कुछ अपनी जवानी के मंज़र याद आ रहें हैं कुछ लोगों के इश्क़ के दावे याद आ रहें हैं कुछ नाकाम मोहब्बत के किस्से याद आ रहें हैं अपनी बर्बादी के हिस्से याद आ रहें.
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