DINESH SHARMA

DINESH SHARMA Lives in New Delhi, Delhi, India

अंत होने लगा फसाने का अक्ल आने लगी ठिकाने पे ©दिनेश शर्मा

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शाम-ए-ग़ज़ल #Awaazfest #ILTF

शाम-ए-ग़ज़ल #awaazfest #ILTF

Tuesday, 6 December | 08:00 pm

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चहरा हसीन था भले फितरत अजीब थी जिस से निगाह मिल गयी उसके करीब थी हम शे'र लिख के भेजते थे इश्क़ में उसे नुक्ते लगा के भेजती लड़की अदीब थी बेरोजगार हो भले जीता रहे सुहाग इद्दत के बाद बिक गयी औरत गरीब थी मैं रोज सोचता था हुआ माज़ी में क्या गलत माज़ी ने आज ये कहा तू बदनसीब थी कर दी विदाई जो दिया आया था उसके साथ बेटी के भाग से मिला वो खुशनसीब थी ©DINESH SHARMA

#शायरी #इद्दत #इश्क़ #अदीब #औरत  चहरा  हसीन  था  भले  फितरत   अजीब  थी
जिस  से  निगाह  मिल गयी उसके करीब  थी

हम  शे'र  लिख  के  भेजते  थे  इश्क़  में   उसे
नुक्ते   लगा   के   भेजती  लड़की  अदीब   थी

बेरोजगार   हो    भले     जीता    रहे    सुहाग
इद्दत  के  बाद  बिक  गयी  औरत   गरीब  थी

मैं रोज सोचता था  हुआ माज़ी  में क्या गलत
माज़ी  ने   आज  ये   कहा  तू   बदनसीब  थी

कर दी विदाई जो दिया आया था उसके साथ
बेटी  के  भाग  से   मिला  वो  खुशनसीब  थी

©DINESH SHARMA

किसी पत्ते पे लिख दूं मैं तेरा जो नाम पोरों से वो पत्ता शाख से भी टूटकर पीला नहीं पड़ता ©दिनेश शर्मा, 23.03.2021 ©DINESH SHARMA

#पत्ता #पीला #नाम #शाख #peace  किसी पत्ते पे लिख दूं मैं तेरा  जो  नाम पोरों से
वो  पत्ता शाख से भी टूटकर पीला नहीं पड़ता
©दिनेश शर्मा, 23.03.2021

©DINESH SHARMA

अगरचे पास है अपनी उदासी मगर तड़पा रही तेरी उदासी हमारा गम समंदर हो गया है उसी में तैरती रहती उदासी कभी जा कर के देखो मयकदे में वहाँ पर रक्स भी करती उदासी हुआ जो वस्ल हमने तब ये जाना है इसके बाद में लंबी उदासी तुम्हारे होंट खुलते है खुशी में तुम्हारी आंख में रहती उदासी हमारा साथ मत मांगो सफर में हमारे साथ मे चलती उदासी उदासी का चढ़ा है रंग जबसे सभी रंगों पे है भारी उदासी खला से हो चुकी है बात अपनी खुशी से पहले आई थी उदासी दिनेश शर्मा, 12.01.2021 ©DINESH SHARMA

#उदासी #eveningtea  अगरचे  पास  है   अपनी  उदासी
मगर  तड़पा   रही   तेरी   उदासी
 
हमारा  गम   समंदर  हो  गया  है
उसी   में   तैरती    रहती  उदासी

कभी जा कर के देखो मयकदे में
वहाँ पर रक्स भी  करती उदासी

हुआ जो वस्ल हमने तब ये जाना
है इसके   बाद  में  लंबी  उदासी

तुम्हारे  होंट  खुलते   है खुशी में
तुम्हारी  आंख  में  रहती उदासी

हमारा साथ मत मांगो  सफर में
हमारे  साथ  मे   चलती  उदासी

उदासी  का  चढ़ा  है  रंग  जबसे
सभी  रंगों  पे  है   भारी   उदासी

खला से हो चुकी है बात अपनी
खुशी  से  पहले आई थी उदासी
दिनेश शर्मा, 12.01.2021

©DINESH SHARMA

प्यार मुहब्बत वाली शाम

प्यार मुहब्बत वाली शाम

Saturday, 23 January | 08:00 pm

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पांव से पांव पर हाथ जब बन गए वो मुसव्विर थे दो खा सके रोटियां ©दिनेश शर्मा , 03.01.2021

#मुसव्विर #शायरी #पांव #shadesoflife #हाथ  पांव से पांव पर हाथ जब बन गए
वो मुसव्विर थे दो खा सके रोटियां
©दिनेश शर्मा , 03.01.2021
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