Prerit Modi सफ़र

Prerit Modi सफ़र

https://www.yourquote.in/prerit-modi-bac2o/quotes

  • Latest
  • Popular
  • Video

2122 2122 212 लिक्खा तूने जो तराना याद है बज़्म में तेरा छा जाना याद है भीगी जुल्फें और बारिश का सितम जुल्फों का तेरा सुखाना याद है शर्म सारी ताक पे रख कर सनम तेरा यूँ नज़रें मिलाना याद है ग़म मसर्रत धूप छाओं का है खेल मुझको तेरा हर फ़साना याद है ज़िन्दगी से वस्ल का था इंतिज़ार मौत का मुझको सताना याद है डाक चिट्ठी दूरियों का इश्क़ वो क्या "सफ़र" गुज़रा ज़माना याद है

#सफ़र_ए_प्रेरित #lovequotes #romance #yqbaba #yqdidi  2122 2122 212
लिक्खा तूने जो तराना याद है
बज़्म में तेरा छा जाना याद है

भीगी जुल्फें और बारिश का सितम
जुल्फों का तेरा सुखाना याद है

शर्म सारी ताक पे रख कर सनम
तेरा यूँ नज़रें मिलाना याद है

ग़म मसर्रत धूप छाओं का है खेल
मुझको तेरा हर फ़साना याद है

ज़िन्दगी से वस्ल का था इंतिज़ार
मौत का मुझको सताना याद है

डाक चिट्ठी दूरियों का इश्क़ वो
क्या "सफ़र" गुज़रा ज़माना याद है

#सफ़र_ए_प्रेरित #yqbaba #yqdidi #shayari #lovequotes #shayari #romance ᕼα𝐲Ã卂t uSM𝓐Ⓝ ashish malik

4 Love

2122 1212 22/112 ज़िन्दगी किस तरफ़ ले आई है छाई चारों तरफ़ उदासी है चाँद को छत से देख कर मैंने रात सारी यूँ ही गुज़ारी है तीरगी और सर्द रातें ये हौसलो की श'मा जलानी है दर्द से मैं कराहता हूँ सदा ज़ीस्त में चोट ऐसी खाई है राज़ अपने सभी बता डाले अब बताने की तेरी बारी है उम्र भर वो मुझे पिलाता रहा आज साक़ी को मय पिलानी है तुम "सफ़र" रास्ता न देखो मिरा मेरी महबूबा लौट आई है

#सफ़र_ए_प्रेरित #philosophy #yqbaba #yqdidi  2122 1212 22/112
ज़िन्दगी किस तरफ़ ले आई है
छाई चारों तरफ़ उदासी है

चाँद को छत से देख कर मैंने
रात सारी यूँ ही गुज़ारी है

तीरगी और सर्द रातें ये
हौसलो की श'मा जलानी है

दर्द से मैं कराहता हूँ सदा
ज़ीस्त में चोट ऐसी खाई है

राज़ अपने सभी बता डाले
अब बताने की तेरी बारी है

उम्र भर वो मुझे पिलाता रहा
आज साक़ी को मय पिलानी है

तुम "सफ़र" रास्ता न देखो मिरा
मेरी महबूबा लौट आई है

2122 1122 1122 22/112 जाने मुझको ये हुआ क्या नहीं याद आता अब चेहरा भी मुझे तेरा नहीं याद आता अब अपने घर का पता मैं भूला हूँ अब फिर से अपना है कौन पराया नहीं याद आता अब थे दिवाने मेरी ग़ज़लों के तो पहले बहुत इल्म ग़ज़लों का भी कहना नहीं याद आता अब शम्स भी हो गया था मेरा दिवाना इक दिन कौन सा था वो सवेरा नहीं याद आता अब वस्ल मंज़िल से हुई मेरी जाने कैसे रास्ता मुझको "सफ़र" का नहीं याद आता अब

#सफ़र_ए_प्रेरित #philosophy #yqbaba #yqdidi #gazal  2122 1122 1122 22/112
जाने मुझको ये हुआ क्या नहीं याद आता अब
चेहरा भी मुझे तेरा नहीं याद आता अब

अपने घर का पता मैं भूला हूँ अब फिर से
अपना है कौन पराया नहीं याद आता अब

थे दिवाने मेरी ग़ज़लों के तो पहले बहुत
इल्म ग़ज़लों का भी कहना नहीं याद आता अब

शम्स भी हो गया था मेरा दिवाना इक दिन
कौन सा था वो सवेरा नहीं याद आता अब

वस्ल मंज़िल से हुई मेरी जाने कैसे
रास्ता मुझको "सफ़र" का नहीं याद आता अब

122 122 122 12 मुझे उम्र लंबी नहीं चाहिए क़ज़ा भी तो जल्दी नहीं चाहिए हैं ख़्वाहिश बहुत सारी मेरी ख़ुदा मुझे तेरी मर्ज़ी नहीं चाहिए कमाना है महनत से पैसा बहुत ज़रा सी भी हानी नहीं चाहिए चुरा ले गए तिफ़्ल का बचपना उन्हें ज़ीस्त ऐसी नहीं चाहिए मुझे मासुमों को बचाना है अब ज़रा भी दलाली नहीं चाहिए मुहब्बत "सफ़र" तेरे बस की नहीं तिरे सा ख़्याली नहीं चाहिए

