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New तिखी तलवार Status, Photo, Video

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#वीडियो #shortvideo #roast

सलवार में तलवार 😎😎 ll ROAST VIDEO ll #roast #shortvideo

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White गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।। चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल । वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल । जीवन के हर मोड़ पर... अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात । ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।। हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल । दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।। जीवन के हर मोड़ पर... अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर । टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।। बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल । ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल । जीवन के हर मोड़ पर.... प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार । सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।। रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार । जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल । जीवन के हर मोड़ पर.... चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय । दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।। जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल । कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।। जीवन के हर मोड़ पर.... जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत:-
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।
जीवन के हर मोड़ पर ...
कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात ।
मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।।
चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल ।
वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर...
अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात ।
ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।।
हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल ।
दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर...
अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर ।
टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।।
बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल ।
ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार ।
सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।।
रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार ।
जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय ।
दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।।
जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल ।
कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर....
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । म

15 Love

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।। दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई । मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।। गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था । पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।। खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए । मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।। कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले । निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।। हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे । देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।। कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये । आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।। जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर । जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है ।
सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।।
जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया ।
ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।।
दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई ।
मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।।
गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था ।
पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।।
खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए ।
मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।।
कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले ।
निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।।
हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे ।
देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।।
कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये ।
आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।।
जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर ।
जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग

12 Love

#शायरी  मोहब्बत दो
 धारी तलवार है 
प्यार है तो 
उल्टी चलाओ 
नफरत है तो 
सीधी चलाओ

©Mohmad Tanveer

मोहब्बत दो धारी तलवार है

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#nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi #कलम  कलम (दोहे)

कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम।
पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।।

दुर्जन इससे काँपते, होती सम तलवार।
एक बार की चोट में, घायल कई हजार।।

उत्तम लेखन भी करे, सबको होती आस।
यही कलम की जिंदगी, है सबकी यह खास।।

बिना कलम के जिंदगी, है बिलकुल वीरान।
इससे ही रचना बने, और करे ऐलान।।

शब्दों से मन मोहती, यह इसकी पहचान।
अकसर देती है खुशी, करती भी हैरान।।

यही कलम औजार भी, और पुष्प की माल।
कहती है सद्भावना, करती बड़ा कमाल।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#कलम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इ

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White ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१ प्यार में जिसके लिए मैं जान तक ये वार बैठा  । वो हमें ही देखकर अब देख लो फुफकार बैठा ।।२ फर्ज हमने बाप का कुछ इस तरह से है निभाया । कह रही औलाद मेरी वो मेरा सरकार बैठा ।।३ मत हँसों संसार पे रघुनाथ की जयकार बोलो  । देखता है वो सभी को जो लगा दरबार बैठा ।।४ जन्म देकर जो हमे संसार के काबिल बनाया । मैं उसे ही इस तरह दहलीज से दुत्कार बैठा ।।५ पूछ लो गुरुदेव से वो ही बतायेंगे तुम्हें सच । माँ पिता की गोद में तो यह सारा संसार बैठा ।।६ कौन सा वो फर्ज है संतान का तूने निभाया । जो प्रखर तू माँगने अब आज है अधिकार बैठा ।।७ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल
जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा ।
वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१
प्यार में जिसके लिए मैं जान तक ये वार बैठा  ।
वो हमें ही देखकर अब देख लो फुफकार बैठा ।।२
फर्ज हमने बाप का कुछ इस तरह से है निभाया ।
कह रही औलाद मेरी वो मेरा सरकार बैठा ।।३
मत हँसों संसार पे रघुनाथ की जयकार बोलो  ।
देखता है वो सभी को जो लगा दरबार बैठा ।।४
जन्म देकर जो हमे संसार के काबिल बनाया ।
मैं उसे ही इस तरह दहलीज से दुत्कार बैठा ।।५
पूछ लो गुरुदेव से वो ही बतायेंगे तुम्हें सच ।
माँ पिता की गोद में तो यह सारा संसार बैठा ।।६
कौन सा वो फर्ज है संतान का तूने निभाया ।
जो प्रखर तू माँगने अब आज है अधिकार बैठा ।।७

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१

10 Love

#वीडियो #shortvideo #roast

सलवार में तलवार 😎😎 ll ROAST VIDEO ll #roast #shortvideo

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White गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।। चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल । वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल । जीवन के हर मोड़ पर... अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात । ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।। हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल । दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।। जीवन के हर मोड़ पर... अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर । टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।। बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल । ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल । जीवन के हर मोड़ पर.... प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार । सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।। रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार । जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल । जीवन के हर मोड़ पर.... चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय । दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।। जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल । कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।। जीवन के हर मोड़ पर.... जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White गीत:-
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।
जीवन के हर मोड़ पर ...
कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात ।
मुड़कर पीछे देख लो, घनी अँधेरी रात ।।
चुप बैठा जो है यहाँ , करता नही सवाल ।
वही देख दुश्मन बड़ा , पहन भेडिया खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर...
अधरो पे रख लो हँसी , रोको ये बरसात ।
ऐसे मत बैठो कभी , झूमों गाओ तात ।।
हँसता तुमको देखकर , चहक उठे ये गाल ।
दूर समस्या हो न हो , मन में खिले गुलाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर...
अटल कहाँ विश्वास अब , रही न अब वह डोर ।
टूटेंगे तारे अभी ,देखो सब उस छोर ।।
बिन माया के क्यूँ रहूँ , बोला मैं ससुराल ।
ऐसे ताने मारकर , बीवी करे मलाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
प्यार जताना छोड दो , धन के रख भंडार ।
सारे रिश्ते आपके , लिए खडे उपहार ।।
रिश्ते अपने आज तो , दिखते है तलवार ।
जब करो कभी स्पर्श तो , कट जाती है खाल ।
जीवन के हर मोड़ पर....
चलो शरण प्रभु राम के , ये ही नेक उपाय ।
दर्शन उनके जो मिले , मोह खत्म हो जाय ।।
जग से नाता तोड़ के , चलो बने गोपाल ।
कुछ उनकी छाया मिले , कुछ बदलेगी चाल ।।
जीवन के हर मोड़ पर....
जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल ।
यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:- जीवन के हर मोड़ पर , बदलो अपनी चाल । यही सिखाते हैंं हमें , गुजरे अपने साल ।। जीवन के हर मोड़ पर ... कौन हमारे साथ है, कौन करेगा घात । म

