गीतेय...

गीतेय...

जो देखा, समझा, सोचा उसे बस कलम से उकेर दिया

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White छाती चौड़ी तान कर सीना जमाने से आंख मिला कर चलना विपदा से कभी न घबराना ये सारे गूढ़ ज्ञान देते देते मेरी नैय्या खेते खेते मेरी कुशल कामना को दर ओ दरगाह पर झुकते झुकते कमर को तेरी झुकते देखा है और तेरी छाती का सींचा भींचा अब मैं मन का मौजी होता हूं जो जी आता करता रहता तुम भी ना अब टोका रोका करती हो पर याद मुझे है बताया था तूने की अब एक टीस रहती है छाती में पता नहीं कितने जमाने से कलेजे पर कितने पत्थर रख रखी हो बहोत दिनों से दौड़ दौड़ कर मां अब थका हुआ सा लगता है मुझे अब फिर से राजा बेटा होना है बिस्तर मार मखमल सा मलमल पर मां मुझे थोड़ी देर तेरी गोद में सोना है तुम्ही दुनिया और तेरी आंचल में ही सारी दुनिया का कोना है इसी में बंधी कोई गांठ में मेरी खुशियों का सोना है मां मुझे अब थोड़ी देर तेरी गोद में सोना है ©गीतेय...

#कविता #mothers_day  White 
छाती चौड़ी तान कर सीना
जमाने से आंख मिला कर चलना 
विपदा से कभी न घबराना
ये सारे गूढ़ ज्ञान देते देते 
मेरी नैय्या खेते खेते
मेरी कुशल कामना को
दर ओ दरगाह पर झुकते झुकते
कमर को तेरी झुकते देखा है

और तेरी छाती का सींचा भींचा
अब मैं मन का मौजी होता हूं
जो जी आता करता रहता 
तुम भी ना अब टोका रोका करती हो
पर याद मुझे है बताया था तूने 
की अब एक टीस रहती है छाती में
पता नहीं कितने जमाने से
कलेजे पर कितने पत्थर रख रखी हो

बहोत दिनों से दौड़ दौड़ कर
मां अब थका हुआ सा लगता है
मुझे अब फिर से राजा बेटा होना है
बिस्तर मार मखमल सा मलमल 
पर मां मुझे थोड़ी देर तेरी गोद में सोना है
तुम्ही दुनिया और तेरी आंचल में ही
सारी दुनिया का कोना है
इसी में बंधी कोई गांठ में
मेरी खुशियों का सोना है
मां मुझे अब थोड़ी देर तेरी गोद में सोना है

©गीतेय...

#mothers_day

11 Love

White देकर मुझको दो अठन्नी निहारती मन भर मेरी मुस्कान चवन्नी ले आता मैं फिर चूरन की गोली पूछती तुम की अब तो तृप्त तेरी आत्मा हो ली अब एक रोटी भी खा ले रे़ रुको मैं खुद तुझे खिलाती हूं तोता मैना गईया बछिया ये सब भी दिखलाती हूं दिन भर मैं फिर भाग दौड़ कर कितना तुझे सताता था और नहीं तो पाव भर मैं दिन भर में रक्त जलाता था अब बैठ अकेला नितांत कभी मैं चुपचाप ये सोचा करता हूं देख वक्त की बदलती करवटें गिर गिर कर खुद सम्हलता हूं समय बदला और वाक्य बदले पहले कहती थी "दस बज गया सो जाओ" फिर हुआ कहना "दस बजते घर आ जाना" अब तो बस इतना कहते सुन पता हूं "दस बज गया अब तक फोन नही किया" अब तो कुछ इसी तरह से दस बजते बजते दस साल हुए to be continued... ©गीतेय...

