Varun Vashisth

Varun Vashisth Lives in Delhi, Delhi, India

बदनाम शायर

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White नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं Rahat Indori ©Varun Vashisth

#शायरी #good_night  White नींद से मेरा त'अल्लुक़ ही नहीं बरसों से
ख्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यों हैं

मोड़ होता है जवानी का संभलने के लिए
और सब लोग यहीं आके फिसलते क्यों हैं 

Rahat Indori

©Varun Vashisth

#good_night

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White सब छोड़ जाते हैं गलतियां गिनवाकर, क्या बात है मां मैं तुम्हें बुरा नहीं लगता..!! ©Varun Vashisth

#शायरी #good_night  White सब छोड़ जाते हैं गलतियां गिनवाकर,
क्या बात है मां मैं तुम्हें बुरा नहीं लगता..!!

©Varun Vashisth

#good_night

15 Love

White "न मेरा है, न तेरा है, ये हिंदुस्तान सबका है नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सब का है" जय हिन्द! ©Varun Vashisth

#शायरी #good_night  White "न मेरा है, न तेरा है, ये हिंदुस्तान सबका है
नहीं समझी गई ये बात तो नुकसान सब का है"
जय हिन्द!

©Varun Vashisth

#good_night

15 Love

White धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो. ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो.. ©Varun Vashisth

#शायरी #love_shayari  White धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो.
 ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो..

©Varun Vashisth

#love_shayari

11 Love

White जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की, हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है… ©Varun Vashisth

#शायरी #engineers_day  White जनाब मत पूछिए हद हमारी गुस्ताखियों की,
हम आईना ज़मीं पर रखकर आसमां कुचल दिया करते है…

©Varun Vashisth

White जहाँ दरिया कहीं अपने किनारे छोड़ देता है, कोई उठता है और तूफाँ का रुख मोड़ देता है, मुझे मजबूर पा करके भी खौफ उसका नहीं जाता, कहीं भी हादसा गुज़रे वो मुझसे जोड़ देता है.. ©Varun Vashisth

#शायरी #hindi_diwas  White जहाँ दरिया कहीं अपने किनारे छोड़ देता है,
कोई उठता है और तूफाँ का रुख मोड़ देता है,
मुझे मजबूर पा करके भी खौफ उसका नहीं जाता,
कहीं भी हादसा गुज़रे वो मुझसे जोड़ देता है..

©Varun Vashisth

#hindi_diwas

11 Love

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