Abhishek Yadav

Abhishek Yadav Lives in Gorakhpur, Uttar Pradesh, India

मैं शब्दों में जीता हूँ, अर्थों को समझने के लिए।😍 प्रकृति प्रेमी, साहित्यिक।।

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White अपने ख्वाब से हम मिलने चले हैं। अपनी तकदीर हम लिखने चले हैं।। प्यार के बिना जीना मुमकिन नही। करके इरादा हम मर-मिटने चले हैं।। गुनाह करने से हम हमेशा बचते रहें। अब हसीन गुनाह हम करने चले हैं।। इन हवाओं में ये खुशबू कैसी है? बिना बात के हम बहकने चले हैं।। किसी ने दिया अपना समर्थन हमें। रंगीन आसमाँ में हम उड़ने चले हैं।। आज की शाम और ये मस्ती की बातें। अपनी रातों को जवाँ हम करने चले हैं।। सुना है कि उसकी आँखें बोलती बहुत हैं। उसकी बातों को अब हम सुनने चले हैं।। ये ख्याल है या कुछ और, बता तू अभिषेक। अब तो तुझसे ही सवाल हम करने चले हैं।। -✍️अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#rajdhani_night #लव  White अपने ख्वाब से हम मिलने चले हैं।
अपनी तकदीर हम लिखने चले हैं।।

प्यार के बिना जीना मुमकिन नही।
करके इरादा हम मर-मिटने चले हैं।।

गुनाह करने से हम हमेशा बचते रहें।
अब हसीन गुनाह हम करने चले हैं।।

इन हवाओं में ये खुशबू कैसी है?
बिना बात के हम बहकने चले हैं।।

किसी ने दिया अपना समर्थन हमें।
रंगीन आसमाँ में हम उड़ने चले हैं।।

आज की शाम और ये मस्ती की बातें।
अपनी रातों को जवाँ हम करने चले हैं।।

सुना है कि उसकी आँखें बोलती बहुत हैं।
उसकी बातों को अब हम सुनने चले हैं।।

ये ख्याल है या कुछ और, बता तू अभिषेक।
अब तो तुझसे ही सवाल हम करने चले हैं।।
      -✍️अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

सुकून है, खामोशी है मुहब्बत के बाद। लफ्ज सारे खो गए हैं मुहब्बत के बाद।। आँखों में ख्वाब है और होठों पर गीत। दिल में गुदगुदी-सी है मुहब्बत के बाद।। हवाओं में खुशबू है और फूलों में रंग। बहके-बहके रहते हैं मुहब्बत के बाद।। दिन का सुहानापन, रात की मादकता। एहसासों का दौर है मुहब्बत के बाद।। मिलन की मस्ती है, खुशियों की बस्ती है। अजीब-सी दीवानगी है मुहब्बत के बाद।। ये तो उसकी बात है अभिषेक तू अपनी बता। उसकी यादों की महफिल है मुहब्बत के बाद।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#brokenlove #लव  सुकून है, खामोशी है मुहब्बत के बाद।
लफ्ज सारे खो गए हैं मुहब्बत के बाद।।

आँखों में ख्वाब है और होठों पर गीत।
दिल में गुदगुदी-सी है मुहब्बत के बाद।।

हवाओं में खुशबू है और फूलों में रंग।
बहके-बहके रहते हैं मुहब्बत के बाद।।

दिन का सुहानापन, रात की मादकता।
एहसासों का दौर है मुहब्बत के बाद।।

मिलन की मस्ती है, खुशियों की बस्ती है।
अजीब-सी दीवानगी है मुहब्बत के बाद।।

ये तो उसकी बात है अभिषेक तू अपनी बता।
उसकी यादों की महफिल है मुहब्बत के बाद।।
            -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#brokenlove

