tags

New आँखों में आँसू लेके होतो से मुस्कुरा Status, Photo, Video

Find the latest Status about आँखों में आँसू लेके होतो से मुस्कुरा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about आँखों में आँसू लेके होतो से मुस्कुरा.

  • Latest
  • Popular
  • Video

परिधानों से लाज ढाँपती नज़रों में छुप जाती थी, लज्जा बसती थी आँखों में मन ही मन सकुचाती थी, पर्दे के पीछे का सच भी डर की जद में सिमटा था, लोक लाज के डर से नारी अक्सर चुप रह जाती थी, बचपन का वो अल्हड़पन दहलीज जवानी की चढते, खेतों की मेड़ों पर चलती इठलाती बलखाती थी, सावन में मदमस्त नदी सी चली उफनती राह कभी, देख आईने में ख़ुद को नटखट कितनी शर्माती थी, प्रेम और विश्वास अडिग वादे थे जीने मरने के, रूप सलोना फूलों सा कितनी सुंदर कद-काठी थी, माँ बाबूजी भैया भाभी सबके मन में रची-बसी, सखियों के संग हँसी ठिठोली मिलने से घबराती थी, भावुक हृदय सुकोमल काया मन से भोली थी 'गुंजन', बात-बात पर नखरे शोखी नयन अश्रु छलकाती थी, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ •प्र • ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #लज्जा  परिधानों  से  लाज  ढाँपती
                                 नज़रों में छुप जाती थी, 
                             लज्जा बसती थी आँखों में 
                               मन ही मन सकुचाती थी,

पर्दे के पीछे का सच भी  डर की जद में सिमटा था, 
लोक लाज के डर से नारी अक्सर चुप रह जाती थी,

बचपन का वो अल्हड़पन दहलीज जवानी की चढते, 
खेतों की  मेड़ों पर  चलती  इठलाती  बलखाती थी,

सावन  में  मदमस्त नदी सी चली उफनती राह कभी, 
देख  आईने में  ख़ुद को  नटखट कितनी शर्माती थी,

प्रेम  और  विश्वास  अडिग  वादे  थे   जीने मरने  के,
रूप सलोना फूलों सा  कितनी सुंदर  कद-काठी थी,

माँ  बाबूजी  भैया  भाभी  सबके  मन में  रची-बसी, 
सखियों के संग हँसी ठिठोली मिलने से घबराती थी,

भावुक हृदय सुकोमल काया मन से भोली थी 'गुंजन',
बात-बात पर नखरे शोखी नयन अश्रु छलकाती थी,
       ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
               प्रयागराज उ •प्र •

©Shashi Bhushan Mishra

#लज्जा बसती थी आँखों में#

16 Love

#GoodMorning  White कहा से हुनर लेके आई बा दिला
तोड़के 
follow kare

©KUNWA SAY

#GoodMorning कहा से हुनर लेके आई बा दिला तोड़के

72 View

 ..............

©vishnu thore

केवढा हा त्रास होतो....

135 View

 कितनी दूर निकल आये हम इश्क निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने उनको पाते पाते
लोग कहते है दर्द बहुत है तेरी आँखों में
और हम दर्द छुपाते रहे मुस्कुराते मुस्कुराते

©कुमार विनोद

तेरी आँखों में

90 View

 मुस्कराहट तुम्हारे लबों से कभी छूट ना पाए,
 ख़ुदा करे आँसू कभी आँखों में तुम्हारी ना आये,
 हो मुकम्मल हर ख्वाब तुम्हारा,
 ज़िन्दगी तुम्हारी खुशिओं से भर जाए।
 शुभ प्रभात..