15 Love

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।। दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई । मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।। गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था । पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।। खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए । मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।। कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले । निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।। हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे । देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।। कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये । आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।। जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर । जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  ग़ज़ल :-
तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है ।
सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।।
जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया ।
ये बताता युग हमारा धर्म शिष्टाचार है ।।
दूर दुनिया देख लो यह आज इतनी हो गई ।
मान भी लो आज पीछे चलना भी बेकार है ।।
गर्व था मुझको कभी ये यह हमारा धर्म था ।
पर पतन की राह जाते देखूँ मैं धिक्कार है ।।
खो गई मेरी जवानी सबको समझाते हुए ।
मैं यहीं थककर  रुका तो ये हमारी हार है ।।
कर रहीं सरकार हैं अब आज ऐसे फैसले ।
निर्बलों की आज गर्दन पे धरी तलवार है ।।
हाय मत लेना किसी की ज्ञानियों के बोल थे ।
देखता हूँ थाल उनकी नित्य वो आहार है ।।
कुछ बिगड़ बच्चे गये तो कुछ बिलखकर सो गये ।
आज दोनों के पिता ही देख लो लाचार है ।।
जो कभी सोये नही उनको जगाता क्यों प्रखर ।
जानतें है सब यहाँ पे जान का व्यापार है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- तू जिसे है देखता वो तो पराई नार है । सीरियल से मिल रहे जो अब यहाँ संस्कार है ।। जीव हत्या कर रहा  है नाम पशुपालन दिया । ये बताता युग

12 Love

#शायरी  मोहब्बत दो
 धारी तलवार है 
प्यार है तो 
उल्टी चलाओ 
नफरत है तो 
सीधी चलाओ

©Mohmad Tanveer

मोहब्बत दो धारी तलवार है

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#nojotohindipoetry #दोहे #sandiprohila #nojotohindi #कलम  कलम (दोहे)

कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम।
पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।।

दुर्जन इससे काँपते, होती सम तलवार।
एक बार की चोट में, घायल कई हजार।।

उत्तम लेखन भी करे, सबको होती आस।
यही कलम की जिंदगी, है सबकी यह खास।।

बिना कलम के जिंदगी, है बिलकुल वीरान।
इससे ही रचना बने, और करे ऐलान।।

शब्दों से मन मोहती, यह इसकी पहचान।
अकसर देती है खुशी, करती भी हैरान।।

यही कलम औजार भी, और पुष्प की माल।
कहती है सद्भावना, करती बड़ा कमाल।।
..........................................................
देवेश दीक्षित

©Devesh Dixit

#कलम #दोहे #nojotohindi #nojotohindipoetry कलम (दोहे) कलम चले जिस राह पर, लेख पत्र है नाम। पोलें सब की खोलती, अद्भुत करती काम।। दुर्जन इ

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White ग़ज़ल जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा । वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१ प्यार में जिसके लिए मैं जान तक ये वार बैठा  । वो हमें ही देखकर अब देख लो फुफकार बैठा ।।२ फर्ज हमने बाप का कुछ इस तरह से है निभाया । कह रही औलाद मेरी वो मेरा सरकार बैठा ।।३ मत हँसों संसार पे रघुनाथ की जयकार बोलो  । देखता है वो सभी को जो लगा दरबार बैठा ।।४ जन्म देकर जो हमे संसार के काबिल बनाया । मैं उसे ही इस तरह दहलीज से दुत्कार बैठा ।।५ पूछ लो गुरुदेव से वो ही बतायेंगे तुम्हें सच । माँ पिता की गोद में तो यह सारा संसार बैठा ।।६ कौन सा वो फर्ज है संतान का तूने निभाया । जो प्रखर तू माँगने अब आज है अधिकार बैठा ।।७ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#शायरी  White ग़ज़ल
जिसकी खातिर मैं यहाँ फूलों का लेकर हार बैठा ।
वो छुपाए हाथ में अब देख लो तलवार बैठा ।।१
प्यार में जिसके लिए मैं जान तक ये वार बैठा  ।
वो हमें ही देखकर अब देख लो फुफकार बैठा ।।२
फर्ज हमने बाप का कुछ इस तरह से है निभाया ।
कह रही औलाद मेरी वो मेरा सरकार बैठा ।।३
मत हँसों संसार पे रघुनाथ की जयकार बोलो  ।
देखता है वो सभी को जो लगा दरबार बैठा ।।४
जन्म देकर जो हमे संसार के काबिल बनाया ।
मैं उसे ही इस तरह दहलीज से दुत्कार बैठा ।।५
पूछ लो गुरुदेव से वो ही बतायेंगे तुम्हें सच ।
माँ पिता की गोद में तो यह सारा संसार बैठा ।।६
कौन सा वो फर्ज है संतान का तूने निभाया ।
जो प्रखर तू माँगने अब आज है अधिकार बैठा ।।७

महेन्द्र सिंह प्रखर

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