रागिनी झा

रागिनी झा "धृति"

तुम अपूरन कामना की आस जैसे हो🌸🥀

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जिस पंछी को न भय हो, उसके पंखों के कट जाने का, सरहद पर भी हो बेखौफ जो धरा को चूमे, हथियारों बारुदों के डर से भी जिसका निश्चय न डोले, जो छोड़ क्षितिज को उड़ता जाए नभ के सीमा के भी पार, वो अद्भुत खग कोई और नहीं, वो है मेरा निश्छल प्यार! ये बंधन ऐसा जिसे कोई और बाध्य न बांध सके, बंधकर भी आज़ाद जिए जो, ऐसा समर्पण चाहिए, मजहबों की दीवारें जिसे कभी न बाँट सके, कोई भी वृहत समस्या जिस धागे को न काट सके, उसे देख समक्ष स्वयं बह जाए नयनों से अश्रु धार, वो अश्रु नीर कुछ और नहीं, वो है मेरा निश्छल प्यार! सपने नहीं मेरे की तुमसे ब्याह रचा लूँ, तो चूनर ओढ़ कुमकुम सजाकर, क्यों भाग्य पर इठलाऊँ? ना कोई प्रतीक हो प्रेम का सत्यापन करके दिखाने का, प्रेम केवल प्रेम हो, परस्पर अंतरमन में खो जाने का, न चाह हो पाने की कुछ, न हो वासना की आग, संकल्प हो ऐसा कठोर जिसमें सम्मिलित हो त्याग, मोक्ष मिले या मिले पुनः पुनर्जन्म का भार, किंतु मेरे संग रहेगा, वो है मेरा निश्चल प्यार! तुम जीवन हो, तुम्हीं संसार हो, जीवन का तुम ही, केवल एकमात्र उपहार हो, चक्षु देखना चाहे निर्निमेष जिसे, तुम वो ईश्वर का अवतार हो, जो अंतहीन, अनंत अमिट है, तुम्हीं तो वो निश्चल प्यार हो! ©रागिनी झा "मनु"

#luv  जिस पंछी को न भय हो, उसके पंखों के कट जाने का, 
सरहद पर भी  हो बेखौफ जो धरा को चूमे, 
हथियारों बारुदों के डर से भी जिसका निश्चय न डोले, 
जो छोड़ क्षितिज को उड़ता जाए नभ के सीमा के भी पार, 
वो अद्भुत खग कोई और नहीं, वो है मेरा निश्छल प्यार! 

 ये  बंधन ऐसा जिसे कोई और बाध्य न बांध सके, 
बंधकर भी आज़ाद जिए जो, ऐसा समर्पण चाहिए, 
मजहबों की दीवारें जिसे कभी न बाँट सके, 
कोई भी वृहत समस्या जिस धागे को न काट सके, 
उसे देख समक्ष स्वयं बह जाए नयनों से अश्रु धार, 
वो अश्रु नीर कुछ और नहीं, वो है मेरा निश्छल प्यार! 

सपने नहीं मेरे की तुमसे ब्याह रचा लूँ, 
तो चूनर ओढ़ कुमकुम सजाकर, 
क्यों भाग्य पर इठलाऊँ? 
 ना कोई प्रतीक हो  प्रेम का सत्यापन करके दिखाने का, 
प्रेम केवल प्रेम हो, परस्पर अंतरमन में खो जाने का, 
न चाह हो पाने की कुछ, न हो वासना की आग, 
संकल्प हो ऐसा कठोर जिसमें सम्मिलित हो त्याग, 
मोक्ष मिले या मिले पुनः पुनर्जन्म का भार, 
किंतु मेरे संग रहेगा, वो है मेरा निश्चल प्यार! 

तुम जीवन हो, तुम्हीं संसार हो,
जीवन का तुम ही, केवल एकमात्र उपहार हो,
 चक्षु देखना चाहे निर्निमेष जिसे,
 तुम वो ईश्वर का अवतार हो,
जो अंतहीन, अनंत अमिट है, 
तुम्हीं तो वो निश्चल प्यार हो!