13 Love

उदास है दिल, कोई ख्याल लेकर तुम आओ। जवाब है मेरे पास, कोई सवाल लेकर तुम आओ।। बैठा हूँ मैं बड़ी उम्मीद से, बस तेरे ही सहारे। चलो कोई खूबसूरत मिसाल लेकर तुम आओ।। कहानी जिंदगी की मेरी सिर्फ तुझी से है। चलो! कोई किरदार प्यारा लेकर तुम आओ।। वो बातें नहीं है अब तन्हाइयों की गुफ्तगू में। चलो! कोई नई-नई-सी बात लेकर तुम आओ।। ये फिजायें कहती हैं कि तुम यहीं कहीं रहती हो। चलो! रू-ब-रू अपनी अदाओं को लेकर तुम आओ।। अजीब रात है आज की, जवाँ-जवाँ-सी हैं तेरी यादें। चलो! अपने हसीन ख्वाबों को लेकर तुम आओ।। अभिषेक मर-मरके जिंदा रहता है तेरी चाहत में। चलो! एक बार फिर अपने वादों को लेकर तुम आओ।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#PARENTS #लव  उदास है दिल, कोई ख्याल लेकर तुम आओ।
जवाब है मेरे पास, कोई सवाल लेकर तुम आओ।।

बैठा हूँ मैं बड़ी उम्मीद से, बस तेरे ही सहारे।
चलो कोई खूबसूरत मिसाल लेकर तुम आओ।।

कहानी जिंदगी की मेरी सिर्फ तुझी से है।
चलो! कोई किरदार प्यारा लेकर तुम आओ।।

वो बातें नहीं है अब तन्हाइयों की गुफ्तगू में।
चलो! कोई नई-नई-सी बात लेकर तुम आओ।।

ये फिजायें कहती हैं कि तुम यहीं कहीं रहती हो।
चलो! रू-ब-रू अपनी अदाओं को लेकर तुम आओ।।

अजीब रात है आज की, जवाँ-जवाँ-सी हैं तेरी यादें।
चलो! अपने हसीन ख्वाबों को लेकर तुम आओ।।

अभिषेक मर-मरके जिंदा रहता है तेरी चाहत में।
चलो! एक बार फिर अपने वादों को लेकर तुम आओ।।
           -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#PARENTS

14 Love

White हमने उनके हिस्से मढ़ दीं हैं अनेक जिम्मेदारियाँ। हमने उनके कमजोर पड़ने को असंभव बताया।। हमने उनकी आँखों पर आने वाले आँसुओं को देखा आश्चर्यों की तरह हमेशा। हमने उनपे थोप सा दिया कठोर, विशाल बरगद हो जाना।। हमने पिताओं की ममता से ज्यादा तवज्जो उनके अविचल, अजेय, आराध्य होने को दिया। और इन सारे प्रतिमानों के तले दबते, पिसते रहें वो पिता, जिनके मन की उथल-पुथल आंसुओं के रास्ते बहने का रास्ता नहीं खोज पातीं।। जिनके हिस्से की कमजोरियाँ हमारी बाहों में जगह नहीं पातीं। और जिनके बरगद होने की दुश्वारियों में फूल खिलना अवांछित है।। पिता योद्धा होते हैं बेशक! पर बच्चों की बाहों में टूटकर जार-जार रोना उनकी भी ख्वाहिश होती है।। कि पिताओं में भी कहीं, एक माँ छिपी होती है। पर पिताओं के हिस्सों में नहीं होता माँ हो जाना।। -✍️अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#विचार #fathers_day  White हमने उनके हिस्से मढ़ दीं हैं अनेक जिम्मेदारियाँ।
हमने उनके कमजोर पड़ने को असंभव बताया।।

हमने उनकी आँखों पर आने वाले आँसुओं को देखा आश्चर्यों की तरह हमेशा।
हमने उनपे थोप सा दिया कठोर, विशाल बरगद हो जाना।।

हमने पिताओं की ममता से ज्यादा तवज्जो
उनके अविचल, अजेय, आराध्य होने को दिया।

और इन सारे प्रतिमानों के तले दबते, पिसते रहें वो पिता,
जिनके मन की उथल-पुथल आंसुओं के रास्ते बहने का रास्ता नहीं खोज पातीं।।

जिनके हिस्से की कमजोरियाँ हमारी बाहों में जगह नहीं पातीं।
और जिनके बरगद होने की दुश्वारियों में फूल खिलना अवांछित है।।

पिता योद्धा होते हैं बेशक!
पर बच्चों की बाहों में टूटकर
जार-जार रोना उनकी भी ख्वाहिश होती है।।

कि पिताओं में भी कहीं, 
एक माँ छिपी होती है।

पर पिताओं के हिस्सों में नहीं होता माँ हो जाना।।
      -✍️अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#fathers_day

