samandar Speaks

samandar Speaks Lives in Gopalganj, Bihar, India

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#कविता #sad_shayari  White नजर में नज़र कि नवाजिश करेगी
 कहीं रुक गए तो मुखालिफ करेगी
उठो जमी से आसमानी सफर पर
साथ चलने की दुनिया गुजारिश करेगी

नजर में नज़र कि नवाजिश करेगी

तराशो हुनर खुद मुकम्मल जहां में
खुदी को बनाओ मुकम्मल जहां में
जो गिरे तो दुनिया मुहाजिर कहेगी
जो उठे तो दुनिया सिफारिश करेगी

नजर में नज़र कि नवाजिश करेगी

टूट जो गर गए तो तन्हा अकेले रहोगे
हार कर जितने पर आलमेंगीर बनोगे
फिक्र दुनिया कि छोड़ो ये बस शिकायत  करेगी
कल किसकी हुई जो अब तुम्हारी बनेगी

नजर में नज़र कि नवाजिश करेगी

©samandar Speaks

#sad_shayari @Sandeep Lucky Guru @Mukesh Poonia @Radhey Ray @Naseem Markazi कृशांग (अjay) जारवाल

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#कविता #lonely_quotes  White चलो के शाम हुई अब घर चलते हैं
फिर उसी झोपड़ी में बसर करते हैं
बहुत हो चुकी जुस्तजू सपनो कि
उन गलियों में फिर रहगुजर करते हैं

क्या दिया इस अमीरी  ने फकीरी लूटकर
 के चैन भी न रहा,उम्र भी ढल गई
ढलती शाम में फिर से वहीं अब रंग भरते हैं
चलो के शाम हुई अब घर चलते हैं

अब उठना बैठना सब खाक हो गए
रिश्तों के गर्म धागे सब राख हो गए
बुझी राख कि तपिश पे नजर रखते हैं
चलो के शाम हुई  अब घर चलते हैं
राजीव

©samandar Speaks
#कविता #beautifulmoon  Beautiful Moon Night मेरी नींद को थपकियों से सहलाने आए,
ये झोके उसकी याद दिलाने आए
मेरे सपने परेशान कहीं दूर जा बैठे
कुछ एहसास उसके फिर मेरे सिरहाने आए
जब भी वीरान रातों में सिसकियां रोई
कुछ अश्क मुझे फिर से नहलाने आए
छत पे यादें उसके प्यार कि दौड़ती रही शब भर
सुबह भौंरे बहार के मुझे बुलाने आये
शब भर आंचल को थामकर खेलता रहा
जैसे कि बचपन के सारे यार छुपने छुपाने आए 
मेरी नींद को थपकियों से सहलाने आए,
ये झोके उसकी याद दिलाने आए
राजीव

©samandar Speaks
#कविता #SAD  White मीरे वजूद कि पाकीजगी से नावाकिफ है ,आजमाने वाले
शायद आतिफ ए  हस्ती से नावाकिफ हैं ज़माने दिखाने वाले 
अफसाने अपने हीं घरोंदों के रुहानियt कि करते हैं
और फिर चांद पे थूकते हैं बेहिसाब ये ज़माने वाले
अख़बार कि कहानी को सबकी हलक में डालकर
अंजुमन को करते हैं शर्मसार ये ज़माने वाले
हुनर बस इतना के, हर बात में धुएं को रखकर
खुद कि रौशनी को मिटाते हैं हर बार ये जमाने वाले
आकिबत का खौफ भी अब जमीर तलक नहीं हैं
खुदी के चस्म से अहजान ए वफा का नक्श मिटाते ज़माने वाले
यकीन इतना के सांसों पे        भी पहरे बिठा दें
और दावे करते शबाब कि हर रोज ये ज़माने वाले

©samandar Speaks

अपने खयालातों को यूं ज़ाहिर न किया करें बेगैरती अदावत में अपने लब ख़ुद हीं सिया करें जो गम हो कहीं हो तो खुदाई पे छोड़ दें अपनी खुद्दारी ख़ुदी के बावत रखा करें तौलेगी दुनिया खुद के चश्में से अक्सर अपने एहसासों का , देखें! न कोई गिला करें दुनियां तमाशाई है उसके खुद के फलसफे हैं ख़ुद के फलसफे, अपने पास रखा करे सारी कायनात दिखने लगेगी रूमानी दिमाग को छोड़कर,दिल कि सुना करें सब्र, दुआ, सच्चाई रंग लाते हैं इक दिन वक्त बुरा माने तो खामोशी से दुआ करें राजीव ©samandar Speaks

#शायरी  अपने खयालातों को यूं ज़ाहिर न किया करें
बेगैरती अदावत में अपने लब ख़ुद हीं सिया करें

जो गम हो कहीं हो तो खुदाई पे छोड़ दें
अपनी खुद्दारी ख़ुदी के बावत रखा करें

तौलेगी दुनिया खुद के चश्में से अक्सर
अपने एहसासों का , देखें! न कोई गिला करें

दुनियां तमाशाई है उसके खुद के फलसफे हैं
 ख़ुद के  फलसफे, अपने पास रखा करे

सारी कायनात दिखने लगेगी रूमानी
दिमाग को छोड़कर,दिल कि सुना करें

सब्र, दुआ, सच्चाई रंग लाते हैं इक दिन
वक्त बुरा माने तो खामोशी से दुआ करें
राजीव

©samandar Speaks
#शायरी #oddone  टूटे शाखो पर शदाबी एहतराम मत करना
पतझड़ कि दरख्तो पर कोई मौसम ए बहार मत करना
रिश्तों का हिसाब जुबां की कलाकारी के आगे
अब ऐसी भी दिलजोई बेहिसाब मत करना

नाम मेरे अपना कोई मेहरबान मत करना
अपनी फिक्रमंदी का हमे कोई दान मत करना
तुम्हारी सफगोई,सच्चाई,सहारे मुबारक हो तुमको
हो सके तो हम पर कोई एहसान मत करना

खुदी के आगाज़ को गैरो के नाम मत करना
बेवजह साफगोई कि फुजूल सी दलीलें
वो खुदा है उसकी जहां है हुकूमत है यहां 
अब कौम ए अस्हाब को हमनाम मत
कहना 
राजीव

©samandar Speaks
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