#सफ़र_ए_प्रेरित #midnightthoughts #शायरी #philosophy #शेर  122 122 122 12
मुझे उम्र लंबी नहीं चाहिए
क़ज़ा भी तो जल्दी नहीं चाहिए

हैं ख़्वाहिश बहुत सारी मेरी ख़ुदा
मुझे तेरी मर्ज़ी नहीं चाहिए

कमाना है महनत से पैसा बहुत
ज़रा सी भी हानी नहीं चाहिए

चुरा ले गए तिफ़्ल का बचपना
उन्हें ज़ीस्त ऐसी नहीं चाहिए

मुझे मासुमों को बचाना है अब
ज़रा भी दलाली नहीं चाहिए

मुहब्बत "सफ़र" तेरे बस की नहीं
तिरे सा ख़्याली नहीं चाहिए

ग़ज़ल 26/2022 #सफ़र_ए_प्रेरित #शेर #शायरी #yqbaba #yqdidi #philosophy #midnightthoughts #gazal ashish malik ᕼα𝐲Ã卂t uSM𝓐Ⓝ

2 Love

2122 1122 1122 22/112 डूबते को मिला हो जैसे किनारा फिर से याद आया मुझे वो शख़्स दुबारा फिर से सारे जुगनू ही चले आये हैं महफ़िल में मिरी चांदनी रात में टूटा कोई तारा फिर से मुझसे हिज्रां की ये रातें नहीं कटती हमदम साल इक और बिना तेरे गुज़ारा फिर से क्यों किसी पे ही बिना बात के दिल आता है इश्क़ में हो गया दिल मेरा अवारा फिर से सब अचानक से मिरे पे हो रहें हैं फिदा क्यों मैंने आईने में ख़ुद को ही निहारा फिर से लौट कर आया "सफ़र" से मैं तो तेरी ख़ातिर ख़तरा हो जब कभी तू देना इशारा फिर से

#सफ़र_ए_प्रेरित #philosophy #yqbaba #yqdidi #gazal  2122 1122 1122 22/112
डूबते को मिला हो जैसे किनारा फिर से
याद आया मुझे वो शख़्स दुबारा फिर से

सारे जुगनू ही चले आये हैं महफ़िल में मिरी
चांदनी रात में टूटा कोई तारा फिर से

मुझसे हिज्रां की ये रातें नहीं कटती हमदम
साल इक और बिना तेरे गुज़ारा फिर से

क्यों किसी पे ही बिना बात के दिल आता है
इश्क़ में हो गया दिल मेरा अवारा फिर से

सब अचानक से मिरे पे हो रहें हैं फिदा क्यों
मैंने आईने में ख़ुद को ही निहारा फिर से

लौट कर आया "सफ़र" से मैं तो तेरी ख़ातिर
ख़तरा हो जब कभी तू देना इशारा फिर से

ग़ज़ल 25/2022 #सफ़र_ए_प्रेरित #gazal #yqbaba #yqdidi #shayari #love #philosophy ᕼα𝐲Ã卂t uSM𝓐Ⓝ ashish malik Pratibha Sharma

3 Love

2122 1212 22 शहरे दिल में ये तीरगी क्यों है पास हो कर तू अजनबी क्यों है पहले बेख़ौफ़ दिल धड़कता था दिल की धड़कन अभी रुकी क्यों है लौट कर आ तो तू गई हमदम फिर भी लगती तिरी कमी क्यों है चाँद को ढक दिया है बादल ने चाँद की आँख में नमी क्यों है तुम "सफ़र" रौशनी को फैलाओ फैली हर ओर तीरगी क्यों है

#सफ़र_ए_प्रेरित #philosophy #yqbaba #yqdidi #gazal  2122 1212 22
शहरे दिल में ये तीरगी क्यों है
पास हो कर तू अजनबी क्यों है

पहले बेख़ौफ़ दिल धड़कता था
दिल की धड़कन अभी रुकी क्यों है

लौट कर आ तो तू गई हमदम
फिर भी लगती तिरी कमी क्यों है

चाँद को ढक दिया है बादल ने
चाँद की आँख में नमी क्यों है

तुम "सफ़र" रौशनी को फैलाओ
फैली हर ओर तीरगी क्यों है

ग़ज़ल 24/2022 #सफ़र_ए_प्रेरित #gazal #yqbaba #yqdidi #shayari #philosophy #love ashish malik

3 Love

Trending Topic