saij salmani

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mera shukoon meri kalam. mera junoon meri kalam. syahi nahi ye bazaar ki. ugalti hai mera hi khoon meri kalam

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#Death  نمازِ       کزا      کر         کئ    ھمنے       ےِ     کےسئ        تیّارئ 

نا کفن  مے  زِب   ھے  نا    کبر   مے    المارئ

©saij salmani

#Death

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मेरी हर मुसीबत मे खङा उस दीवार जैसा कोई नही चाहत मुहब्बत उसके ऐतबार जैसा कोई नही मेरे हर दर्द मे तङप जाता है दिल जिसका सच कहूँ तो इस जहाँ में मेरे यार जैसा कोई नही ©saij salmaani

#FriendshipDay  मेरी हर मुसीबत मे खङा उस दीवार जैसा कोई नही
             
              चाहत  मुहब्बत उसके  ऐतबार जैसा कोई नही 

मेरे हर दर्द मे तङप जाता है दिल जिसका                 

           सच कहूँ तो इस जहाँ में मेरे यार जैसा कोई नही

©saij salmaani

#FriendshipDay sm@rt divi p@ndey @ruh e naaz @Anshu writer @aarjuabbas IshQपरस्त sm@rt divi p@ndey

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Arz Kiya Hai

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sawaal aapke jawaab mere

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पायल, कंगन,झुमका,जुल्फों का संवारा लिख दिया कुछ न छोड़ा मेरी कलम ने सारा लिख दिया ऐसे ही मुकम्मल न हो जाती मेरी ये गज़ल ले कर तेरे हुस्न का सहारा लिख दिया ●● लब़ की लाली लिखी,और लिखा काज़ल तेरी आँखों का तेरे रुखसार पे तिल जैसे चाँद का सितारा लिख दिया ●● कैसे लिख देता कोई श़ेर तेरी सुराही सी गर्दन पे ऐसे लिपटा था उसपे हार पे दिल हारा लिख दिया ●● कभी इधर कभी उधर हवा सी बलखाती तेरी कमर जाता नही ख़यालों से वो दिलकश़ नज़ारा लिख दिया ●● पन्नो पे जो लिखता तो हो जाता चर्चा जहाँ मे इस बाइस चुपके से इस दिल में नाम तुम्हारा लिख दिया ●● गनीमत होती जो सिर्फ खनकती चूडियाँ तेरी पायल की छनक ने था जान से मारा लिख दिया ●● गुस्ताखी होती जो तेरी शान में तो माज़रत चाहता,,सैज,, दी इज़ाज़त तभी तो ग़ज़ल तुझपे दोबारा लिख दिया ©saij salmaani

 पायल, कंगन,झुमका,जुल्फों  का संवारा लिख दिया 
कुछ न छोड़ा मेरी कलम ने सारा लिख दिया
ऐसे ही मुकम्मल न हो जाती मेरी ये गज़ल 
ले कर  तेरे हुस्न का सहारा  लिख दिया 
●●
लब़ की लाली लिखी,और लिखा काज़ल तेरी आँखों का
तेरे रुखसार पे तिल जैसे चाँद का सितारा लिख दिया 
●●
कैसे लिख देता कोई श़ेर तेरी सुराही सी गर्दन पे 
ऐसे लिपटा था उसपे हार पे दिल हारा लिख दिया 
●●
कभी इधर कभी उधर हवा सी बलखाती तेरी  कमर 
जाता नही ख़यालों से वो दिलकश़ नज़ारा लिख दिया 
●●
पन्नो पे जो लिखता तो हो जाता चर्चा जहाँ मे 
इस बाइस चुपके से इस दिल में नाम तुम्हारा लिख दिया 
●●
गनीमत होती जो सिर्फ खनकती चूडियाँ तेरी
पायल की छनक ने था जान से मारा लिख दिया 
●●
गुस्ताखी होती जो तेरी शान में तो माज़रत चाहता,,सैज,,
दी इज़ाज़त तभी तो ग़ज़ल तुझपे दोबारा लिख दिया

©saij salmaani

@Afreen @chandni NIKHAT الفاظ جو دل چو جائے Dhyaan mira Mr Ismail Khan Añgëľiñä (Añgël)

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