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बदनाम शायर
White नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं Rahat Indori ©Varun Vashisth
Varun Vashisth
0 Love
White सब छोड़ जाते हैं गलतियां गिनवाकर, क्या बात है मां मैं तुम्हें बुरा नहीं लगता..!! ©Varun Vashisth
15 Love
White "न मेरा है, न तेरा है, ये हिंदुस्तान सबका है नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सब का है" जय हिन्द! ©Varun Vashisth
White धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो. ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो.. ©Varun Vashisth
11 Love
White जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की, हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है… ©Varun Vashisth
12 Love
White जहाँ दरिया कहीं अपने किनारे छोड़ देता है, कोई उठता है और तूफाँ का रुख मोड़ देता है, मुझे मजबूर पा करके भी खौफ उसका नहीं जाता, कहीं भी हादसा गुज़रे वो मुझसे जोड़ देता है.. ©Varun Vashisth
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