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#election_results #भक्ति  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिस पर भगवान श्रीहरि की कृपा 
हो जाती है, उसके लिये असंभव 
भी सभव हो जाता है।
लूला-लंगड़ा मनुष्य पर्वत को भी 
लांघ जाता है। अंधे को गुप्त और 
प्रकट सब कुछ देखने की शक्ति 
प्राप्त हो जाती है। बहरा सुनने 
लगता है। गूंगा बोलने लगता है, 
कंगाल राज-छत्र धारण कर 
लेता हे। ऐसे करूणामय प्रभु की
 पद-वन्दना कौन अभागा न करेगा।

©N S Yadav GoldMine

#election_results {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस पर भगवान श्रीहरि की कृपा हो जाती है, उसके लिये असंभव भी सभव हो जाता है। लूला-लंगड़ा मनुष्य प

81 View

White कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्हें दिनभर की आपाधापी से माना कि कठिन परीक्षा में दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से फिर भी थोड़ा सा धीर धरो खुद के मन को वश में लो कर आगे अभी और कठिनता हैं इतने भी मत बन जाओ निडर हां माना हिम्मत भी है तुझमें पर थोड़ा डरना भी होता हैं जीत की लय में मत पालो गुरुर कभी हार से भी मिलना होता हैं बस वही एक क्षण जीवन का हर मार्ग निर्धारित करता हैं पर्वत सा उठने की खातिर मिट्टी में झुकना पड़ता हैं ©Ankur tiwari

#Free  White कभी मन से मन की बात करों 
कभी खुद से भी मुलाकात करो
दुनियां की भीड़ में खोवो मत 
थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों 
माना कि फुर्सत नही तुम्हें 
दिनभर की आपाधापी से
माना कि कठिन परीक्षा में 
दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से
फिर भी थोड़ा सा धीर धरो 
खुद के मन को वश में लो कर
आगे अभी और कठिनता हैं 
इतने भी मत बन जाओ निडर 
हां माना हिम्मत भी है तुझमें 
पर थोड़ा डरना भी होता हैं 
जीत की लय में मत पालो गुरुर 
कभी हार से भी मिलना होता हैं 
बस वही एक क्षण जीवन का
हर मार्ग निर्धारित करता हैं 
पर्वत सा उठने की खातिर 
मिट्टी में झुकना पड़ता हैं

©Ankur tiwari

#Free कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्ह

12 Love

White अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन, लंबी लंबी मत तू फेक हैं मुझे पता क्या मन में तेरे लगते तेरे इरादे नही हैं नेक जो कह रहा कि वक्त तेज़ बड़ा हैं जल्दी रुकता यह नही कहीं तो ज़रा कभी तू किसी और का इंतजार तो करके देख पता लगेगा वक्त हैं पर्वत कभी ख़त्म होता ही नही सागर सी गहराई हैं इसमें जिसे नाप कोई है सका नही ©Ankur tiwari

#sad_shayari  White अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन,
लंबी लंबी मत तू फेक 
हैं मुझे पता क्या मन में तेरे 
लगते तेरे इरादे नही हैं नेक 
जो कह रहा कि वक्त तेज़ बड़ा हैं
जल्दी रुकता यह नही कहीं 
तो ज़रा कभी तू किसी और का
इंतजार तो करके देख 
पता लगेगा वक्त हैं पर्वत 
कभी ख़त्म होता ही नही 
सागर सी गहराई हैं इसमें 
जिसे नाप कोई है सका नही

©Ankur tiwari

#sad_shayari अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन, लंबी लंबी मत तू फेक हैं मुझे पता क्या मन में तेरे लगते तेरे इरादे नही हैं नेक जो कह रहा कि वक

13 Love

#छलिया #mountain #छल  White छल गया छलिया छल से मुझे,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जान कर भी अंजान रहा
वो  क्या जाने ,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,इस हार में भी
जीत है मेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏

