tags

New पाखंडी गीत Status, Photo, Video

Find the latest Status about पाखंडी गीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about पाखंडी गीत.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#Motivational  White जिस देश में कन्या का पूजन भी हो और उसे गर्भ में मारा भी जाता हो, ऐसे लोगों की मानसिक्ता को आप किस श्रेणी में रखेंगे? विडंबना तो यह है कि यह कन्या पूजन करने वाले देश भारत का ही एक क्रूर चेहरा है। हमारे यहाँ जितनी श्रद्धा व सम्मान से कन्या का पूजन किया जाता है, उससे भी कहीं ज्यादा क्रूरता से उसको मारा भी जाता है। आज कहने को तो सब कहते हैं कि पुत्र और पुत्री, स्त्री-पुरुष में कोई फर्क नहीं परंतु सच्चाई कुछ और है। हम मनसा देवी, चिंतपुरनी की पूजा तो करते हैं, लेकिन जब यही देवी हमारे घर बेटी रूप में जन्म लेने लगती है तो अपनी देवी रूपी कन्या के प्रति हमारे मन की सारी भावना काफर हो जाती है। हम इसे चिंतपुरनी की कृपा नहीं अपितु अपनी चिंता मान लेते हैं। दूसरा जिन लड़कों को पाने के लिए कन्या भ्रूण हत्या की जाती है, क्या कभी उन लड़कों की कहीं पूजा होती देखी है? बडे़ शर्म की बात है, कि जिस कन्या को घर बुलाकर उसकी पूजा करते हैं, जब उसकी आहट खुद के द्वार पर होती है तो उसे आने से पहले ही मसल दिया जाता है। आज का पाखंडी समाज अपनी ही जननी का समूल नाश करने पर आमदा है।

©सत्यमेव जयते

पाखंडी समाज

153 View

#कविता  White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के
लिए नए छंद .  
असमान  से ऊतरे 

लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि  उसे धरती के साथ.
चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ

©Arora PR

नया गीत

126 View

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#beingoriginal #nojotohindi #Pakhandi #baba

पाखंडी, विधर्मी #beingoriginal #nojotohindi #Pakhandi #baba

135 View

#कविता  पास जिसके है प्रीत की दौलत,
प्राप्त उसको हो जीत की दौलत। सतीश तिवारी 'सरस'

गीत

108 View

शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया --------------------------------------------------------------- हम वह मिले तो हाथ मिलाया बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।। बात हुई पलभर के लिए। हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।। हम वह मिले तो-------------------।। इस इंसान को क्या हो गया है। रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।। दौड़ रहा है सुख पाने को। दौलत का भूत यह हो गया है।। रुकता नहीं करने को विश्राम। हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।। हम वह मिले तो-----------------।। बेच दिया इसने ईमान अपना। मार दिया इसने इंसान अपना।। छोड़ दिया है करना शर्म भी। भूल गया यह भगवान अपना।। लूट रहा है मुफ़लिसों को। हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।। हम वह मिले तो-----------------।। हमसे मिलन भूल गया वह कल का। हमसे वादा भूल गया वह कल का।। झूठा है उसका प्यार और रिश्ता। हमसे प्यार भूल गया वह कल का।। उसके लिए अजनबी है अब हम। हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।। हम वह मिले तो------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#शायरी #गीत  शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया
---------------------------------------------------------------
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
 बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।।
बात हुई पलभर के लिए।
हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।।
हम वह मिले तो-------------------।।

इस इंसान को क्या हो गया है।
रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।।
दौड़ रहा है सुख पाने को।
दौलत का भूत यह हो गया है।।
रुकता नहीं करने को विश्राम।
हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

बेच दिया इसने ईमान अपना।
मार दिया इसने इंसान अपना।।
छोड़ दिया है करना शर्म भी।
भूल गया यह भगवान अपना।।
लूट रहा है मुफ़लिसों को।
हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

हमसे मिलन भूल गया वह कल का।
हमसे वादा भूल गया वह कल का।।
झूठा है उसका प्यार और रिश्ता।
हमसे प्यार भूल गया वह कल का।।
उसके लिए अजनबी है अब हम।
हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।।
हम वह मिले तो------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

