White Dear तुम,
तुम्हारी काजल लगी आंखें शांत झील सी हैं, तुम्हारा चेहरा चौदहवीं के चाँद सा है, तुम्हारे ख्याल चंचल नदी से है, और तुम्हारा हृदय हिन्द महासागर सा विशाल, तुम अपने ही व्यक्तित्व से अनजान हो, तुम्हें लिखना मुझे ईश्वर की आराधना सरीखा लगता है।और तुम्हें देखना, चांदनी रात में ताज देखने जैसा सुकून देता है मुझे, तुम्हारा सादापन मुझे कोरे कागज़ की तरह लगता है, तुम इज़ाज़त दो गर तो खुद के ख्यालों को गढ़ दूँ तुमपे, एक नया रूप दे दूं तुम्हें अपनी प्रिय का रूप, पर क्या तुम उस रूप के रीत को निभा पाओगी, मेरे हर ख्यालों को दे पाओगी तुम उनकी सही जगह या फिर कर दोगी मुझे फिर पहले से ज्यादा अधूरा, पर सच कहूं क्या, ये अधूरापन भी खूबसूरत है,वो कहते हैं ना कि
"कुछ चीजें अधूरी ही खूबसूरत होती हैं
जैसे मेरा तुमसे ये प्रेम "
तुम्हारे प्रेम की आस में,
तुम्हारा - मैं
©Amresh Krishna
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