Pushpendra Singh Rajput

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जिससे मिलकर भी मिलने की हसरत नहीं मिटती उससे दिल तो मिलता है, किस्मत नहीं मिलती ©Pushpendra Singh Rajput

#शायरी #me  जिससे मिलकर भी मिलने की हसरत नहीं मिटती
उससे  दिल  तो  मिलता है, किस्मत नहीं  मिलती

©Pushpendra Singh Rajput

#me

12 Love

#शायरी #sadquotes  तुम्हें  शौक  है  मीर  औ ग़ालिब से
 सो लिक्खो
 खुद  अपनी  जग हंसाई कीजिएगा l

नजरों से  सब  कहा  बोला  ना एक शब्द
ज़ालिम का अंदाज-ए-गुफ्तगू तो देखिएगाl

हमसे  ना  होगी  अब  इस  तरह  बशर
जान  लीजियेगा  या   जान  दीजिएगा l

©Pushpendra Singh Rajput

#sadquotes

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बड़े बेशरम हो उसी गली से गुज़रते हो जिस गली का दरख्त तुम्हें दो पल की छाँव भी ना दे सका जहां के रास्तों ने तुम्हारे वास्ते पत्थर उगा लिए,जिन घरों ने वादे किए थे चराग जलाने के, उन घरों की हवाओं ने अपने सब पर्दे गिरा लिए, उस रुखसारे हुस्न ने तुमसे मुह अपना मोड़ लिया तुम्हारी "बेशरमी" का पर्दा अपने माथे पर भी ओढ़ लिया ©Pushpendra Singh Rajput

#शायरी #RailTrack  बड़े बेशरम हो उसी गली से गुज़रते हो 
जिस गली का दरख्त तुम्हें 
दो पल की छाँव भी ना दे सका 
जहां के रास्तों ने तुम्हारे वास्ते 
पत्थर उगा लिए,जिन घरों ने वादे किए थे चराग जलाने के, उन घरों की हवाओं ने अपने सब पर्दे गिरा लिए, उस रुखसारे हुस्न ने तुमसे मुह अपना मोड़ लिया 
तुम्हारी "बेशरमी" का पर्दा अपने माथे पर भी ओढ़ लिया

©Pushpendra Singh Rajput

#RailTrack

8 Love

समय के पार प्रिये तुम आना मुझसे मिलने नयनों में भर के प्यार लिए तुम आना मुझसे मिलने अधरों पे जलती प्यास लिए तुम आना मुझसे मिलने ©Pushpendra Singh Rajput

#कविता #holdmyhand  समय के पार प्रिये
तुम आना मुझसे मिलने

नयनों में भर के प्यार लिए
तुम आना मुझसे मिलने

अधरों पे जलती प्यास लिए
तुम आना मुझसे मिलने

©Pushpendra Singh Rajput

मैं खुद को भूल कर तुझमें आवाद रहता हूँ जहां भी सर झुके तेरी फ़रियाद करता हूँ रहें रूठे भला जितना ये अपना दिल समझता है मुझे तुम याद करती हो तुम्हें मैं याद करता हूँ ©Pushpendra Singh Rajput

#कविता #wetogether  मैं खुद को भूल कर
        तुझमें आवाद रहता हूँ 
जहां भी सर झुके
        तेरी फ़रियाद करता हूँ
रहें रूठे भला जितना
        ये अपना दिल समझता है
मुझे तुम याद करती हो
        तुम्हें मैं याद करता हूँ

©Pushpendra Singh Rajput

#wetogether

10 Love

पर हम तो दिन रात अकेले क्या हम तुमको बतलायें अम्बर में है चांद अकेला कोई तारा उसके पास नहीं तारे भी छिप जायें अगर तो साथ घनेरी रात तो है पर हम तो दिन रात अकेले क्या हम तुमको बतलायें मन की ये घबराहट, बेचैनी दिन दिन हमको मार रही तुम बिन सूनी दिल की कुटिया रस्ता तुम्हारा निहार रही बरसाने की राधा के संग मुरली का स्वर साथ तो है पर हम तो दिन रात अकेले क्या हम तुमको बतलायें P. S. Rajput ©Pushpendra Singh Rajput

#कविता #moonlight  पर हम तो दिन रात अकेले
क्या  हम  तुमको  बतलायें
अम्बर में है चांद अकेला
कोई तारा उसके पास नहीं
तारे भी छिप जायें अगर तो
साथ घनेरी रात तो है
पर हम तो दिन रात अकेले
क्या हम तुमको बतलायें
मन की ये घबराहट, बेचैनी
दिन दिन हमको मार रही
तुम बिन सूनी दिल की कुटिया
रस्ता तुम्हारा निहार रही
बरसाने की राधा के संग
मुरली का स्वर साथ तो है
पर हम तो दिन रात अकेले
क्या हम तुमको बतलायें
                                P. S. Rajput

©Pushpendra Singh Rajput

#moonlight

11 Love

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