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New लतीफे सुनाओ Status, Photo, Video

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White करूं जो कुछ तो राजी नहीं होते है सब। अड़चनें लगाने को हमेशा तैयार होते है सब। सबकी सुन रहे है फिर भी,ये भी क्या कम है... अपनी सुनाओ तो अपना अपना रोते है सब।। ©Rimpi chaube

#येभीक्याकमहै #SAD  White 
करूं जो कुछ तो राजी नहीं होते है सब।
अड़चनें लगाने को हमेशा तैयार होते है सब।
सबकी सुन रहे है फिर भी,ये भी क्या कम है...
अपनी सुनाओ तो अपना अपना रोते है सब।।

©Rimpi chaube

#येभीक्याकमहै 😌 करूं जो कुछ तो राजी नहीं होते है सब। अड़चनें लगाने को हमेशा तैयार होते है सब। सबकी सुन रहे है फिर भी,ये भी क्या कम है... अपन

13 Love

White विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने बात लिखूँ ।। बह मत जाये अब यह काज़ल ... तब डालूँ विरवा में झूला , संग तुम्हारे जब झूलूँ । पाकर पास तुम्हें प्रियतम जब ,गदगद होकर मैं फूलूँ ।। अब करके याद तुम्हें निशिदिन, विरहन वाली रात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल.... कितने सावन बीत गये हैं , तुम ही अब बतलाओ तो । रहा अधूरा गीत मिलन का , आकर कभी सुनाओ तो ।। पाकर प्रेम अधूरा तेरा , मैं पगली सौगात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल... देहरी तुम्हारी बैठी मैं , तेरी बाट निहारूँ हूँ । घड़ी-घड़ी अब धड़के जियरा, रह रह तुझे पुकारूँ हूँ ।। आज अधूरी प्रेम कहानी , की वही मुलाकात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल .... बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपनी बात लिखूँ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White 
विधा         :-गीत / लावणी छन्द
विषय       :- सावन आया

बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ ।
सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने बात लिखूँ ।।
बह मत जाये अब यह काज़ल ...

तब डालूँ विरवा में झूला , संग तुम्हारे जब झूलूँ ।
पाकर पास तुम्हें प्रियतम जब ,गदगद होकर मैं फूलूँ ।।
अब करके याद तुम्हें निशिदिन, विरहन वाली रात लिखूँ ।
बह मत जाये अब यह काज़ल....

कितने सावन बीत गये हैं , तुम ही अब बतलाओ तो ।
रहा अधूरा गीत मिलन का , आकर कभी सुनाओ तो ।।
पाकर प्रेम अधूरा तेरा , मैं पगली सौगात लिखूँ ।
बह मत जाये अब यह काज़ल...

देहरी तुम्हारी बैठी मैं , तेरी बाट निहारूँ हूँ ।
घड़ी-घड़ी अब धड़के जियरा, रह रह तुझे पुकारूँ हूँ ।।
आज अधूरी प्रेम कहानी , की वही मुलाकात लिखूँ ।
बह मत जाये अब यह काज़ल ....

बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ ।
सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपनी बात लिखूँ ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने ब

9 Love

#sad_shayari  White चले आओ, सुनाओ अपनी कहानी,
रात की चुप्पी में खो जाती है यादें पुरानी।
सपनों के पंखों पर तुम्हारी छाप सी है,
तुम्हारे बिना ये दिल कहीं खो सा गया है।

©Nirankar Trivedi

चले आओ, सुनाओ अपनी कहानी, रात की चुप्पी में खो जाती है यादें पुरानी। सपनों के पंखों पर तुम्हारी छाप सी है, तुम्हारे बिना ये दिल कहीं खो सा

126 View

 White बचपन की बातें !

सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें,
कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें।

दुआएँ बड़ों की मिलती थी सबको,
नाजो-अदा न  उठानी थी हमको ।
कागज की कश्ती वो बारिश का पानी,
आओ करें उस जमाने की बातें ।

कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें,
शोहरत ये दौलत मेरी तू ले लो l
आँचल वो माँ का फिर से ओढ़ा दो ।
नई थी जमीं वो, नया आसमां था

गुम हो चुके उन लम्हों की बातें ।
कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें l
इमली की चटनी वो बेसन की रोटी,
माँयें सभी में थी संस्कार बोतीं ।

आम के टिकोरे,हाथों में सुतुही,
नमक वो लगाकर खाने की बातें ।
कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें,
सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें ।

©बेजुबान शायर shivkumar

#हिन्दीकविता #हिन्दी_काव्य_कोश #हिन्दीलेखन #कविता #लेखक #बचपन की #बातें ! सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बाते