©Ashutosh Mishra

#mountain छल गया छलिया छल से मुझे मैं जाकर भी अंजान रहा वो क्या जाने,,,,, इस हार मे भी जीत है मेरी। #छल #छलिया @KRISHNA Vaibhav's Poetry R

1,764 View

 White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , 
तुम भी ऊँचे बन जाओ । 
ये सागर कहता तुम लहराकर , 
तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ ।

तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है ,
तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा ।
तु भर ले अपने इस मन में , 
तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥

पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , 
  इस सर पर भार कितना ही हो । 
नभ कहता फैलो इतना कि , 
तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥

©Shivkumar

#mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो

126 View

#भक्ति #ramnavmi  White 

आल्हा छंद  मुक्तक

रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना

जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण।
 भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।।
न हो सके जो तुमसे बोलो, कठिन कौन सा ऐसा काम। 
 नहीं जगत में तुमसा कोई,दूजा स्वीकारो हनुमान।।


दीर्घकाय पर्वत से होकर,लिए शक्ति अपनी पहचान।
 चुका सके ऋण अनुदानों का, जीवन कर अपना बलिदान।।
 जो कुछ भी कर पाए उसका , नहीं कभी मन में हो  दम्भ ।
सिंहनाद करके फौलादी,ले संकल्प किये प्रस्थान।।

*सुधा त्रिपाठी*

©Sudha Tripathi

#ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्य

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#election_results #भक्ति  White {Bolo Ji Radhey Radhey}
जिस पर भगवान श्रीहरि की कृपा 
हो जाती है, उसके लिये असंभव 
भी सभव हो जाता है।
लूला-लंगड़ा मनुष्य पर्वत को भी 
लांघ जाता है। अंधे को गुप्त और 
प्रकट सब कुछ देखने की शक्ति 
प्राप्त हो जाती है। बहरा सुनने 
लगता है। गूंगा बोलने लगता है, 
कंगाल राज-छत्र धारण कर 
लेता हे। ऐसे करूणामय प्रभु की
 पद-वन्दना कौन अभागा न करेगा।

©N S Yadav GoldMine

#election_results {Bolo Ji Radhey Radhey} जिस पर भगवान श्रीहरि की कृपा हो जाती है, उसके लिये असंभव भी सभव हो जाता है। लूला-लंगड़ा मनुष्य प

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White कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्हें दिनभर की आपाधापी से माना कि कठिन परीक्षा में दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से फिर भी थोड़ा सा धीर धरो खुद के मन को वश में लो कर आगे अभी और कठिनता हैं इतने भी मत बन जाओ निडर हां माना हिम्मत भी है तुझमें पर थोड़ा डरना भी होता हैं जीत की लय में मत पालो गुरुर कभी हार से भी मिलना होता हैं बस वही एक क्षण जीवन का हर मार्ग निर्धारित करता हैं पर्वत सा उठने की खातिर मिट्टी में झुकना पड़ता हैं ©Ankur tiwari

#Free  White कभी मन से मन की बात करों 
कभी खुद से भी मुलाकात करो
दुनियां की भीड़ में खोवो मत 
थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों 
माना कि फुर्सत नही तुम्हें 
दिनभर की आपाधापी से
माना कि कठिन परीक्षा में 
दौड़ रहे हो तुम आगे बाकी से
फिर भी थोड़ा सा धीर धरो 
खुद के मन को वश में लो कर
आगे अभी और कठिनता हैं 
इतने भी मत बन जाओ निडर 
हां माना हिम्मत भी है तुझमें 
पर थोड़ा डरना भी होता हैं 
जीत की लय में मत पालो गुरुर 
कभी हार से भी मिलना होता हैं 
बस वही एक क्षण जीवन का
हर मार्ग निर्धारित करता हैं 
पर्वत सा उठने की खातिर 
मिट्टी में झुकना पड़ता हैं

©Ankur tiwari

#Free कभी मन से मन की बात करों कभी खुद से भी मुलाकात करो दुनियां की भीड़ में खोवो मत थोड़ा सा खुद पर ध्यान करों माना कि फुर्सत नही तुम्ह

