Bhawana Pandey

Bhawana Pandey Lives in Pithoragarh, Uttarakhand, India

nature lover लेखकी तो एक आवाज हैं

https://www.instagram.com/pandey_bhawana/

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White ज़िन्दगी की भाग दौड़ में बहुत कुछ छूट गया पीछे, जैसे छुट गये हम, हमारी खुशियां, लेकिन दुख हमेशा साथ रहे दुखो की कभी वफादारी कम नहीं हुई तुम्हारे लिए मेरी कहानी अलग -नजरिया एक अलग रूप है लेकिन मेरे लिए वो नजर भी और कहानी भी हमेशा एक सी रही है . ©Bhawana Pandey

#Road  White ज़िन्दगी की भाग दौड़ में  बहुत  कुछ छूट गया पीछे,
 जैसे छुट गये हम,  हमारी खुशियां, 
लेकिन
दुख हमेशा साथ रहे 
दुखो   की कभी वफादारी  कम नहीं हुई
तुम्हारे लिए मेरी कहानी अलग  -नजरिया  एक अलग  रूप है 
लेकिन मेरे लिए वो नजर भी
 और कहानी भी  हमेशा एक सी रही है .

©Bhawana Pandey

#Road

15 Love

#womeninternational #Quotes  मेरे मन की व्यथा  जानता मेरा हृदय 
खुद को खुद ही संभालता मेरा मन 
मुझमें मेरा श्रृंगार करता मन
धैर्य , सहनशीलता , मनोबल, हिम्मत 
मेरे मौन रहने की चेष्टा को नहीं 
समझ पाया है ये समाज 
जिसे वो कमजोर ,लाचार शब्द दे रहा है 
 वो समाज इस बात से अज्ञात है 
 अरसो से उसके अस्तित्व को 
कायम रखती 
अपार शक्ति का रूपक
  वो नारी  है .

©Bhawana Pandey

मेरे मन की व्यथा जानता मेरा हृदय खुद को खुद ही संभालता मेरा मन मुझमें मेरा श्रृंगार करता मन धैर्य , सहनशीलता , मनोबल, हिम्मत मेरे मौन रहने की चेष्टा को नहीं समझ पाया है ये समाज जिसे वो कमजोर ,लाचार शब्द दे रहा वो समाज इस बात से अज्ञात है अरसो से उसके अस्तित्व को कायम रखती अपार शक्ति का रूपक वो नारी है . ©Bhawana Pandey

#womeninternational #Quotes  मेरे मन की व्यथा  जानता मेरा हृदय 
खुद को खुद ही संभालता मेरा मन 
मुझमें मेरा श्रृंगार करता मन
धैर्य , सहनशीलता , मनोबल, हिम्मत 
मेरे मौन रहने की चेष्टा को नहीं 
समझ पाया है ये समाज 
जिसे वो कमजोर ,लाचार शब्द दे रहा 
 वो समाज इस बात से अज्ञात है 
 अरसो से उसके अस्तित्व को 
कायम रखती 
अपार शक्ति का रूपक
  वो नारी  है .

©Bhawana Pandey

कोई तो एक अल्फाज़ बिखरा है क्यों ये दिल बार बार टुटकर खुद को समेट रहा है एक सुबह जो उम्मीद आयी फिर क्यों वो ढलती शाम तक अंधेरे का स्वरूप बन गयी चाहते तो कभी कम नही होती और जो कम हो जाए वो चालाकियों की हवा है और ये नादन दिल कभी समझ नही पाया. ©Bhawana Pandey

#Preying  कोई तो एक अल्फाज़ बिखरा है 
क्यों  ये दिल बार बार  टुटकर  खुद को 
समेट रहा है 
एक  सुबह जो उम्मीद आयी
  फिर 
 क्यों
 वो ढलती  शाम  तक अंधेरे  का स्वरूप बन गयी 
चाहते  तो कभी कम नही होती
और जो कम हो जाए वो चालाकियों की 
हवा है
और
ये
नादन दिल  कभी समझ नही पाया.

©Bhawana Pandey

#Preying

15 Love

 वो बेपरवाह सी सुबह 
ओश की बूंदों  को अपने आप में समेटें
वो हल्की सी नमी
 बीते वक्त का हिसाब लिखती 
मेरा हर एक भाव कीमती था
मेरा वो वक्त भी कीमती था
कैसे  वो गैरों के नाम हो गया
जज़्बाती दिल समझ न पाया 
क्यों बेपरवाह सा दिलो का मोहताज हो गया
वो पहचान खुद को आईने में तलाश रही हैं 
खुद का अस्तित्व खोजती 
उस बेपरवाह सुबह से लड़ रही हैं
Bhawana pandey

©Bhawana Pandey

#@bhawanapandrysnowmountain

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तुम्हे बार बार जीतने की आदत हो गयी है देखना एक दिन ये तुम्हे तोड़ देगा हारना भी तो जिन्दगी का हिस्सा है जब हार के इंसान उठ जाता है तो उस मोड़ पर उसके लिए हार और जीत की परिभाषा बदल जाती है ©Bhawana Pandey

#chaandsifarish #Quotes  तुम्हे बार बार जीतने की आदत हो गयी है 
देखना एक दिन  ये तुम्हे तोड़ देगा 
हारना भी तो जिन्दगी का
 हिस्सा है 
जब हार के इंसान उठ
जाता है  तो 
  उस  मोड़ पर उसके लिए 
हार और जीत की  परिभाषा बदल जाती है

©Bhawana Pandey
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