MAX S

MAX S

  • Latest
  • Popular
  • Video

ऐसी वक़्त में जहां हमसब घर में बंद हैं और अपने बारे में सोच रहे हैं, वहां अनेक लोग ऐसे हैं जो बाहर से आए हैं और जा नहीं पा रहे हैं और खासकर गरीब तबके के लोग जिनके पास खाने का भी जुगाड नहीं है । कृपया अपने आस पास अगर ऐसे लोग हैं जिनको खाना नहीं मिल पा रही है, तो उनकी मदद कीजिए और हमें भी बताइए । हमसब मिलकर ऐसे लोगों की मदद करेंगे । धन्यवाद 🙏 ....DEV

 ऐसी वक़्त में जहां हमसब घर में बंद हैं और अपने बारे में सोच रहे हैं, वहां अनेक लोग ऐसे हैं जो बाहर से आए हैं और जा नहीं पा रहे हैं और खासकर गरीब तबके के लोग जिनके पास खाने का भी जुगाड नहीं है । 

कृपया अपने आस पास अगर ऐसे लोग हैं जिनको खाना नहीं मिल पा रही है, तो उनकी मदद कीजिए और हमें भी बताइए । हमसब मिलकर ऐसे लोगों की मदद करेंगे ।

                                                                धन्यवाद 🙏
                                                                ....DEV

GIVE

2 Love

वो बोल नहीं सकते लेकिन जिस्म और भूख है इनकी ये बता नहीं सकते लेकिन तकलीफें भरी हुई हैं इनकी ll आज जो कोरोना की वजह से खो गया है तू दूसरों से अपने आप को बचाने की कोशिश करता है तू भूल ना जाना कि बाहर ये तेरा इंतजार करते हैं, तेरी बची हुई खाने का दीदार करते हैं ll ज़िंदा तो तू रहेगा पर इनको बचा के रखना कशमकश की इस पल में इंसानियत को ना भूल जाना ll ....🖋️DEV

#इंसानियत  वो बोल नहीं सकते लेकिन  

जिस्म और भूख है इनकी
ये बता नहीं सकते लेकिन
तकलीफें भरी हुई हैं इनकी ll



आज जो कोरोना की वजह से खो गया है तू
दूसरों से अपने आप को बचाने की कोशिश करता है तू
भूल ना जाना कि बाहर ये तेरा इंतजार करते हैं,
तेरी बची हुई खाने का दीदार करते हैं ll
ज़िंदा तो तू रहेगा पर इनको बचा के रखना
कशमकश की इस पल में  इंसानियत को ना भूल जाना ll

                                               ....🖋️DEV

ज़िंदगी को समझना आसान नहीं इसमें इतनी उलझन भी नहीं उधेड़बुन सारी इसमें करता है तू फिर अपनी क़िस्मत को दोष देता है तू अब समझ जा, रुक जा, एक पल को ज़रा क्या लेके आया है, क्या लेके जाएगा क्यूँ इतनी बेसब्री से दौड़ता, ठहर जा ज़रा ll तरंगो में बह जा, ले जाएगा तुझे समुंदर जहाँ तेरे धागा का आख़िर हिस्सा बंधा है यारा जितना ढीला छोड़ेगा उतना खुल पाएगा ख़ाली तो आया है, कुछ ना बटोर ले जाएगा ll ....🖋️DEV

#यह  ज़िंदगी को समझना आसान नहीं
इसमें इतनी उलझन भी नहीं
उधेड़बुन सारी इसमें करता है तू
फिर अपनी क़िस्मत को दोष देता है तू
अब समझ जा, रुक जा, एक पल को ज़रा 
क्या लेके आया है, क्या लेके जाएगा
क्यूँ इतनी बेसब्री से दौड़ता, ठहर जा ज़रा ll

तरंगो में बह जा, ले जाएगा तुझे समुंदर
जहाँ तेरे धागा का आख़िर हिस्सा बंधा है यारा
जितना ढीला छोड़ेगा उतना खुल पाएगा
ख़ाली तो आया है, कुछ ना बटोर ले जाएगा ll


                                            ....🖋️DEV

#यह पल

5 Love

तू मेरा ज़ुनून है, ख़्वाब है, जुस्तजू है, मेरे रब से मांगु, तू वो आख़िरी आरज़ू है जान-ए-ग़ज़ल मेरी, न जाना कभी रूठ के, मरने के बाद भी चाहेंगे तुम्हें टूट के ll रश्क़-ए-क़मर ने मुझे दीवाना बनाया, शहर की हर गलियों से तेरा-मेरा नाम आया, अब चाहे तू जितना इम्तिहान ले ले, नफ़्स का हर कोना अब तेरा मेरे हमसाया ll .....🖋️DEV

#जुस्तजू  तू मेरा ज़ुनून है, ख़्वाब है, जुस्तजू है,
मेरे रब से मांगु, तू वो आख़िरी आरज़ू है 
जान-ए-ग़ज़ल मेरी, न जाना कभी रूठ के,
मरने के बाद भी चाहेंगे तुम्हें टूट के ll

रश्क़-ए-क़मर ने मुझे दीवाना बनाया,
शहर की हर गलियों से तेरा-मेरा नाम आया,
अब चाहे तू जितना इम्तिहान ले ले, 
नफ़्स का हर कोना अब तेरा मेरे हमसाया ll

                          .....🖋️DEV
#खानाबदोश

चाहा उसने चाहत की हद तक मुझे साँसों से रूह तक सब मेरे नाम कर दिया नाम, ज़िंदेग़ी, पहचान तक मुझे दान कर दिया किस तरह लौटाऊँ सारा उधार बताओ मुझे खुद भी बिक जाऊँ, लूट जाऊँ, कम लगता है मुझे ll खानाबदोश सा है सारी ज़िंदेगी मेरी बोझ कम कर के चलना फ़ितरत है मेरी रोते-रोते हँसता हुँ, हंसते-हंसते रोता हुँ कहीं में पागल तो नहीं, ये समझाओ मुझे ll ....🖋️DEV

 चाहा उसने चाहत की हद तक मुझे
साँसों से रूह तक सब मेरे नाम कर दिया
नाम, ज़िंदेग़ी, पहचान तक मुझे दान कर दिया 
किस तरह लौटाऊँ सारा उधार बताओ मुझे 
खुद भी बिक जाऊँ, लूट जाऊँ, कम लगता है मुझे ll

खानाबदोश सा है सारी ज़िंदेगी मेरी 
बोझ कम कर के चलना फ़ितरत है मेरी 
रोते-रोते हँसता हुँ, हंसते-हंसते रोता हुँ 
कहीं में पागल तो नहीं, ये समझाओ मुझे ll

                                         ....🖋️DEV

खानाबदोश हूं में

4 Love

Trending Topic