Bajetha Nikita ..

Bajetha Nikita ..

तुम जानते हो जिसे वो चाहती है तुम्हें ये ध्यान रखना❤❤

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एक रोज बाद फिर चाँद देखा.. पर शर्त ये थी ! रोज खिड़की से देखती, आज खिड़की से बाहर देखा.. तारों की टिमटिमाहट के बीच:) वो कुछ अलग नजर आ रहा था एकटक निहारती मैं उसे और वो चाँदनी को रिझा रहा था:) मुस्कुराते हुए वो ^ बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था उस पर लगा हर दाग मुझे दवा सा नजर आ रहा था और आंखें खुलते ही पता चला हमेशा की तरह वो फिर ख्वाब में नजर आ रहा था।:) BAJETHA NIKITA...

#feather  एक रोज बाद फिर चाँद देखा..
पर शर्त ये थी !
रोज खिड़की से देखती,
आज खिड़की से  बाहर देखा..

तारों की टिमटिमाहट के बीच:)
वो कुछ अलग  नजर आ रहा था
एकटक निहारती मैं उसे
और वो चाँदनी को रिझा रहा था:)

मुस्कुराते हुए वो ^
बेहद खूबसूरत नजर आ रहा था
उस पर लगा हर दाग मुझे
दवा सा नजर आ रहा था
और आंखें खुलते ही पता चला
हमेशा की तरह वो 
फिर ख्वाब में नजर आ रहा था।:)

                  BAJETHA  NIKITA...

ख्वाब, हक़ीक़त ,किस्सा , फसाना ये तो हिस्सा है ज़िन्दगी का कभी रोना कभी मुस्कुराना यही तो तराना है ज़िन्दगी का दूर रह कर भी पास हो जाना नफरत मैं भी प्यार निभाना मुझसे रुठ कर खुद को मनाना कितना अजीब है ना खिलते फूलों का यूँ मुरझाना मेरा इश्क़ छीन कर मुझे ही इश्क़ सिखाना ना जाने कितना है हमारा ये किस्सा पुराना सही है जानकर भी गलत समझता है वो मुझे वाह! कितना अजीब है ना उसके दूर जाने का बहाना.. BAJETHA NIKITA...

 ख्वाब, हक़ीक़त ,किस्सा , फसाना
ये तो हिस्सा है ज़िन्दगी का
कभी रोना कभी मुस्कुराना
यही तो तराना है ज़िन्दगी का

दूर रह कर भी पास हो जाना
नफरत मैं भी प्यार निभाना
मुझसे रुठ कर खुद को मनाना
कितना अजीब है ना
खिलते फूलों का यूँ मुरझाना

मेरा इश्क़ छीन कर मुझे ही इश्क़ सिखाना
ना जाने कितना है हमारा ये किस्सा पुराना
सही है जानकर भी गलत समझता है वो मुझे
वाह! कितना अजीब है ना उसके दूर जाने का बहाना..

                             BAJETHA NIKITA...

# Fasana.... Ms.(P.✍️Gurjar) Vijay Prajapati @Aaradhana Anand @Omi Sharma @basit_faizi_official

15 Love

एक अजीब सी बेचैनी और कुछ अधूरे से ख़्वाब मैं लिखती नहीं शायरी बस लिखती हूं कुछ खास अल्फ़ाज़ दुनिया की इस भीड़ में मेरा अकेला सा होना मैंने अक्सर महसूस किया है किसी का मेरा ना होना ना बता सकूँ न जाता सकूँ कुछ ऐसे हैं मेरे जज़्बात झूठी ही सही पर दे देते हैं एक तसल्ली सी हर बार BAJETHA NIKITA.....

#poem  एक अजीब सी बेचैनी और
कुछ अधूरे से ख़्वाब
मैं लिखती नहीं शायरी
बस लिखती हूं कुछ खास अल्फ़ाज़

दुनिया की इस भीड़ में
मेरा अकेला सा होना
मैंने अक्सर महसूस किया है
किसी का मेरा ना होना

ना बता सकूँ न जाता सकूँ
कुछ ऐसे हैं मेरे जज़्बात
झूठी ही सही पर दे देते  हैं
एक तसल्ली सी हर बार

                       BAJETHA  NIKITA.....

कुछ खास अल्फ़ाज़........

16 Love

एक सवाल अक्सर मन में घर कर जाता है हमेशा कुछ न कुछ पीछे छूट ही जाता है कुछ ख़्वाब , कुछ हक़ीक़त का एक किस्सा सा बन जाता है आंख मैं रहते हुए भी वो आँसू बह कहाँ पता है सबको खुश रखने की कोशिश मैं इंसान खुद से रूठा रह जाता है सिर्फ तुझे सवाँरने की ख़ातिर ए ज़िन्दगी बांकी सब बिगड़ सा जाता है। BAJETHA NIKITA...

#Life_experience  एक सवाल अक्सर मन में घर कर जाता है
हमेशा कुछ न कुछ पीछे छूट ही जाता है

कुछ ख़्वाब , कुछ हक़ीक़त का
एक किस्सा सा बन जाता है
आंख मैं रहते हुए भी वो आँसू
बह कहाँ पता है

सबको खुश रखने की कोशिश मैं
इंसान खुद से रूठा रह जाता है
सिर्फ तुझे सवाँरने की ख़ातिर ए ज़िन्दगी
बांकी सब बिगड़ सा जाता है।


                 BAJETHA  NIKITA...

ऐ ज़िन्दगी.....

16 Love

एक इश्क़ था जो खुद-ब-खुद हो गया तुझसे और एक नफरत है जो जबरदस्ती करनी पड़ रही है। BAJETHA NIKITA......

 एक इश्क़ था जो खुद-ब-खुद हो गया तुझसे
और एक नफरत है जो जबरदस्ती करनी पड़ रही है।
               

                                               BAJETHA  NIKITA......

कुछ चीजें न चाहते हुए भी बदल ही जाती हैं....

18 Love

हाय ये बिन मौसम सी बरसात छिपाये हैं इसने जैसे कई गहरे राज़ एक अनबन सी खुद से है इसकी और तलाशती दुनिया में सहारे हज़ार है हाँ मना नहीं पाती ये अक्सर खुद से रुठ जाने पे खुद को पर खुशियाँ बाँटते देखा मैंने इसे कई उदास चेहरों में आज है मैं अपना हाल-ए ज़िंदगी बयां करतो भी तो क्या मैंने देखी बारिश रुकने पे जमीं बेज़ार है हाय कितना अजीब, कितना अनोखा आसमाँ का ये जमीं से प्यार है NIKITA BAJETHA....

 हाय ये बिन मौसम सी बरसात
छिपाये हैं इसने जैसे  कई गहरे राज़
एक अनबन सी खुद से  है इसकी
और तलाशती दुनिया में सहारे हज़ार है

 हाँ मना नहीं पाती ये अक्सर 
खुद से रुठ जाने पे खुद को
पर खुशियाँ बाँटते देखा मैंने 
इसे कई उदास चेहरों में आज है
मैं अपना  हाल-ए ज़िंदगी 
बयां करतो भी तो क्या
मैंने देखी बारिश रुकने पे जमीं बेज़ार है 
हाय कितना अजीब, कितना अनोखा
आसमाँ का ये जमीं से प्यार है
 
                           NIKITA BAJETHA....

हाय ये बिन मौसम सी बरसात छुपाये हैं इसने जैसे कई गहरे राज़....... Aditya Raj 'rabare' Bhüvï Sãhù💞 @Kulvinder Singh Vîçky Rãjpüt ✍️ @Abhikash Shayar

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