12 Love

White अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन, लंबी लंबी मत तू फेक हैं मुझे पता क्या मन में तेरे लगते तेरे इरादे नही हैं नेक जो कह रहा कि वक्त तेज़ बड़ा हैं जल्दी रुकता यह नही कहीं तो ज़रा कभी तू किसी और का इंतजार तो करके देख पता लगेगा वक्त हैं पर्वत कभी ख़त्म होता ही नही सागर सी गहराई हैं इसमें जिसे नाप कोई है सका नही ©Ankur tiwari

#sad_shayari  White अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन,
लंबी लंबी मत तू फेक 
हैं मुझे पता क्या मन में तेरे 
लगते तेरे इरादे नही हैं नेक 
जो कह रहा कि वक्त तेज़ बड़ा हैं
जल्दी रुकता यह नही कहीं 
तो ज़रा कभी तू किसी और का
इंतजार तो करके देख 
पता लगेगा वक्त हैं पर्वत 
कभी ख़त्म होता ही नही 
सागर सी गहराई हैं इसमें 
जिसे नाप कोई है सका नही

©Ankur tiwari

#sad_shayari अपने मुंह मियां मिट्ठू ना बन, लंबी लंबी मत तू फेक हैं मुझे पता क्या मन में तेरे लगते तेरे इरादे नही हैं नेक जो कह रहा कि वक

13 Love

#छलिया #mountain #छल  White छल गया छलिया छल से मुझे,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,मैं जान कर भी अंजान रहा
वो  क्या जाने ,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,इस हार में भी
जीत है मेरी,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏

©Ashutosh Mishra

#mountain छल गया छलिया छल से मुझे मैं जाकर भी अंजान रहा वो क्या जाने,,,,, इस हार मे भी जीत है मेरी। #छल #छलिया @KRISHNA Vaibhav's Poetry R

1,764 View

 White ये पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , 
तुम भी ऊँचे बन जाओ । 
ये सागर कहता तुम लहराकर , 
तेरे मन में जो गहराई सा उसको लाओ ।

तुम समझ रहे हो न वो क्या कहती है ,
तु उठ-उठ कर और गिर-गिर कर तटल तरंग सा ।
तु भर ले अपने इस मन में , 
तेरी मीठी-मीठी बोल और ये मृदुल उमंग सा ॥

पृथ्वी कहती के ये धैर्य को न छोड़ो , 
  इस सर पर भार कितना ही हो । 
नभ कहता फैलो इतना कि , 
तुम ढक लो ये सारा संसार को ॥

©Shivkumar

#mountain #Mountains #Nojoto #कविता ये #पर्वत कहता तुम शीश उठाकर , तुम भी #ऊँचे बन जाओ । ये #सागर कहता तुम लहराकर , तेरे मन में जो

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#भक्ति #ramnavmi  White 

आल्हा छंद  मुक्तक

रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना

जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण।
 भूले हो क्यों अपनी क्षमता, किसमें है तेरा कल्याण।।
न हो सके जो तुमसे बोलो, कठिन कौन सा ऐसा काम। 
 नहीं जगत में तुमसा कोई,दूजा स्वीकारो हनुमान।।


दीर्घकाय पर्वत से होकर,लिए शक्ति अपनी पहचान।
 चुका सके ऋण अनुदानों का, जीवन कर अपना बलिदान।।
 जो कुछ भी कर पाए उसका , नहीं कभी मन में हो  दम्भ ।
सिंहनाद करके फौलादी,ले संकल्प किये प्रस्थान।।

*सुधा त्रिपाठी*

©Sudha Tripathi

#ramnavmi आल्हा छंद मुक्तक रामायण प्रसंग -जामवंत का हनुमान जी को आत्मबोध करना जामवंत कहते बजरंगी, चुप बन बैठे क्यों पाषाण। भूले हो क्य

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