©रागिनी झा "मनु"

# #luv " निश्छल प्यार ✨🖤 Shyam Pratap Singh Sk Manjur ekrajhu Yaminee Suryaja Naveen Chauhan

14 Love

हँसता हुआ देखा तुमने ये चेहरा, चमकीली आँखों में खुशियों का पहरा, बच्चों की टोली में मेरी ठिठोली, गुड़िया है अब भी वो मेरी सहेली। तितली के पीछे तो मैं ही थी भागी, दादी के किस्से को सुनने को जागी, कंधों पे दादा के करती सवारी, दादी बचाती माँ करती पिटाई इक मोड़ जीवन में मेरे था आया, अपने रहें खुश ये मन को था भाया, मैं रखने लगी सबको ऊपर स्वयं से, कहीं खो गई मैं ये निजता वचन से। रहा है मेरा प्रेम सबके लिए ही, क्या पुष्प क्या कंटकों के लिए भी, मांग रही तुमसे सारी बलाएं आँचल सितारे तले मैं बिछाए। तस्वीर को देखूं तेरी मैं जब भी अश्रु ही झरते हैं नयनों से अब भी हर पल अधूरा मेरा प्रिय तुझ बिन, कटते हैं कैसे बताऊं मेरे दिन किसी ने नहीं देखी खामोशी मेरी, मेरा वो पहलू भी काफी सरल है, अमृत सुधा जैसे प्रेम मेरा है घृणा जैसे मानो ये नीला गरल है। कहती हूँ अपने मैं प्यारे पिता से अपने शरण में मुझे ले चले वो , मेरा ये सारा मिले प्रेम उनको हृदय जिनका मेरी ही भाँति सरल हो।। ©रागिनी झा "मनु" 🦚 ©स्वरस "रागिनी"

#कविता #Light  हँसता हुआ देखा तुमने ये चेहरा,
चमकीली आँखों में खुशियों का पहरा, 
बच्चों की टोली में मेरी ठिठोली, 
गुड़िया है अब भी वो मेरी सहेली।

तितली के पीछे तो मैं ही थी भागी,
दादी के किस्से को सुनने को जागी, 
कंधों पे दादा के करती सवारी, 
दादी बचाती माँ करती पिटाई 

इक मोड़ जीवन में मेरे था आया, 
अपने रहें खुश ये मन को था भाया, 
मैं रखने लगी सबको ऊपर स्वयं से, 
कहीं खो गई मैं ये निजता वचन से। 

रहा है मेरा प्रेम सबके लिए ही, 
क्या पुष्प क्या कंटकों के लिए भी, 
मांग रही तुमसे सारी बलाएं
आँचल सितारे तले मैं बिछाए। 

तस्वीर को देखूं तेरी मैं जब भी 
अश्रु ही झरते हैं नयनों से अब भी
हर पल अधूरा मेरा प्रिय तुझ बिन, 
कटते हैं कैसे बताऊं मेरे दिन 

किसी ने नहीं देखी खामोशी मेरी,
मेरा वो पहलू भी काफी सरल है, 
अमृत सुधा जैसे प्रेम मेरा है
घृणा जैसे मानो ये नीला गरल है। 

कहती हूँ अपने मैं प्यारे पिता से
अपने शरण में मुझे ले चले वो ,
मेरा ये सारा मिले प्रेम उनको 
हृदय जिनका मेरी ही भाँति सरल हो।। 

©रागिनी झा "मनु" 🦚

©स्वरस "रागिनी"