©Dil galti kr baitha h

मुस्कराहट तुम्हारे लबों से कभी छूट ना पाए, ख़ुदा करे आँसू कभी आँखों में तुम्हारी ना आये, हो मुकम्मल हर ख्वाब तुम्हारा, ज़िन्दगी तुम्हारी खु

162 View

#सुनहरी   सुनहरी धूप में निकलोगी तुम यूँ मुस्कुरा कर,
देखो तो हवाएँ भी बेकरार हो रही हैं।
 छिप जाता है सूरज तुम्हारी खूबसूरती को देखकर, 
सर्द के मौसम भी बारिश की फुहार हो रही है।

©Aarzoo smriti

#सुनहरी धूप में निकलोगी तुम यूँ मुस्कुरा कर

171 View

परिधानों से लाज ढाँपती नज़रों में छुप जाती थी, लज्जा बसती थी आँखों में मन ही मन सकुचाती थी, पर्दे के पीछे का सच भी डर की जद में सिमटा था, लोक लाज के डर से नारी अक्सर चुप रह जाती थी, बचपन का वो अल्हड़पन दहलीज जवानी की चढते, खेतों की मेड़ों पर चलती इठलाती बलखाती थी, सावन में मदमस्त नदी सी चली उफनती राह कभी, देख आईने में ख़ुद को नटखट कितनी शर्माती थी, प्रेम और विश्वास अडिग वादे थे जीने मरने के, रूप सलोना फूलों सा कितनी सुंदर कद-काठी थी, माँ बाबूजी भैया भाभी सबके मन में रची-बसी, सखियों के संग हँसी ठिठोली मिलने से घबराती थी, भावुक हृदय सुकोमल काया मन से भोली थी 'गुंजन', बात-बात पर नखरे शोखी नयन अश्रु छलकाती थी, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ •प्र • ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #लज्जा  परिधानों  से  लाज  ढाँपती
                                 नज़रों में छुप जाती थी, 
                             लज्जा बसती थी आँखों में 
                               मन ही मन सकुचाती थी,

पर्दे के पीछे का सच भी  डर की जद में सिमटा था, 
लोक लाज के डर से नारी अक्सर चुप रह जाती थी,

बचपन का वो अल्हड़पन दहलीज जवानी की चढते, 
खेतों की  मेड़ों पर  चलती  इठलाती  बलखाती थी,

सावन  में  मदमस्त नदी सी चली उफनती राह कभी, 
देख  आईने में  ख़ुद को  नटखट कितनी शर्माती थी,

प्रेम  और  विश्वास  अडिग  वादे  थे   जीने मरने  के,
रूप सलोना फूलों सा  कितनी सुंदर  कद-काठी थी,

माँ  बाबूजी  भैया  भाभी  सबके  मन में  रची-बसी, 
सखियों के संग हँसी ठिठोली मिलने से घबराती थी,

भावुक हृदय सुकोमल काया मन से भोली थी 'गुंजन',
बात-बात पर नखरे शोखी नयन अश्रु छलकाती थी,
       ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
               प्रयागराज उ •प्र •

©Shashi Bhushan Mishra

#लज्जा बसती थी आँखों में#

16 Love

#GoodMorning  White कहा से हुनर लेके आई बा दिला
तोड़के 
follow kare

©KUNWA SAY

#GoodMorning कहा से हुनर लेके आई बा दिला तोड़के

72 View

 ..............

©vishnu thore

केवढा हा त्रास होतो....

135 View

 कितनी दूर निकल आये हम इश्क निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने उनको पाते पाते
लोग कहते है दर्द बहुत है तेरी आँखों में
और हम दर्द छुपाते रहे मुस्कुराते मुस्कुराते

©कुमार विनोद

तेरी आँखों में

90 View

 मुस्कराहट तुम्हारे लबों से कभी छूट ना पाए,
 ख़ुदा करे आँसू कभी आँखों में तुम्हारी ना आये,
 हो मुकम्मल हर ख्वाब तुम्हारा,
 ज़िन्दगी तुम्हारी खुशिओं से भर जाए।
 शुभ प्रभात..

©Dil galti kr baitha h

मुस्कराहट तुम्हारे लबों से कभी छूट ना पाए, ख़ुदा करे आँसू कभी आँखों में तुम्हारी ना आये, हो मुकम्मल हर ख्वाब तुम्हारा, ज़िन्दगी तुम्हारी खु

162 View

#सुनहरी   सुनहरी धूप में निकलोगी तुम यूँ मुस्कुरा कर,
देखो तो हवाएँ भी बेकरार हो रही हैं।
 छिप जाता है सूरज तुम्हारी खूबसूरती को देखकर, 
सर्द के मौसम भी बारिश की फुहार हो रही है।

©Aarzoo smriti

#सुनहरी धूप में निकलोगी तुम यूँ मुस्कुरा कर

171 View

Trending Topic