117 View

White करूं जो कुछ तो राजी नहीं होते है सब। अड़चनें लगाने को हमेशा तैयार होते है सब। सबकी सुन रहे है फिर भी,ये भी क्या कम है... अपनी सुनाओ तो अपना अपना रोते है सब।। ©Rimpi chaube

#येभीक्याकमहै #SAD  White 
करूं जो कुछ तो राजी नहीं होते है सब।
अड़चनें लगाने को हमेशा तैयार होते है सब।
सबकी सुन रहे है फिर भी,ये भी क्या कम है...
अपनी सुनाओ तो अपना अपना रोते है सब।।

©Rimpi chaube

#येभीक्याकमहै 😌 करूं जो कुछ तो राजी नहीं होते है सब। अड़चनें लगाने को हमेशा तैयार होते है सब। सबकी सुन रहे है फिर भी,ये भी क्या कम है... अपन

13 Love

White विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने बात लिखूँ ।। बह मत जाये अब यह काज़ल ... तब डालूँ विरवा में झूला , संग तुम्हारे जब झूलूँ । पाकर पास तुम्हें प्रियतम जब ,गदगद होकर मैं फूलूँ ।। अब करके याद तुम्हें निशिदिन, विरहन वाली रात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल.... कितने सावन बीत गये हैं , तुम ही अब बतलाओ तो । रहा अधूरा गीत मिलन का , आकर कभी सुनाओ तो ।। पाकर प्रेम अधूरा तेरा , मैं पगली सौगात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल... देहरी तुम्हारी बैठी मैं , तेरी बाट निहारूँ हूँ । घड़ी-घड़ी अब धड़के जियरा, रह रह तुझे पुकारूँ हूँ ।। आज अधूरी प्रेम कहानी , की वही मुलाकात लिखूँ । बह मत जाये अब यह काज़ल .... बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपनी बात लिखूँ ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

#कविता  White 
विधा         :-गीत / लावणी छन्द
विषय       :- सावन आया

बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ ।
सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने बात लिखूँ ।।
बह मत जाये अब यह काज़ल ...

तब डालूँ विरवा में झूला , संग तुम्हारे जब झूलूँ ।
पाकर पास तुम्हें प्रियतम जब ,गदगद होकर मैं फूलूँ ।।
अब करके याद तुम्हें निशिदिन, विरहन वाली रात लिखूँ ।
बह मत जाये अब यह काज़ल....

कितने सावन बीत गये हैं , तुम ही अब बतलाओ तो ।
रहा अधूरा गीत मिलन का , आकर कभी सुनाओ तो ।।
पाकर प्रेम अधूरा तेरा , मैं पगली सौगात लिखूँ ।
बह मत जाये अब यह काज़ल...

देहरी तुम्हारी बैठी मैं , तेरी बाट निहारूँ हूँ ।
घड़ी-घड़ी अब धड़के जियरा, रह रह तुझे पुकारूँ हूँ ।।
आज अधूरी प्रेम कहानी , की वही मुलाकात लिखूँ ।
बह मत जाये अब यह काज़ल ....

बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ ।
सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपनी बात लिखूँ ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा :-गीत / लावणी छन्द विषय :- सावन आया बह मत जाये अब यह काज़ल , आँखों की बरसात लिखूँ । सावन आया प्रियतम आजा , दिल की अपने ब

9 Love

#sad_shayari  White चले आओ, सुनाओ अपनी कहानी,
रात की चुप्पी में खो जाती है यादें पुरानी।
सपनों के पंखों पर तुम्हारी छाप सी है,
तुम्हारे बिना ये दिल कहीं खो सा गया है।

©Nirankar Trivedi

चले आओ, सुनाओ अपनी कहानी, रात की चुप्पी में खो जाती है यादें पुरानी। सपनों के पंखों पर तुम्हारी छाप सी है, तुम्हारे बिना ये दिल कहीं खो सा

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 White बचपन की बातें !

सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें,
कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें।

दुआएँ बड़ों की मिलती थी सबको,
नाजो-अदा न  उठानी थी हमको ।
कागज की कश्ती वो बारिश का पानी,
आओ करें उस जमाने की बातें ।

कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें,
शोहरत ये दौलत मेरी तू ले लो l
आँचल वो माँ का फिर से ओढ़ा दो ।
नई थी जमीं वो, नया आसमां था

गुम हो चुके उन लम्हों की बातें ।
कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें l
इमली की चटनी वो बेसन की रोटी,
माँयें सभी में थी संस्कार बोतीं ।

आम के टिकोरे,हाथों में सुतुही,
नमक वो लगाकर खाने की बातें ।
कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें,
सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें ।

©बेजुबान शायर shivkumar

#हिन्दीकविता #हिन्दी_काव्य_कोश #हिन्दीलेखन #कविता #लेखक #बचपन की #बातें ! सुनाओ कोई फिर से बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बाते

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