tags

New माँ पर कविता Status, Photo, Video

Find the latest Status about माँ पर कविता from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about माँ पर कविता.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#कविता #माँ #nojohindi #Mother #kavita
 White माँ महान ममता की मंदिर
माँ की महिमा न्यारी हैं
ईश्वर को भी जरूरत हैं जिसकी
माँ कुल दुनियां से प्यारी हैं।

©कवि: अंजान

#mothers_day #माँ #ममता #कविता #शायरी #Mother #Ma #Poetry #Shayari

117 View

#कविता #पिता #mothers_day #माँ #nojohindi  White 🌹मातृ दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं .श🌹

सुबह का सूरज है पिता, 
चांद  की शीतलता है माँ.. 
पापा की झप्पी पी जनून , 
मम्मी का आंचल है सकून... 
 साया वटवृक्ष पिता का
छाया माँ की गोद .. 
सारे दुख दर्द की दवा 
हौसलें की उड़ान है माँ.. 
बासुरीं है पिता , 
स्वर है माँ... 
मधुर संगीत से भरपूर  
हो जाता स्वर्ग सा जीवन 
सर पर हाथ हो 
मात पिता का जिन पर

बिंदास

©Bindu Sharma
#विचार #माँ

#माँ

153 View

#RKPrasbi #wishes

विश्व कविता दिवस पर आप सभी को समर्पित #RKPrasbi

117 View

#विचार  फूल देई का त्यौहार था,
मैं फिर भी बैठा अकेला था ।
चारों तरफ़ हर्षोल्लास था,
मैं अकेला बैठा निराश था ।
जब मैने चारों तरफ देखा ,
तब पता चला कि
मैं गांव से दूर किसी शहर के भिड़ में
बैठा अकेला उदाश था ।।
✍️ Jagdish Pant

आज फूलदेई के पर्व पर एक कविता मेने लिखि ।

8,145 View

#कविता #माँ #nojohindi #Mother #kavita
 White माँ महान ममता की मंदिर
माँ की महिमा न्यारी हैं
ईश्वर को भी जरूरत हैं जिसकी
माँ कुल दुनियां से प्यारी हैं।

©कवि: अंजान

#mothers_day #माँ #ममता #कविता #शायरी #Mother #Ma #Poetry #Shayari

117 View

#कविता #पिता #mothers_day #माँ #nojohindi  White 🌹मातृ दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं .श🌹

सुबह का सूरज है पिता, 
चांद  की शीतलता है माँ.. 
पापा की झप्पी पी जनून , 
मम्मी का आंचल है सकून... 
 साया वटवृक्ष पिता का
छाया माँ की गोद .. 
सारे दुख दर्द की दवा 
हौसलें की उड़ान है माँ.. 
बासुरीं है पिता , 
स्वर है माँ... 
मधुर संगीत से भरपूर  
हो जाता स्वर्ग सा जीवन 
सर पर हाथ हो 
मात पिता का जिन पर

बिंदास

©Bindu Sharma
#विचार #माँ

#माँ

153 View

#RKPrasbi #wishes

विश्व कविता दिवस पर आप सभी को समर्पित #RKPrasbi

117 View

#विचार  फूल देई का त्यौहार था,
मैं फिर भी बैठा अकेला था ।
चारों तरफ़ हर्षोल्लास था,
मैं अकेला बैठा निराश था ।
जब मैने चारों तरफ देखा ,
तब पता चला कि
मैं गांव से दूर किसी शहर के भिड़ में
बैठा अकेला उदाश था ।।
✍️ Jagdish Pant

आज फूलदेई के पर्व पर एक कविता मेने लिखि ।

8,145 View

Trending Topic