#कविता #mothers_day  White देकर मुझको दो अठन्नी
निहारती मन भर मेरी मुस्कान चवन्नी
ले आता मैं फिर चूरन की गोली
पूछती तुम की अब तो तृप्त तेरी आत्मा हो ली
अब एक रोटी भी खा ले रे़

रुको मैं खुद तुझे खिलाती हूं
तोता मैना गईया बछिया
ये सब भी दिखलाती हूं
दिन भर मैं फिर भाग दौड़ कर
कितना तुझे सताता था
और नहीं तो पाव भर मैं
दिन भर में रक्त जलाता था

अब बैठ अकेला नितांत कभी मैं
चुपचाप ये सोचा करता हूं
देख वक्त की बदलती करवटें
गिर गिर कर खुद सम्हलता हूं
समय बदला और वाक्य बदले 
पहले कहती थी "दस बज गया सो जाओ"
फिर हुआ कहना "दस बजते घर आ जाना"
अब तो बस इतना कहते सुन पता हूं
"दस बज गया अब तक फोन नही किया"
अब तो कुछ इसी तरह से
दस बजते बजते दस साल हुए

to be continued...

©गीतेय...

#mothers_day

16 Love

White ये आधी रात की हिचकियां तकिए तले दबी सिसकियां सुनी रहती है अब खिड़कियां थिरकती पलकों पे आंसू की किलकियां होश कहां बदन तले बिस्तर का अब खाली पाया बाहें करवट बदला जब सिलवटे नहीं चादर में अब तुम्हारी देखो ना लगे तेरी ये अदा भी कितनी प्यारी ©गीतेय...

#कविता #Sad_Status  White ये आधी रात की हिचकियां
तकिए तले दबी सिसकियां
सुनी रहती है अब खिड़कियां
थिरकती पलकों पे आंसू की किलकियां

होश कहां बदन तले बिस्तर का अब
खाली पाया बाहें करवट बदला जब
सिलवटे नहीं चादर में अब तुम्हारी
देखो ना लगे तेरी ये अदा भी कितनी प्यारी

©गीतेय...

#Sad_Status

15 Love

#शायरी #alone  White हमारी सफलता तो तुक्को से बनी है
जिसे चाह लिया उसमे अनुतीर्ण ही रहें

©गीतेय...

#alone

99 View

White सुरसा सी हुई भक्ति राम की लोगों की लोकेशना उधियाई रे! एक चार बढ़े दूजा चौसठ जोजन कोई दो तलवार भांजे तो अगला दूना फिर आठ के बदले बांधे अट्ठासी बाजे भीतर का भाव बाजे ठन ठन गोपाल रे! चारो चौराहे पर गूंजा अट्टहास रे! भाव की भीनी, भक्ति की विनम्रता नजर न कहीं आय रे! कौन समझा है यहां की क्षमा शोभती उसी भुजंग को जिसके पास गरल हो भीतर समृद्ध पर बाहर मृदु भाव सरल हो पर भुजंग जब भांग पीकर भांगड़ा मचाए रे! फिर धर्म कहीं,छोड़ कर्म यहीं धर्मिष्ठता दिखलाए रे! ©गीतेय...

#कविता #ramnavmi  White सुरसा सी हुई भक्ति राम की
लोगों की लोकेशना उधियाई रे!
एक चार बढ़े दूजा चौसठ जोजन
कोई दो तलवार भांजे तो अगला दूना
फिर आठ के बदले बांधे अट्ठासी बाजे
भीतर का भाव बाजे ठन ठन गोपाल रे!
चारो चौराहे पर गूंजा अट्टहास रे!
भाव की भीनी, भक्ति की विनम्रता
नजर न कहीं आय रे!

कौन समझा है यहां की
 क्षमा शोभती उसी भुजंग को जिसके पास गरल हो 
भीतर समृद्ध पर बाहर मृदु भाव सरल हो 
पर भुजंग जब भांग पीकर
भांगड़ा मचाए रे! 
फिर धर्म कहीं,छोड़ कर्म यहीं
धर्मिष्ठता दिखलाए रे!

©गीतेय...

#ramnavmi

15 Love

#Nude #rude #SAD  White The rude me 
The nude me
when there is 
nothing to hide
by my side
it's only disgust
to express disguise
go on hard lines
construct harder 
"boundaries"
that's the real me
the nude me
the rude me

©गीतेय...

#SAD #Nude #rude

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