Savita Suman

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#कविता #mothers_day #मां  White मां
लिपट गले से प्रेम लता सी
जब घुटने के बल जाती थी
कितना सुन्दर था वो पल
मां   जब करीब आती थी
चुम चुम कर मेरा मुखड़ा
कितना प्यार जतातीं थी
कस कर मुझको भुजबंध में
जैसे सपनों में खो जाती थी
कहां मिलता है लाड़ किसी से
ऐसा जैसा तुम जताती थी
हैअनमोल प्यार तुम्हारा मां
जो तुम से हीं मिल  पाई थी 
नहि फर्क करती रंग रुप का
ना भेद कोई मन में तेरे 
बलिहारी जाती तू तो मां 
हर भोली बातों पे मेरे
@सविता 'सुमन'

©Savita Suman

प्रस्फुटित होता है मेरे मन का हर कोना तुम्हारे यादों की लौ जलाने से रोक ना पाए कोई झोंका हवा का मुझे तुम तक पहुंच पाने से @सविता 'सुमन' ©Savita Suman

#कविता  प्रस्फुटित होता है मेरे मन का हर कोना 
तुम्हारे यादों की लौ जलाने से 
रोक ना पाए कोई झोंका हवा का
मुझे तुम तक पहुंच पाने से 
@सविता 'सुमन'

©Savita Suman

प्रस्फुटित होता है मेरे मन का हर कोना तुम्हारे यादों की लौ जलाने से रोक ना पाए कोई झोंका हवा का मुझे तुम तक पहुंच पाने से @सविता 'सुमन' ©Savita Suman

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 #कविता
गम की परतें  जब जमने लगी 

फिर आंसुओं की नदियां बही

और उन आंसुओं से नहा कर

निकली मेरी एक दर्द भरी कविता

@सविता 'सुमन'

©Savita Suman

#FindingOneself #कविता

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#महादेव  #कविता #mahashivaratri #शिव  

#महादेव 


शिव और पार्वती का है आज  प्रेम मिलन

शिव शंकर कर‌ बने‌ हैं दुल्हा पावॆती दुल्हन


भूत पिसाच बराती  हैं ब्रह्मा विष्णु साथी

नंदी भृंगी और‌ सब गण पी के भंग मतंग


आज सजी है जगमग हिमाचल नगरिया

पहुना शिव आएंगे लेकर बारात दुअरिया


चढ़ा रही हल्दी सरस्वती मां लक्ष्मी के संग

नारद‌ वेद पढ़ेंगे आज हर्षित तीनों भुवन


 नाग की माला शिव के  गले में शोभे

 भस्म रमाए हैं जोगी अपने सारे अंग

 

  डिमक डिमक डम डम डमडमरू बाजे

  संग में भूत पिसाच  देव गन्धर्व  सब नाचे

  

  देखि छवि जमाई की आज मैना रह गई दंग

  भस्म विभुत श्मशानवासी बनेंगे पावॆती के कंत

  

हर-हर महादेव की चहुं और‌ गुंज रही जयगान

प्रेम का अद्भुत आज ये  होगा धरा पर मिलन

©Savita Suman
#टीसती_है_अनकही_मेरी_व्यथाएं #कविता #टीसती  

 

#टीसती है अनकही मेरी व्यथाएं

टीसती है अनकही मेरी व्यथाएं

बंद है मन के कारा में कितनी कथाएं

हैं गवाह इनका आंसुओ से भींगा दामन

टुकड़ा टुकड़ा बिखरा  है कितना ये मन

उलझी उलझी सी है ये जिंदगी 

भार सांसों का अब सह ना पाए ये तन

तकती आंखें कबसे आसमां को 

जाने कब होगा अपना मिलन

हे पथिक तुम भूल गए क्या
प्यार का वो सुखद मधुर क्षण

©Savita Suman
#दिसम्बर #दिसंबर #कविता #2023Recap  #दिसम्बर
गुजरे हुए वक्त सा गुजर गया ये दिसंबर
कुछ बातें दिल को गुदगुदाई
कुछ बातें दिल को उदास कर गई
कुछ लोग मिले तो कुछ बिछड़ गए 
कुछ अपने हुए बेगाने कुछ बेगाने अपने
पर कुछ ना कुछ तो सीखा इनसे हमने
जो ताउम्र दिल में रह जाएगी 
बनकर यादों की परछाई

©Savita Suman
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