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White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है, सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है, कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को, मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है, लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है, चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है। ©Harvinder Ahuja

#विचार #यह  White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है,
सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है,
कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को,
मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है,
लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है,
चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है।

©Harvinder Ahuja

#यह जिंदगी

16 Love

#शायरी  White सुबह निकले शाम हो गई, 
कुछ पल ऐसा लगा, की जिंदगी विरान हो गई।

©Komal Raikwar

यह एक सपना था

180 View

#कॉमेडी #क्या

#क्या हे यह #

99 View

#विचार  दिल है की मानता ही नहीं

©Lakhan Rajput BJP

यह दिल तू मांजा

126 View

#लव

# यह क्या हैभाई#

153 View

उफ्फ्फ ये सादगी बिखरी सी है मोती की लड़ी क्या फिर से वह हँस पड़ी। घिर आये काले काले बादल लगा लिया क्या उसने काजल। चाँद पर लाखों पहरें हैं आनन पर गेसू ठहरे हैं। उसका कहाँ कोई सानी पहन ली फिर साड़ी धानी। अल्हड़ सी मासूम मतवाली, न श्रृंगार है ना होठ लाली। लगा जमी पर आ गया बादल उछाला जो उसने आँचल। बजती रुन झुन किंकिणि आ गई सुन्दर रमणी। सविता सिंह मीरा जमशेदरपुर ©savita singh Meera

#कविता  उफ्फ्फ ये सादगी 

बिखरी सी है मोती की लड़ी 
क्या फिर से वह हँस पड़ी। 

घिर आये  काले काले बादल 
लगा लिया क्या उसने काजल।

 चाँद पर लाखों पहरें हैं 
आनन पर गेसू  ठहरे हैं। 

 उसका कहाँ कोई सानी
पहन ली फिर साड़ी धानी।

 अल्हड़ सी मासूम मतवाली, 
 न श्रृंगार है ना होठ लाली। 

लगा जमी पर आ गया बादल 
उछाला जो उसने आँचल।

 बजती रुन झुन किंकिणि 
 आ गई सुन्दर रमणी। 


सविता सिंह मीरा 
जमशेदरपुर

©savita singh Meera

# यह सादगी

11 Love

White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है, सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है, कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को, मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है, लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है, चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है। ©Harvinder Ahuja

#विचार #यह  White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है,
सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है,
कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को,
मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है,
लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है,
चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है।

©Harvinder Ahuja

#यह जिंदगी

16 Love

#शायरी  White सुबह निकले शाम हो गई, 
कुछ पल ऐसा लगा, की जिंदगी विरान हो गई।

©Komal Raikwar

यह एक सपना था

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#कॉमेडी #क्या

#क्या हे यह #

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#विचार  दिल है की मानता ही नहीं

©Lakhan Rajput BJP

यह दिल तू मांजा

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#लव

# यह क्या हैभाई#

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उफ्फ्फ ये सादगी बिखरी सी है मोती की लड़ी क्या फिर से वह हँस पड़ी। घिर आये काले काले बादल लगा लिया क्या उसने काजल। चाँद पर लाखों पहरें हैं आनन पर गेसू ठहरे हैं। उसका कहाँ कोई सानी पहन ली फिर साड़ी धानी। अल्हड़ सी मासूम मतवाली, न श्रृंगार है ना होठ लाली। लगा जमी पर आ गया बादल उछाला जो उसने आँचल। बजती रुन झुन किंकिणि आ गई सुन्दर रमणी। सविता सिंह मीरा जमशेदरपुर ©savita singh Meera

#कविता  उफ्फ्फ ये सादगी 

बिखरी सी है मोती की लड़ी 
क्या फिर से वह हँस पड़ी। 

घिर आये  काले काले बादल 
लगा लिया क्या उसने काजल।

 चाँद पर लाखों पहरें हैं 
आनन पर गेसू  ठहरे हैं। 

 उसका कहाँ कोई सानी
पहन ली फिर साड़ी धानी।

 अल्हड़ सी मासूम मतवाली, 
 न श्रृंगार है ना होठ लाली। 

लगा जमी पर आ गया बादल 
उछाला जो उसने आँचल।

 बजती रुन झुन किंकिणि 
 आ गई सुन्दर रमणी। 


सविता सिंह मीरा 
जमशेदरपुर

©savita singh Meera

# यह सादगी

11 Love

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