Mr Rasiya

Mr Rasiya Lives in Ghazipur, Uttar Pradesh, India

और कुछ नहीं मुझे बस कागज और कलम चाहिए मैं शायर हूँ दिलजला अल्फाजों का मरहम चाहिए ~ रसिया

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सब सच तो बताया था कुछ छुपाया थोड़ी था नाराज़ तुम्हें किया था मगर रुलाया थोड़ी था और तुमने वफादारी को मेरी शक में रखा मैंने किसी रकीब से दिल अपना लगाया थोड़ी था ~ रसिया

#कविता #darkness #mrrasiya  सब सच तो बताया था
 कुछ छुपाया थोड़ी था

 नाराज़ तुम्हें किया था
 मगर रुलाया थोड़ी था

 और तुमने वफादारी को मेरी
 शक में रखा 

 मैंने किसी रकीब से दिल
 अपना लगाया थोड़ी था

 ~ रसिया

#darkness *सब सच तो बताया था* *कुछ छुपाया थोड़ी था* *नाराज़ तुम्हें किया था* *मगर रुलाया थोड़ी था*

9 Love

मेरी बेबाक आंखो को तेरा इंतजार बहोत है तुम मिलो तो जतादें कि तुमसे प्यार बहोत हैै ~ रसिया

#शायरी #HeartTouching #nojotohindi #loveshayri #mrrasiya  मेरी बेबाक आंखो को
 तेरा इंतजार बहोत है

तुम मिलो तो जतादें
कि तुमसे प्यार बहोत हैै

~ रसिया

मेरी बेबाक आंखो को तेरा इंतजार बहोत है तुम मिलो तो जतादें कि तुमसे प्यार बहोत हैै ~ रसिया

10 Love

मोहब्बत की सदा को कभी तो ज़ुबां दो और गर इश्क है तुम्हें उससे तो बता दो कब तक उसकी दीद से ही मोहब्बत करोगे गैर की होने से पहले इश्क़ तो जता दो ~ रसिया

#शायरी #alone  मोहब्बत की सदा को कभी तो ज़ुबां दो
और गर इश्क है तुम्हें उससे तो बता दो

कब तक उसकी दीद से ही मोहब्बत करोगे 
गैर की होने से पहले इश्क़ तो जता दो

~ रसिया

#alone मोहब्बत की सदा को कभी तो ज़ुबां दो और गर इश्क है तुम्हें उससे तो बता दो कब तक उसकी दीद से ही मोहब्बत करोगे गैर की होने से पहले इश्क़ तो जता दो ~ रसिया

7 Love

बड़ी मासूम, चंचल है वो मुस्कानों का बादल है अदा भी खूब खुदा ने दी जो देखे उसपे पागल है जहां दिखता नहीं मंज़र वहां भी पहचान मेरी है सनम मेरा सनम ही नहीं मेरा दिल जान मेरी है........।।१।। खोलकर जब वो जुड़े से झुल्फें अपनी बिखराती हैं हवा भी हो जाती है मदहोश जब जुल्फों से टकराती है है करिश्मा भी वो जादू भी हां वो इक ईमान मेरी है जिसमें खोया मैं रहता हूं वही वो जहान मेरी है सनम मेरा सनम ही नहीं मेरा दिल जान मेरी है........।।२।। भरी बस सादगी है उसमें ना सजती संवरती है पर ना जाने क्यों गैरों की आशिकी उसपे मरती है उसे खोने से डरता हूं वो इश्क-ए-पहचान मेरी है मेरे जीने का आसरा है वो स्वाभिमान मेरी है सनम मेरा सनम ही नहीं मेरा दिल जान मेरी है........।।३।। ~ रसिया

#hearttouchingpoetry #कविता  बड़ी मासूम, चंचल है
वो मुस्कानों का बादल है
अदा भी खूब खुदा ने दी
जो देखे उसपे पागल है
जहां दिखता नहीं मंज़र 
वहां भी पहचान मेरी है
सनम मेरा सनम ही नहीं 
मेरा दिल जान मेरी है........।।१।।

खोलकर जब वो जुड़े से
झुल्फें अपनी बिखराती हैं
हवा भी हो जाती है मदहोश
जब जुल्फों से टकराती है 
है करिश्मा भी वो जादू भी 
हां वो इक ईमान मेरी है
जिसमें खोया मैं रहता हूं
वही वो जहान मेरी है
सनम मेरा सनम ही नहीं
मेरा दिल जान मेरी है........।।२।।

भरी बस सादगी है उसमें
ना सजती संवरती है
पर ना जाने क्यों गैरों की
आशिकी उसपे मरती है
उसे खोने से डरता हूं
वो इश्क-ए-पहचान मेरी है
मेरे जीने का आसरा है
वो स्वाभिमान मेरी है
सनम मेरा सनम ही नहीं
मेरा दिल जान मेरी है........।।३।।

                   ~ रसिया

#hearttouchingpoetry बड़ी मासूम, चंचल है वो मुस्कानों का बादल है अदा भी खूब खुदा ने दी जो देखे उसपे पागल है जहां दिखता नहीं मंज़र वहां भी पहचान मेरी है

5 Love

बहुत बेचैन हूं मुद्दत से अब अख्तियार करलो तुम तुम्हें मैं प्यार करता हूं मुझे भी प्यार करलो तुम ~ रसिया

#शायरी  बहुत बेचैन हूं मुद्दत से 
अब अख्तियार करलो तुम

तुम्हें मैं प्यार करता हूं
मुझे भी प्यार करलो तुम

~ रसिया

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8 Love

और कुछ नहीं मुझे बस कागज और कलम चाहिए मैं शायर हूँ दिलजला अल्फाजों का मरहम चाहिए ~ रसिया

#शायरी #december #2liner  और कुछ नहीं मुझे बस कागज और कलम चाहिए 
मैं शायर हूँ  दिलजला अल्फाजों का मरहम चाहिए 
                  
~ रसिया
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