Rajeev Kourav

Rajeev Kourav Lives in Udaipura, Madhya Pradesh, India

एको अहं, द्वितीयो नास्ति, न भूतो न भविष्यति

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बुद्धत्व ऐसी स्थिति है , जो देवताओं को भी नसीब नही होती। ©Rajeev Kourav

#BuddhaPurnima2021  बुद्धत्व ऐसी स्थिति है , जो देवताओं को भी नसीब नही होती।

©Rajeev Kourav

मत लिखो अगर फुट के न निकले, विना किसी बजह के मत लिखो,,, ©Rajeev Kourav

 मत लिखो अगर फुट के न निकले,
विना किसी बजह के मत लिखो,,,

©Rajeev Kourav

मत लिखो अगर फुट के न निकले, विना किसी बजह के मत लिखो,,, ©Rajeev Kourav

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सदियों की सूखी मिट्टी पर, बर्षा की बूंदों जैसी है। माघ की भीषण ठंडी मै , भोर के सूरज जैसी माँ। याद आती है तेरी लोरी, दुनिया के कोलाहल मै, दिनभर के भूंखे बच्चे को पहली रोटी जैसी मॉं। इस जग की भागादौड़ी से दौड़ आऊं तेरे आँचल मै। ज्येष्ठ की तपती दोपहरी मै, पेड़ की शीतल छाया माँ। हरित दूर्वा के पत्तों पर, ओस की बूंदों जैसी है, लालच की मिली दुनिया मै, निर्मल गंगा जैसी माँ। :- राजीव कौरव ©Rajeev Kourav

#WForWriters #loveyoumaa #Follow_me #Mothers #share  सदियों की सूखी मिट्टी पर,
बर्षा की बूंदों जैसी है।
माघ की भीषण ठंडी मै ,
भोर के सूरज जैसी माँ।

याद आती है तेरी लोरी,
दुनिया के कोलाहल मै,
दिनभर के भूंखे बच्चे को
पहली रोटी जैसी मॉं।

इस जग की भागादौड़ी से
दौड़ आऊं तेरे आँचल मै।
ज्येष्ठ की तपती दोपहरी मै,
पेड़ की शीतल छाया माँ।

हरित दूर्वा के पत्तों पर,
ओस की बूंदों जैसी है,
लालच की मिली दुनिया मै,
निर्मल गंगा जैसी माँ।
         :-   राजीव कौरव

©Rajeev Kourav

बो आजाद हुई मेरी बाहों की गिरफ्त से, गलती से भूली उसका रुमाल सँभाल रक्खा है। कुछ मुट्ठी गम ही तो दिया है उसने मुझे, जिन्हें मैने अब तक सम्भाल रक्खा है। :- राजीव कौरव ©Rajeev Kourav

#hangout  बो आजाद हुई मेरी बाहों की गिरफ्त से,
गलती से भूली उसका रुमाल सँभाल रक्खा है।

कुछ मुट्ठी गम ही तो दिया है उसने मुझे,
जिन्हें मैने अब तक सम्भाल रक्खा है।
        :-     राजीव कौरव

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#hangout @Himanshu Gupta @Ambika Jha Rohan davesar वैराग्य यज्ञेश्वर वत्स

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