tags

New उजड़ी मेरा मन नरेश कनोडिया गीत Status, Photo, Video

Find the latest Status about उजड़ी मेरा मन नरेश कनोडिया गीत from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about उजड़ी मेरा मन नरेश कनोडिया गीत.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#motivate #Wish  #SAD

मन मेरा ❤️‍🩹👍 #Nojoto #Love #SAD #motivate #Wish

99 View

#भक्ति #मेरे

#मेरे खाटू नरेश#

90 View

#कविता  White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के
लिए नए छंद .  
असमान  से ऊतरे 

लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि  उसे धरती के साथ.
चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ

©Arora PR

नया गीत

126 View

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#मेरे #गीत #कोई #मन #गा  Black मन मेरे गीत कोई तू गा, अपने दिलबर को रिझाने को।
तू करले ऐसा कोई जतन, रूठे दिलबर को मनाने को।।

©दूध नाथ वरुण

Autumn सुंदर सा है ये उपवन, तितली जैसा मेरा मन, राही सतत राह तू चल, यात्रा ही तो है जीवन, बिन जाने है ठौर कहाँ, ख़त्म नहीं होगी उलझन, माया छूटेगी एक दिन, सबसे बड़ा श्वास का धन, भागो मत विपरीत दिशा, मेरे जैसा तू भी बन, है लबरेज मुहब्बत से, मेरा दिल मेरी धड़कन, नाम पता मालूम नहीं, ठौर ठिकाने का गुंजन, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #तितली  Autumn सुंदर सा  है ये उपवन, 
तितली जैसा मेरा मन, 

राही सतत राह तू चल, 
यात्रा  ही तो  है जीवन, 

बिन जाने  है  ठौर कहाँ, 
ख़त्म नहीं होगी उलझन, 

माया  छूटेगी  एक  दिन, 
सबसे बड़ा श्वास का धन,

भागो मत विपरीत दिशा,
मेरे  जैसा   तू  भी  बन,

है  लबरेज  मुहब्बत से, 
मेरा दिल  मेरी धड़कन, 

नाम पता  मालूम नहीं, 
ठौर ठिकाने का गुंजन, 
   --शशि भूषण मिश्र 
      'गुंजन' चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra

#तितली जैसा मेरा मन#

17 Love

#motivate #Wish  #SAD

मन मेरा ❤️‍🩹👍 #Nojoto #Love #SAD #motivate #Wish

99 View

#भक्ति #मेरे

#मेरे खाटू नरेश#

90 View

#कविता  White मै चाहता हु मेरे इस नए गीत के
लिए नए छंद .  
असमान  से ऊतरे 

लेकिन मेरा गीत मेरी इस बात से राज़ी नही.... क्योंकि  उसे धरती के साथ.
चिपके रहना ज्यादा पसंद हैँ

©Arora PR

नया गीत

126 View

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#मेरे #गीत #कोई #मन #गा  Black मन मेरे गीत कोई तू गा, अपने दिलबर को रिझाने को।
तू करले ऐसा कोई जतन, रूठे दिलबर को मनाने को।।

©दूध नाथ वरुण

Autumn सुंदर सा है ये उपवन, तितली जैसा मेरा मन, राही सतत राह तू चल, यात्रा ही तो है जीवन, बिन जाने है ठौर कहाँ, ख़त्म नहीं होगी उलझन, माया छूटेगी एक दिन, सबसे बड़ा श्वास का धन, भागो मत विपरीत दिशा, मेरे जैसा तू भी बन, है लबरेज मुहब्बत से, मेरा दिल मेरी धड़कन, नाम पता मालूम नहीं, ठौर ठिकाने का गुंजन, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #तितली  Autumn सुंदर सा  है ये उपवन, 
तितली जैसा मेरा मन, 

राही सतत राह तू चल, 
यात्रा  ही तो  है जीवन, 

बिन जाने  है  ठौर कहाँ, 
ख़त्म नहीं होगी उलझन, 

माया  छूटेगी  एक  दिन, 
सबसे बड़ा श्वास का धन,

भागो मत विपरीत दिशा,
मेरे  जैसा   तू  भी  बन,

है  लबरेज  मुहब्बत से, 
मेरा दिल  मेरी धड़कन, 

नाम पता  मालूम नहीं, 
ठौर ठिकाने का गुंजन, 
   --शशि भूषण मिश्र 
      'गुंजन' चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra

#तितली जैसा मेरा मन#

17 Love

Trending Topic