poetraja

poetraja Lives in Sikar, Rajasthan, India

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तुझ बिन लगे ना दिन अब अपना सा, कैसे रात निकाल लू खुली है आँखे अंधेरे में कैसे रात मान लू, एकटक नज़र देखे तेरी तस्वीर को कैसे इस हालात को इत्तफाक मान लू, खोई है बाते तेरे इर्द गिर्द कैसे अब बातो पे कयास बांध लू तुझे सोचता रहू दिन रात पर कैसे अब इसे निकला दिन मान लू डूब कर निकलती है पलके दरिया से कैसे इसे पानी मान लू भीगे सिर्फ पलके ही तो में मन की बात सच मान लू सूखा है गला अभी तेरे नाम की जुबा पर माला डाल लू तेरे बिन लगे ना कुछ अपना बता कैसे रात निकाल लू ©poetraja

#yehjawaanihaideewani #nojotogood #aadikmina #poetraja  तुझ बिन लगे ना दिन अब अपना सा, 
कैसे रात निकाल लू
खुली है आँखे अंधेरे में कैसे रात मान लू,
एकटक नज़र देखे तेरी तस्वीर को कैसे 
इस हालात को इत्तफाक मान लू,
खोई है बाते तेरे इर्द गिर्द कैसे अब बातो पे कयास बांध लू 
तुझे सोचता रहू दिन रात पर कैसे अब इसे निकला दिन मान लू
डूब कर निकलती है पलके दरिया से कैसे इसे पानी मान लू
भीगे सिर्फ पलके ही तो में मन की बात सच मान लू
सूखा है गला अभी तेरे नाम की जुबा पर माला डाल लू
तेरे बिन लगे ना कुछ अपना बता कैसे रात निकाल लू

©poetraja

तुझ बिन लगे ना दिन अब अपना सा, कैसे रात निकाल लू खुली है आँखे अंधेरे में कैसे रात मान लू, एकटक नज़र देखे तेरी तस्वीर को कैसे इस हालात को इत्तफाक मान लू, खोई है बाते तेरे इर्द गिर्द कैसे अब बातो पे कयास बांध लू तुझे सोचता रहू दिन रात पर कैसे अब इसे निकला दिन मान लू डूब कर निकलती है पलके दरिया से कैसे इसे पानी मान लू

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#kahanikaar #poetraja
#poetraja

बेवक़्त आँख से छलक कर उसकी याद दिला दे ऐसा है प्रेम, सिर्फ नाम से लबों पर बेहिसाब तरंग बिखेर दे ऐसा है प्रेम, हवा कानों को छुवे पर महसूस उसकी सांसें हो ऐसा है प्रेम, भोर में बिस्तर पर वो पास दिखे पर हो नही ऐसा है प्रेम,

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#poetraja #Broken #story

महकती सुबह बेखोफ बढ़ते क़दम लहराती घास केसरिया समा बेहिसाब फिज़ा की महोब्बत ग़ुम होता अंधेरा नीलम सा आसमां बादलों की सड़क चलते जाना खो जाना अंत मे अनन्त हो जाना होने की वजह ढूंढना खुद से मिलना फिर ख़ुद ही का हो जाना ये में हूं हा शायद में ही हूं ©poetraja

#poetraja  महकती सुबह
 बेखोफ बढ़ते क़दम 
लहराती घास 
केसरिया समा 
बेहिसाब फिज़ा की महोब्बत 
ग़ुम होता अंधेरा 
नीलम सा आसमां 
बादलों की सड़क 
चलते जाना 
खो जाना 
अंत मे अनन्त हो जाना 
होने की वजह ढूंढना 
खुद से मिलना 
फिर ख़ुद ही का हो जाना 
ये में हूं हा शायद में ही हूं

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#poetraja

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