#Light Shyam Pratap Singh @Yaminee Suryaja @usFAUJI Satyaveer Singh Jugal Kisओर

18 Love

अश्रु की जो श्रृंखला है बूंद तुम मेरा भी रखलो बेर लाई शबरी जैसे अब मेरा जूठन भी चखलो।। प्रेम को मिटते है देखा कह रहें हैं अजनबी अनभिज्ञ सब हैं प्रेम से बस प्रेम की धूमिल छवि। सूर्य की किरणों सा मेरे भाल को चमकाते हो तुम इक झरोखे से पवन के केश को सहलाते हो तुम।। पिंजरे की तीली तोड़कर तुमने कहा उड़ जाने को, और त्याग झूठा सुख छबीली! कटुक निबौरी खाने को।। हाँ! प्रेम तुमसे प्रेम है मेरे प्रेम का तुम प्राण हो हाँ! हूँ धनुष मैं पार्थ का और तुम ही मेरे बाण हो।। मिथ्या से व्याकुल है जग ये एक तुम्हीं सच लग रहे हो तुम भी झूठे हो ये मिथ्या तुम खुदी से कह रहे हो।। तुम मेरी परछाईयों को दोष मेरा राग मानो और जो प्रतिबिंब मेरा उसको मेरा त्याग मानो।। क्या कहूं तुमसे मैं भार्गव! मेरे चक्षु प्राण रखलो अपने विकल संसार में तुम मेरा भी एक नाम रखलो।। ©स्वरस "रागिनी"

#कविता #leaf  अश्रु की जो श्रृंखला है
बूंद तुम मेरा भी रखलो
बेर लाई शबरी जैसे
अब मेरा जूठन भी चखलो।। 

प्रेम को मिटते है देखा
कह रहें हैं अजनबी
अनभिज्ञ सब हैं प्रेम से
बस प्रेम की धूमिल छवि। 

सूर्य की किरणों सा मेरे
भाल को चमकाते हो तुम 
इक झरोखे से पवन के
 केश को सहलाते हो तुम।। 

पिंजरे की तीली तोड़कर
तुमने कहा उड़ जाने को,
और त्याग झूठा सुख छबीली! 
कटुक निबौरी खाने को।। 

हाँ! प्रेम तुमसे प्रेम है
मेरे प्रेम का तुम प्राण हो
हाँ! हूँ धनुष मैं पार्थ का
और तुम ही मेरे बाण हो।। 

मिथ्या से व्याकुल है जग ये
एक तुम्हीं सच लग रहे हो
तुम भी झूठे हो ये मिथ्या
तुम खुदी से कह रहे हो।।

तुम मेरी परछाईयों को
 दोष मेरा राग मानो
और जो प्रतिबिंब मेरा
उसको मेरा त्याग मानो।। 

क्या कहूं तुमसे मैं भार्गव! 
मेरे चक्षु प्राण रखलो
अपने विकल संसार में तुम
मेरा भी एक नाम रखलो।।

©स्वरस "रागिनी"

#leaf @usFAUJI Jugal Kisओर @Yaminee Suryaja @PREETI AGGARWAL Satyaveer Singh

20 Love

शहीद भगत सिंह देश में जनम लेते लाखों लोग नितदिन, क्रांतिकारी रक्तों के अभाव को न भूलना। देश हित जिसने दिया हो त्यज सबकुछ, ऐसे बाँधवों के तू स्वभाव को न भूलना। शेखर शिवाजी गुरु गोविंद मनु हो चाहे, शत्रुओं पे इनके दवाब को न भूलना। और भूल जाना प्रिये दुनिया समूची चाहे , भगत के मूंछ की वो तांव को न भूलना।। ©स्वरस "रागिनी"

#कविता #Deshbhakti  शहीद भगत सिंह देश में जनम लेते लाखों लोग नितदिन, 
क्रांतिकारी रक्तों के अभाव को न भूलना। 

देश हित जिसने दिया हो  त्यज सबकुछ,
ऐसे बाँधवों के तू स्वभाव को न भूलना।

शेखर शिवाजी गुरु गोविंद मनु हो चाहे, 
शत्रुओं पे इनके दवाब को न भूलना। 

और भूल जाना प्रिये दुनिया समूची चाहे , 
भगत के मूंछ की वो तांव को न भूलना।।

©स्वरस "रागिनी"

#Deshbhakti

16 Love

#कविता #WritersMotive

#WritersMotive "जलियांवाला बाग में बसंत" 🙏😌❤ @usFAUJI @Preeti Aggarwal sunayana sambhavi Shyam Pratap Singh @Yaminee Suryaja

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#शायरी #Kahaniyaan

#Kahaniyaan @usFAUJI @Yaminee Suryaja Shyam Pratap Singh @ekrajhu sunayana sambhavi @sk manjur

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