Neha Aabha Nautiyal

Neha Aabha Nautiyal

एक कलम है जो लिखे जाती है कविताओं की तरह #nehaaabhanautiyal

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#nehaaabhanautiyal  सबके पास है हाथियार बहुत इन्हे हर वक्त नहीं दिखाया करते चाकू से डरने वालों को तलवार नहीं दिखाया करते
     ✍️ नेहा आभा नौटियाल 
              देवभूमि

©Neha Aabha Nautiyal

गुड़िया कहती है तुम भी सजती सावर्ती अगर मेरी तरह तो तुम भी होती बिल्कुल मेरी तरह आकर्षक परन्तु आकर्षक होना बना सदैव क्षणिक मुझे बनना था बर्फ की तरह कठोर क्योकि सूरज की किरणे जब भी उससे टकरायी तो उसमे आया पिघलने का गुण सरलता से बहने का गुण । किरणों का प्रभाव जब भी ज्यादा हुआ तो उसने कर दिया स्वयं को परिवर्तित वाष्प में जिससे सीखा उसने आसमान में उड़ान भरना परन्तु जब वाष्प ने वाष्प से जुड़ना सीखा तो उसने सीखा बादल बन वर्षा के बूदों में परिवर्तित होना और परिवर्तित करना एक अंकुर को अन्न में। ©Neha Aabha Nautiyal

 गुड़िया 
कहती है तुम भी सजती सावर्ती अगर मेरी तरह तो तुम भी होती बिल्कुल मेरी तरह आकर्षक 
परन्तु आकर्षक होना बना सदैव   क्षणिक 
मुझे बनना था बर्फ की तरह कठोर 
क्योकि सूरज की किरणे जब भी उससे  टकरायी  तो उसमे आया पिघलने का गुण
सरलता से बहने का गुण ।
किरणों का प्रभाव जब भी ज्यादा हुआ तो उसने कर दिया स्वयं को परिवर्तित वाष्प में जिससे सीखा उसने आसमान में उड़ान भरना
परन्तु जब वाष्प ने वाष्प से जुड़ना सीखा तो उसने सीखा बादल बन  वर्षा के बूदों में परिवर्तित होना  और परिवर्तित करना एक अंकुर को अन्न में।

©Neha Aabha Nautiyal

गुड़िया कहती है तुम भी सजती सावर्ती अगर मेरी तरह तो तुम भी होती बिल्कुल मेरी तरह आकर्षक परन्तु आकर्षक होना बना सदैव क्षणिक मुझे बनना था बर्फ की तरह कठोर क्योकि सूरज की किरणे जब भी उससे टकरायी तो उसमे आया पिघलने का गुण सरलता से बहने का गुण । किरणों का प्रभाव जब भी ज्यादा हुआ तो उसने कर दिया स्वयं को परिवर्तित वाष्प में जिससे सीखा उसने आसमान में उड़ान भरना परन्तु जब वाष्प ने वाष्प से जुड़ना सीखा तो उसने सीखा बादल बन वर्षा के बूदों में परिवर्तित होना और परिवर्तित करना एक अंकुर को अन्न में। ©Neha Aabha Nautiyal

10 Love

#nehaaabhanautiyal #शायरी  ये दुनिया बहुत आगे निकल गयी ।
 इतने आगे कि इन्होंने सदैव देखा आगे ॥

ये भूल गये देखना पीछे ।
पर पीछे था क्या ?
जी कुछ नहीं 
पीछे थे कुछ अपने I
जिन्हे छोड़ था कुछ अपनो ने पीछे ।
पर जो आगे गये , क्या वो अपने थे ?
हाँ वो अपने थे ।
नहीं तुम्हे कुछ भ्रम हुआ है ॥
जो आगे गये वो नहीं  थे तुम्हारी अपने I
पर आगे ऐसा था क्या ?
कि वो चलते रहे आगे 
आगे माया जिसे हर कोई पाना चाहता है 
पर माया रास्ता बना सदैव  अन्धकार का 
छोडो ये बड़ी बड़ी बाते अच्छी नहीं ।

नहीं ये बडी बडी बाते नहीं है 
ये सत्य है 
तुम देखो थोडा अपने पीछे ।
क्यो? 
जिसे तुम पीछे समझ रहे हो 
वो वास्तव में है तुम्हारा आगे
पर वहाँ है क्या ?
वहाँ है अंशुमली से भी ज्यादा 
तेज प्रकाश जिसे हर कोई प्राप्त 
करना चाहता है 

पर इसे कोई  प्राप्त नहीं कर सकता ।
पर क्यों ?
क्योंकि सब देखते है आगे
जो वास्तव में होता है इस प्रकाश
से अनन्त पीछे ॥

✍️ नेहा आभा नौटियाल 
devbhumi uttarakhand

©Neha Aabha Nautiyal

devbhumi uttarakhand ©Neha Aabha Nautiyal

#nehaaabhanautiyal #शायरी  devbhumi uttarakhand

©Neha Aabha Nautiyal

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#nehaaabhanautiyal #शायरी  devbhumi uttarakhand

©Neha Aabha Nautiyal
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