10 Love

#Motivational  White जिस देश में कन्या का पूजन भी हो और उसे गर्भ में मारा भी जाता हो, ऐसे लोगों की मानसिक्ता को आप किस श्रेणी में रखेंगे? विडंबना तो यह है कि यह कन्या पूजन करने वाले देश भारत का ही एक क्रूर चेहरा है। हमारे यहाँ जितनी श्रद्धा व सम्मान से कन्या का पूजन किया जाता है, उससे भी कहीं ज्यादा क्रूरता से उसको मारा भी जाता है। आज कहने को तो सब कहते हैं कि पुत्र और पुत्री, स्त्री-पुरुष में कोई फर्क नहीं परंतु सच्चाई कुछ और है। हम मनसा देवी, चिंतपुरनी की पूजा तो करते हैं, लेकिन जब यही देवी हमारे घर बेटी रूप में जन्म लेने लगती है तो अपनी देवी रूपी कन्या के प्रति हमारे मन की सारी भावना काफर हो जाती है। हम इसे चिंतपुरनी की कृपा नहीं अपितु अपनी चिंता मान लेते हैं। दूसरा जिन लड़कों को पाने के लिए कन्या भ्रूण हत्या की जाती है, क्या कभी उन लड़कों की कहीं पूजा होती देखी है? बडे़ शर्म की बात है, कि जिस कन्या को घर बुलाकर उसकी पूजा करते हैं, जब उसकी आहट खुद के द्वार पर होती है तो उसे आने से पहले ही मसल दिया जाता है। आज का पाखंडी समाज अपनी ही जननी का समूल नाश करने पर आमदा है।

©सत्यमेव जयते

पाखंडी समाज

153 View

#कविता  White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के
लिए नए छंद .  
असमान  से ऊतरे 

लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि  उसे धरती के साथ.
चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ

©Arora PR

नया गीत

126 View

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#beingoriginal #nojotohindi #Pakhandi #baba

पाखंडी, विधर्मी #beingoriginal #nojotohindi #Pakhandi #baba

135 View

#कविता  पास जिसके है प्रीत की दौलत,
प्राप्त उसको हो जीत की दौलत। सतीश तिवारी 'सरस'

गीत

108 View

शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया --------------------------------------------------------------- हम वह मिले तो हाथ मिलाया बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।। बात हुई पलभर के लिए। हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।। हम वह मिले तो-------------------।। इस इंसान को क्या हो गया है। रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।। दौड़ रहा है सुख पाने को। दौलत का भूत यह हो गया है।। रुकता नहीं करने को विश्राम। हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।। हम वह मिले तो-----------------।। बेच दिया इसने ईमान अपना। मार दिया इसने इंसान अपना।। छोड़ दिया है करना शर्म भी। भूल गया यह भगवान अपना।। लूट रहा है मुफ़लिसों को। हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।। हम वह मिले तो-----------------।। हमसे मिलन भूल गया वह कल का। हमसे वादा भूल गया वह कल का।। झूठा है उसका प्यार और रिश्ता। हमसे प्यार भूल गया वह कल का।। उसके लिए अजनबी है अब हम। हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।। हम वह मिले तो------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#शायरी #गीत  शीर्षक - हम वह मिले तो हाथ मिलाया
---------------------------------------------------------------
हम वह मिले तो हाथ मिलाया
 बढ़ने को आगे हाथ हिलाया।।
बात हुई पलभर के लिए।
हाय ! यह भी कोई मिलना हुआ।।
हम वह मिले तो-------------------।।

इस इंसान को क्या हो गया है।
रोग इसे ऐसा क्या हो गया है।।
दौड़ रहा है सुख पाने को।
दौलत का भूत यह हो गया है।।
रुकता नहीं करने को विश्राम।
हाय ! यह भी कोई जीना हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

बेच दिया इसने ईमान अपना।
मार दिया इसने इंसान अपना।।
छोड़ दिया है करना शर्म भी।
भूल गया यह भगवान अपना।।
लूट रहा है मुफ़लिसों को।
हाय ! यह भी कोई इंसान हुआ।।
हम वह मिले तो-----------------।।

हमसे मिलन भूल गया वह कल का।
हमसे वादा भूल गया वह कल का।।
झूठा है उसका प्यार और रिश्ता।
हमसे प्यार भूल गया वह कल का।।
उसके लिए अजनबी है अब हम।
हाय ! यह भी कोई साथी हुआ।।
हम वह मिले तो------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

10 Love

Trending Topic