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New दुखियों के मददगार है Status, Photo, Video

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#भक्ति

भगत के वश में है भगवान

81 View

#विचार  बेटीयो के न सीब
मे क्या है

©Bheem Bheemshankar

बेटीयो के नसीब मे क्या है

153 View

#लव  शबनम के मोतियों से 
मेरी जान,तेरे बुलबुले हैं प्यार के।

आजा बहार बनके, कि 
अब कटते नहीं हैं दिन इंतज़ार के।

©Anuj Ray

# तेरे बुलबुले है प्यार के"

126 View

#Free  White बचपन से लेकर बड़े होते होते इंसान इतना कुछ देखता है, शिखता है, सहता है की या तो वो बड़ा होकर घड़ जाता है या फिर डर जाता है।

©i_m_charlie...

#Free कोई डर के जीता है, तो कोई डरा के जीता है।

117 View

दिल के जैसा जमीं कहाँ है, पर आँखों में नमी कहाँ है, क्यों नाहक हो परेशान तुम, सोचो तुझमे कमी कहाँ है, हुई जेल से फक़त रिहाई, बात ख़ुशी की गमी कहाँ है, मौसम है बदला-बदला सा, वक्त की आँधी थमी कहाँ है, ढूँढ रहे हो हरियाली को, चाचर धरती शमी कहाँ है, गम के बादल घिरकर आए, अब बारिश मौसमी कहाँ है, बिन सौगात मिलन बेमानी, तुम ही तुम हो हमीं कहाँ है, आशाओं के दीप से 'गुंजन', जगमग घर है तमी कहाँ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिल  दिल के जैसा जमीं कहाँ है, 
पर  आँखों में नमी कहाँ है,

क्यों नाहक हो परेशान तुम, 
सोचो तुझमे  कमी कहाँ है,

हुई जेल से  फक़त  रिहाई, 
बात ख़ुशी की गमी कहाँ है,

मौसम है  बदला-बदला सा, 
वक्त की आँधी थमी कहाँ है,

ढूँढ   रहे  हो  हरियाली  को, 
चाचर  धरती  शमी  कहाँ है,

गम के बादल घिरकर आए,
अब बारिश मौसमी कहाँ है,

बिन सौगात मिलन बेमानी, 
तुम ही तुम हो हमीं कहाँ है,

आशाओं के दीप से 'गुंजन', 
जगमग घर है तमी कहाँ है,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#दिल के जैसा जमीं कहाँ है#

14 Love

#कविता  White परिस्थिति के अनुकूल ढलना पड़ता है।
सुकून छोड़ शोलों पर चलना पड़ता है।।
यहां ईर्ष्या में अपनों से लड़ना पड़ता है।
हर ताजे चीज को यहां सड़ना पड़ता है।।
एक दिन मौसम को भी बदलना पड़ता है।
पेड़ से पत्तों को पतझड़ में झड़ना पड़ता है।।

कली फूल को खिलकर बिखरना पड़ता है।
लाख जतन करें ,एक दिन मरना पड़ता है।।

©Dr Wasim Raja

परिस्थिति के अनुकूल ढलना पड़ता है

135 View

#भक्ति

भगत के वश में है भगवान

81 View

#विचार  बेटीयो के न सीब
मे क्या है

©Bheem Bheemshankar

बेटीयो के नसीब मे क्या है

153 View

#लव  शबनम के मोतियों से 
मेरी जान,तेरे बुलबुले हैं प्यार के।

आजा बहार बनके, कि 
अब कटते नहीं हैं दिन इंतज़ार के।

©Anuj Ray

# तेरे बुलबुले है प्यार के"

126 View

#Free  White बचपन से लेकर बड़े होते होते इंसान इतना कुछ देखता है, शिखता है, सहता है की या तो वो बड़ा होकर घड़ जाता है या फिर डर जाता है।

©i_m_charlie...

#Free कोई डर के जीता है, तो कोई डरा के जीता है।

117 View

दिल के जैसा जमीं कहाँ है, पर आँखों में नमी कहाँ है, क्यों नाहक हो परेशान तुम, सोचो तुझमे कमी कहाँ है, हुई जेल से फक़त रिहाई, बात ख़ुशी की गमी कहाँ है, मौसम है बदला-बदला सा, वक्त की आँधी थमी कहाँ है, ढूँढ रहे हो हरियाली को, चाचर धरती शमी कहाँ है, गम के बादल घिरकर आए, अब बारिश मौसमी कहाँ है, बिन सौगात मिलन बेमानी, तुम ही तुम हो हमीं कहाँ है, आशाओं के दीप से 'गुंजन', जगमग घर है तमी कहाँ है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#कविता #दिल  दिल के जैसा जमीं कहाँ है, 
पर  आँखों में नमी कहाँ है,

क्यों नाहक हो परेशान तुम, 
सोचो तुझमे  कमी कहाँ है,

हुई जेल से  फक़त  रिहाई, 
बात ख़ुशी की गमी कहाँ है,

मौसम है  बदला-बदला सा, 
वक्त की आँधी थमी कहाँ है,

ढूँढ   रहे  हो  हरियाली  को, 
चाचर  धरती  शमी  कहाँ है,

गम के बादल घिरकर आए,
अब बारिश मौसमी कहाँ है,

बिन सौगात मिलन बेमानी, 
तुम ही तुम हो हमीं कहाँ है,

आशाओं के दीप से 'गुंजन', 
जगमग घर है तमी कहाँ है,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
       चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#दिल के जैसा जमीं कहाँ है#

14 Love

#कविता  White परिस्थिति के अनुकूल ढलना पड़ता है।
सुकून छोड़ शोलों पर चलना पड़ता है।।
यहां ईर्ष्या में अपनों से लड़ना पड़ता है।
हर ताजे चीज को यहां सड़ना पड़ता है।।
एक दिन मौसम को भी बदलना पड़ता है।
पेड़ से पत्तों को पतझड़ में झड़ना पड़ता है।।

कली फूल को खिलकर बिखरना पड़ता है।
लाख जतन करें ,एक दिन मरना पड़ता है।।

©Dr Wasim Raja

परिस्थिति के अनुकूल ढलना पड़ता है

135 View

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