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New उजड़ी मेरा मन नरेश कनोडिया गीत Status, Photo, Video

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#motivate #Wish  #SAD

मन मेरा ❤️‍🩹👍 #Nojoto #Love #SAD #motivate #Wish

99 View

#भक्ति #मेरे

#मेरे खाटू नरेश#

90 View

White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
-------------------------------------------------------------
क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#मेरे #गीत #कोई #मन #गा  Black मन मेरे गीत कोई तू गा, अपने दिलबर को रिझाने को।
तू करले ऐसा कोई जतन, रूठे दिलबर को मनाने को।।

©दूध नाथ वरुण

Autumn सुंदर सा है ये उपवन, तितली जैसा मेरा मन, राही सतत राह तू चल, यात्रा ही तो है जीवन, बिन जाने है ठौर कहाँ, ख़त्म नहीं होगी उलझन, माया छूटेगी एक दिन, सबसे बड़ा श्वास का धन, भागो मत विपरीत दिशा, मेरे जैसा तू भी बन, है लबरेज मुहब्बत से, मेरा दिल मेरी धड़कन, नाम पता मालूम नहीं, ठौर ठिकाने का गुंजन, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #तितली  Autumn सुंदर सा  है ये उपवन, 
तितली जैसा मेरा मन, 

राही सतत राह तू चल, 
यात्रा  ही तो  है जीवन, 

बिन जाने  है  ठौर कहाँ, 
ख़त्म नहीं होगी उलझन, 

माया  छूटेगी  एक  दिन, 
सबसे बड़ा श्वास का धन,

भागो मत विपरीत दिशा,
मेरे  जैसा   तू  भी  बन,

है  लबरेज  मुहब्बत से, 
मेरा दिल  मेरी धड़कन, 

नाम पता  मालूम नहीं, 
ठौर ठिकाने का गुंजन, 
   --शशि भूषण मिश्र 
      'गुंजन' चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra

#तितली जैसा मेरा मन#

17 Love

#pujaudeshi #गीत #लव  गीत......
बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ
चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ

चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ
दिल मे बसी है वीरानियाँ......

©PФФJД ЦDΞSHI
#motivate #Wish  #SAD

मन मेरा ❤️‍🩹👍 #Nojoto #Love #SAD #motivate #Wish

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#भक्ति #मेरे

#मेरे खाटू नरेश#

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White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये ------------------------------------------------------------- क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत। क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।। क्यों आज हम याद-----------------------।। देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें। मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।। छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो, क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। कल तक की थी तुमने बुराई हमारी। करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।। नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा। क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।। क्यों आज हम याद------------------।। नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा। गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।। तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा। क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।। क्यों आज हम याद-------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma

#कविता #गीत  White शीर्षक - क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये
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क्यों आज हम याद तुम्हें आ गये।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
कल तो नहीं थी तुम्हें मिलने की फुर्सत।
क्यों आज तुम मिलने हमें आ गये।।
क्यों आज हम याद-----------------------।।

देख रहा हूँ तुम्हारी कहाँ हैं निगाहें।
मेरा महल देख क्यों भरते हैं आहे।।
छूने से डरते थे तुम मुझको कल तो,
क्यों आज मिलाने हाथ तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

कल तक की थी तुमने बुराई हमारी।
करते हो आज सबसे तारीफ हमारी।।
नहीं पूछते थे तुम कल हाल हमारा।
क्यों आज बिछाने फूल तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद------------------।।

नहीं था कबूल कल क्यों साथ हमारा।
गैरों की बाँहों में था कल हाथ तुम्हारा।।
तोड़ा था क्यों तुमने कल ख्वाब हमारा।
क्यों आज बनाने साथी तुम आ गये।।
क्यों आज हम याद-------------------।।





शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma

#गीत

11 Love

#मेरे #गीत #कोई #मन #गा  Black मन मेरे गीत कोई तू गा, अपने दिलबर को रिझाने को।
तू करले ऐसा कोई जतन, रूठे दिलबर को मनाने को।।

©दूध नाथ वरुण

Autumn सुंदर सा है ये उपवन, तितली जैसा मेरा मन, राही सतत राह तू चल, यात्रा ही तो है जीवन, बिन जाने है ठौर कहाँ, ख़त्म नहीं होगी उलझन, माया छूटेगी एक दिन, सबसे बड़ा श्वास का धन, भागो मत विपरीत दिशा, मेरे जैसा तू भी बन, है लबरेज मुहब्बत से, मेरा दिल मेरी धड़कन, नाम पता मालूम नहीं, ठौर ठिकाने का गुंजन, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #तितली  Autumn सुंदर सा  है ये उपवन, 
तितली जैसा मेरा मन, 

राही सतत राह तू चल, 
यात्रा  ही तो  है जीवन, 

बिन जाने  है  ठौर कहाँ, 
ख़त्म नहीं होगी उलझन, 

माया  छूटेगी  एक  दिन, 
सबसे बड़ा श्वास का धन,

भागो मत विपरीत दिशा,
मेरे  जैसा   तू  भी  बन,

है  लबरेज  मुहब्बत से, 
मेरा दिल  मेरी धड़कन, 

नाम पता  मालूम नहीं, 
ठौर ठिकाने का गुंजन, 
   --शशि भूषण मिश्र 
      'गुंजन' चेन्नई

©Shashi Bhushan Mishra

#तितली जैसा मेरा मन#

17 Love

#pujaudeshi #गीत #लव  गीत......
बजने लगी शहनाईयाँ, चुभने लगी तम्हाईयाँ
चाहे तुम्हे गहराईयाँ होने लगी रुसवाईयाँ

चारो तरफ है परछाईयाँ,मौत भी लेती अगड़ाईयाँ, जीना भी चाहूं ज़ी ना सकूँ
दिल मे बसी है वीरानियाँ......

©PФФJД ЦDΞSHI
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