिर भी गुरु से मिला ज्ञान का भी उतना महत्व है,
इसलिए बच्चों को विघालय में भेजा जाता है,
ताकि सीख सकें शिष्टाचार अनुशासन का भी वो पाठ,
आत्मविश्वासी हो बोलने में सशक्त बने,
और अपनी पहचान बनाएं,

शुरुआती दिनों में बच्चों को होती है मुश्किल,
जाने में करते कभी कभी आनाकानी है,
पर धीरे धीरे नये नये दोस्त बनाते,
क ख ग बोलना भी सीख जाते,


 सच कहूं तो स्कूल लाइफ बेस्ट लाइफ होती है,
यह बात बाद में सबको समझ आती है,
और फिर,
उन दिनो को याद कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,
वो टाई बेल्ट दो चुटिया रिबन लगा कैसे कार्टून लगते थे,
और मटक मटक कर जो हम स्कूल जाते थे,
जाते जाते किसी की खिड़की पर पत्थर फैक आते थे,
तो कभी स्कूल बहाने खेलने चले जाते थे,

आज बड़े होकर स्कूल जाने का मन करता है,
और पहले स्कूल जाने से भी डर लगता था,
हम भी कितने अजीब है,
जो बीत गया समय उसको याद कर मुस्कुराते हैं
और जो चल रहा समय उसे रो रोकर बिताते हैं।

©Pinki Khandelwal

वो दिन आज भी याद आते हैं...।

117 View

#nainsvoice #Singing

...जाने वो कैसे लोग थे... . #nainsvoice #Singing #Nojoto

144 View

#शायरी

वो खास दिन!!

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White आपस में हम बँटे हुए हैं, एक-दूजे से कटे हुए हैं, तोता जैसे फँसे जाल में, किंतु मंत्र सब रटे हुए हैं, ख़ुशियों से है दूर का नाता, गम से कितने सटे हुए हैं, गैरों संग करे गल बहियाँ, रिश्ते नाते छँटे हुए हैं, लुटा रहे श्वास की पूँजी, पर मैदान में डटे हुए हैं, बाहर से दिखते चमकीले, अंदर कितने फटे हुए हैं, हृदय प्यास से तड़पे गुंजन, मनमर्जी स्वर पटे हुए हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #एक  White आपस में हम बँटे हुए हैं, 
एक-दूजे  से  कटे हुए हैं,

तोता जैसे  फँसे जाल में, 
किंतु  मंत्र सब रटे हुए हैं,

ख़ुशियों से है दूर का नाता,
गम से  कितने सटे हुए हैं,

गैरों संग करे गल बहियाँ, 
रिश्ते  नाते   छँटे   हुए हैं,

लुटा रहे  श्वास की  पूँजी,
पर  मैदान  में  डटे हुए हैं,

बाहर से दिखते चमकीले, 
अंदर कितने   फटे हुए हैं,

हृदय प्यास से तड़पे गुंजन,
मनमर्जी स्वर  पटे  हुए  हैं,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#एक-दूजे से कटे हुए हैं#

12 Love

#ज़िन्दगी #bachpan  वो दिन थे बेहद खास,
जब मम्मी पापा होते थे पास,
अब तो जिंदगी से है बस यही आस,
दोबारा बचपन लौट आए मेरे पास..!

न थी चिंता न थी कोई फिक्र,
याद आया आज वो बिता लम्हा,
जब तुमने किया बचपन का जिक्र..!

©Sanjeev Suman

#bachpan #वो दिन थे बेहद खास

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#कविता  वो भी क्या दिन थे.
ज़ब हम भी यारों क़ी महफिल मे
शिरकत करते थे
फिर वक़्त क्या बदला कि सब कुछ. बदल गया
आज हम अपने बिस्तर पर पड़े पड़े
या तो आसमान के तारो से मुख़ातिब होते है..
याफिर अपनी मंद होती हुई साँसो
क़ो गिनते है

©Arora PR

वो भी क्या दिन थे

135 View

 विघार्थी जीवन 

यूं तो बेखौफ निड़र होते हैं बच्चे,
अपने सपनों से अनजान अपनी ही मस्ती में मस्त रहते,
जब मन करता पढ़ते और खेलते हैं,
थोड़े शरारती थोड़े नौटंकीबाज भी होते हैं,

ढाल दो जिस सांचे में ढल जाते हैं,
प्यार अपनेपन की भाषा को वो जानते हैं,
लड़ाई झगड़ा पल भर में भूल जाते हैं,
ये बच्चे तो कागज के फूल है,
जो मनचाही राहों पर मुड़ जाते हैं,

बेशक मां बच्चो की सबसे बड़ी गुरु कहलाती है,
फिर भी गुरु से मिला ज्ञान का भी उतना महत्व है,
इसलिए बच्चों को विघालय में भेजा जाता है,
ताकि सीख सकें शिष्टाचार अनुशासन का भी वो पाठ,
आत्मविश्वासी हो बोलने में सशक्त बने,
और अपनी पहचान बनाएं,

शुरुआती दिनों में बच्चों को होती है मुश्किल,
जाने में करते कभी कभी आनाकानी है,
पर धीरे धीरे नये नये दोस्त बनाते,
क ख ग बोलना भी सीख जाते,


 सच कहूं तो स्कूल लाइफ बेस्ट लाइफ होती है,
यह बात बाद में सबको समझ आती है,
और फिर,
उन दिनो को याद कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है,
वो टाई बेल्ट दो चुटिया रिबन लगा कैसे कार्टून लगते थे,
और मटक मटक कर जो हम स्कूल जाते थे,
जाते जाते किसी की खिड़की पर पत्थर फैक आते थे,
तो कभी स्कूल बहाने खेलने चले जाते थे,

आज बड़े होकर स्कूल जाने का मन करता है,
और पहले स्कूल जाने से भी डर लगता था,
हम भी कितने अजीब है,
जो बीत गया समय उसको याद कर मुस्कुराते हैं
और जो चल रहा समय उसे रो रोकर बिताते हैं।

©Pinki Khandelwal

वो दिन आज भी याद आते हैं...।

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