12 Love

Beautiful Moon Night थोड़ी-सी राहत, थोड़ी-सी नींद, थोड़ा-सा ख्वाब चाहिए। जी भरके जी सकूँ मैं, तेरी मुस्कान का एक गुलाब चाहिए।। जागता रहा खूब मैं तेरी चाहत में जिंदगी भर एक आस लिए। आ जाओ! अब करीब मेरे, अपनी चाहतों का एक हिसाब चाहिए।। माना कि सभी हैं यहाँ पर कहीं न कहीं अधूरे-अधूरे मेरे ही तरह। पर जो तुमने लिख रखा है मुझे वो इश्क की मुकम्मल किताब चाहिए।। पल-पल पढ़ता रहता हूँ तुम्हारी खामोशियों को, ये तुम जान लो। मुझे तो तुम्हारी मुहब्बत का अब एक हसीन-सा जवाब चाहिए।। गीतों और गजलों की तुकबंदियों से मन भरता नहीं है अभिषेक का अब। ख्याल हैं जवाँ-जवाँ, बस आज की शाम संग तेरा लाजवाब चाहिए।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#beautifulmoon #लव  Beautiful Moon Night थोड़ी-सी राहत, थोड़ी-सी नींद, थोड़ा-सा ख्वाब चाहिए।
जी भरके जी सकूँ मैं, तेरी मुस्कान का एक गुलाब चाहिए।।

जागता रहा खूब मैं तेरी चाहत में जिंदगी भर एक आस लिए।
आ जाओ! अब करीब मेरे, अपनी चाहतों का एक हिसाब चाहिए।।

माना कि सभी हैं यहाँ पर कहीं न कहीं अधूरे-अधूरे मेरे ही तरह।
पर जो तुमने लिख रखा है मुझे वो इश्क की मुकम्मल किताब चाहिए।।

पल-पल पढ़ता रहता हूँ तुम्हारी खामोशियों को, ये तुम जान लो।
मुझे तो तुम्हारी मुहब्बत का अब एक हसीन-सा जवाब चाहिए।।

गीतों और गजलों की तुकबंदियों से मन भरता नहीं है अभिषेक का अब।
ख्याल हैं जवाँ-जवाँ, बस आज की शाम संग तेरा लाजवाब चाहिए।।
     -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

White मेरे मन के गगन में उसके सपनों के तारे हैं। आहें भरता हूँ मैं, क्या दिलकश नजारे हैं।। फूल खिले हुए हैं उसके एहसासों के चारों ओर। देखता हूँ मैं, कितने सुंदर हैं और कितने प्यारे हैं।। वो साथ रहती है, तो खुशियाँ भी साथ रहती हैं। यकीनन मेरी खुशियाँ उसकी चाहतों के सहारे हैं।। जरा भी परवाह नहीं मुझे गम की गर्मियों की अब। अजी, हर तरफ उसके प्यार की शीतल बौछारें हैं।। हसीन रातों की बातों में दिन गुजरता रहता है मेरा। शाम की सुरमई आँखों में उसके प्यार के इशारे हैं।। बात जब उसकी है, तो क्यों खत्म होगी अब अभिषेक। यहाँ तो उसकी यादों की दरिया के सदाबहार किनारे हैं।। -✍️ अभिषेक यादव ©Abhishek Yadav

#sad_shayari #लव  White मेरे मन के गगन में उसके सपनों के तारे हैं।
आहें भरता हूँ मैं, क्या दिलकश नजारे हैं।।

फूल खिले हुए हैं उसके एहसासों के चारों ओर।
देखता हूँ मैं, कितने सुंदर हैं और कितने प्यारे हैं।।

वो साथ रहती है, तो खुशियाँ भी साथ रहती हैं।
यकीनन मेरी खुशियाँ उसकी चाहतों के सहारे हैं।।

जरा भी परवाह नहीं मुझे गम की गर्मियों की अब।
अजी, हर तरफ उसके प्यार की शीतल बौछारें हैं।।

हसीन रातों की बातों में दिन गुजरता रहता है मेरा।
शाम की सुरमई आँखों में उसके प्यार के इशारे हैं।।

बात जब उसकी है, तो क्यों खत्म होगी अब अभिषेक।
यहाँ तो उसकी यादों की दरिया के सदाबहार किनारे हैं।।
           -✍️ अभिषेक यादव

©Abhishek Yadav

#sad_shayari

15 Love

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