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White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है, सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है, कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को, मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है, लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है, चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है। ©Harvinder Ahuja

#विचार #यह  White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है,
सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है,
कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को,
मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है,
लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है,
चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है।

©Harvinder Ahuja

#यह जिंदगी

16 Love

#कहानियां #कहानी #विचार #hindikahaniyaan #alone_quotes #hindistory  White तो चलिए शुरूवात करते हैं, कहानियों से । कुछ ऐसी कहानियां जो हमारे आस पास ही मौजूद होती है, बस हम ही उन्हें देख नहीं पाते। कुछ देख भी पाते हैं तो उन्हें शब्दों में बयां नहीं कर पाते। 
एक ऐसी ही सच्ची कहानी को बयां करने जा रही हूं।  ये कहानी कड़ियों में बयां होगी। 
*जरा गौर- फरमाइयेगा*

©Deepika
#कहानियां #लव
#कॉमेडी #क्या

#क्या हे यह #

99 View

#कहानियां #ज़िन्दगी #सुकून #nojotovibes #parasd  White खोया ही क्या है,ज़िन्दगी,ज़रा सुन ले
जो ख्वाब थे, टूटे मगर, नये ख्वाब फिर, बुन ले
की, धूप छाँव सी है, किस्से कहानियां 
वही सजाना रंग ज़रा, जो तुझे, सुकून दे

©paras Dlonelystar

उफ्फ्फ ये सादगी बिखरी सी है मोती की लड़ी क्या फिर से वह हँस पड़ी। घिर आये काले काले बादल लगा लिया क्या उसने काजल। चाँद पर लाखों पहरें हैं आनन पर गेसू ठहरे हैं। उसका कहाँ कोई सानी पहन ली फिर साड़ी धानी। अल्हड़ सी मासूम मतवाली, न श्रृंगार है ना होठ लाली। लगा जमी पर आ गया बादल उछाला जो उसने आँचल। बजती रुन झुन किंकिणि आ गई सुन्दर रमणी। सविता सिंह मीरा जमशेदरपुर ©savita singh Meera

#कविता  उफ्फ्फ ये सादगी 

बिखरी सी है मोती की लड़ी 
क्या फिर से वह हँस पड़ी। 

घिर आये  काले काले बादल 
लगा लिया क्या उसने काजल।

 चाँद पर लाखों पहरें हैं 
आनन पर गेसू  ठहरे हैं। 

 उसका कहाँ कोई सानी
पहन ली फिर साड़ी धानी।

 अल्हड़ सी मासूम मतवाली, 
 न श्रृंगार है ना होठ लाली। 

लगा जमी पर आ गया बादल 
उछाला जो उसने आँचल।

 बजती रुन झुन किंकिणि 
 आ गई सुन्दर रमणी। 


सविता सिंह मीरा 
जमशेदरपुर

©savita singh Meera

# यह सादगी

11 Love

White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है, सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है, कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को, मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है, लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है, चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है। ©Harvinder Ahuja

#विचार #यह  White क्या जिन्दा रहने के लिए ज़िन्दगी जरूरी है,
सांस चल रही है मगर जिन्दा नहीं कैसी मजबूरी है,
कोई समझेगा कैसे मेरे आहत दिल को,
मैं ही समझ नहीं पाया खुद को कैसी मजबूरी है,
लोग कहते हैं मुझे अभी बहुत जिन्दा रहना है,
चल सकता नहीं दो कदम, मंजिल से बड़ी दूरी है।

©Harvinder Ahuja

#यह जिंदगी

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#कहानियां #कहानी #विचार #hindikahaniyaan #alone_quotes #hindistory  White तो चलिए शुरूवात करते हैं, कहानियों से । कुछ ऐसी कहानियां जो हमारे आस पास ही मौजूद होती है, बस हम ही उन्हें देख नहीं पाते। कुछ देख भी पाते हैं तो उन्हें शब्दों में बयां नहीं कर पाते। 
एक ऐसी ही सच्ची कहानी को बयां करने जा रही हूं।  ये कहानी कड़ियों में बयां होगी। 
*जरा गौर- फरमाइयेगा*

©Deepika
#कहानियां #लव
#कॉमेडी #क्या

#क्या हे यह #

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#कहानियां #ज़िन्दगी #सुकून #nojotovibes #parasd  White खोया ही क्या है,ज़िन्दगी,ज़रा सुन ले
जो ख्वाब थे, टूटे मगर, नये ख्वाब फिर, बुन ले
की, धूप छाँव सी है, किस्से कहानियां 
वही सजाना रंग ज़रा, जो तुझे, सुकून दे

©paras Dlonelystar

उफ्फ्फ ये सादगी बिखरी सी है मोती की लड़ी क्या फिर से वह हँस पड़ी। घिर आये काले काले बादल लगा लिया क्या उसने काजल। चाँद पर लाखों पहरें हैं आनन पर गेसू ठहरे हैं। उसका कहाँ कोई सानी पहन ली फिर साड़ी धानी। अल्हड़ सी मासूम मतवाली, न श्रृंगार है ना होठ लाली। लगा जमी पर आ गया बादल उछाला जो उसने आँचल। बजती रुन झुन किंकिणि आ गई सुन्दर रमणी। सविता सिंह मीरा जमशेदरपुर ©savita singh Meera

#कविता  उफ्फ्फ ये सादगी 

बिखरी सी है मोती की लड़ी 
क्या फिर से वह हँस पड़ी। 

घिर आये  काले काले बादल 
लगा लिया क्या उसने काजल।

 चाँद पर लाखों पहरें हैं 
आनन पर गेसू  ठहरे हैं। 

 उसका कहाँ कोई सानी
पहन ली फिर साड़ी धानी।

 अल्हड़ सी मासूम मतवाली, 
 न श्रृंगार है ना होठ लाली। 

लगा जमी पर आ गया बादल 
उछाला जो उसने आँचल।

 बजती रुन झुन किंकिणि 
 आ गई सुन्दर रमणी। 


सविता सिंह मीरा 
जमशेदरपुर

©savita singh Meera

# यह सादगी

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