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White दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का फलसफा यह हैं कि अक्सर हार जाता हैं ©Ankur tiwari

#Free  White दीवानों के दिलों में साज जब जब 
कोई बजता हैं 
सनम की आहटों का रूह को भी 
इल्म रहता हैं 
मोहब्बत में निगाहें हारकर भी 
जीत जाती हैं 
दिल का फलसफा यह हैं कि 
अक्सर हार जाता हैं

©Ankur tiwari

#Free दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का

14 Love

यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रमाओ . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मुहब्बत #ख़सारे #फ़रमाओ #शायरी #इल्म #ग़ैर  यूं हासिल होने को हम भी हो जाये ,
हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . "
ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , 
तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रमाओ . "

                       --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रम

18 Love

#फलसफा_जिंदगी_का_ऐसा_भी #जीवनकाअफ़साना #जीवनअनुभव #यथार्थ #andaazebayaan #kuchhalfaaz  आज दर्द सब झेल लेते हैं,
शायद कब्र लाजवाब होगी।
आज बैचेनी ही बैचेनी है,
शायद कब्र में पुरसुकूँ लेटूँ।
इल्म मुहब्बत जो,
सिखाते हैं जहाँवाले,
वो नफ़रतों की ,
कई किताब पढ़ बैठे हैं।

©Bharat Bhushan pathak

*** ग़ज़ल *** *** दरीचे *** " गिले-शिकवे तमाम रखेंगे , मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे , फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये , बात जो भी फिर गिला - शिकवा का क्या किया जाये , यूं रोज़ आयेदिन तुमसे सामना होता ही रहेगा फिर किसी ना किसी बहाने , मुहब्बत की पुर-ख़ुलूस मुहब्बत ही रहेगा , दिल को दिलासा ना देते तो क्या देते , इस एवज में दिल को तुझे मुहब्बत करने से सुधार तो नहीं देते , यूं देखना भी फिर देखना ही हैं यूं तसव्वुर के ख्यालों से , फिर किसी और की तस्बीर लगा तो नहीं देते , जो है सो है फिर किसी और को पनाह तो नहीं देते , दिल फिर इस इल्म से गवारा क्या कर लें , तुझे छोड़ के फिर से इश्क़-मुहब्बत दुबारा कर लें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मुहब्बत #तसव्वुर #तस्बीर #इश्क़ #शायरी #गवारा  *** ग़ज़ल *** 
*** दरीचे ***

" गिले-शिकवे तमाम रखेंगे ,
मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे ,
फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये ,
बात जो भी फिर गिला - शिकवा का क्या किया जाये ,
यूं रोज़ आयेदिन तुमसे सामना होता ही रहेगा फिर किसी ना किसी बहाने ,
मुहब्बत की पुर-ख़ुलूस मुहब्बत ही रहेगा ,
दिल को दिलासा ना देते तो क्या देते ,
इस एवज में दिल को तुझे मुहब्बत करने से सुधार तो नहीं देते ,
यूं देखना भी फिर देखना ही हैं यूं तसव्वुर के ख्यालों से ,
फिर किसी और की तस्बीर लगा तो नहीं देते ,
जो है सो है फिर किसी और को पनाह तो नहीं देते ,
दिल फिर इस इल्म से गवारा क्या कर लें ,
तुझे छोड़ के फिर से इश्क़-मुहब्बत दुबारा कर लें . "

                       --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** दरीचे *** " गिले-शिकवे तमाम रखेंगे , मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे , फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये , बात जो भी फिर गिल

12 Love

#20march2024  घर में रहकर भी बेघर है मेरे जैसे , और कितने
जिंदा हूं पर दफन पाया खुद को मैने ,और कितने ।


और कितने ज़ख्म बाकी है मेरे अंदर , इल्म नहीं 
जो मरहम लगाओ तो कहोगे और कितने और कितने ।



कब तक महफूज है रूह मेरी ,बाकी है दिन और कितने 
नाबूद हुए ख्वाब कई, बाकी भी लगे मिटने , और कितने ।।

©Sherni

•इल्म - knowledge , knowing (ज्ञान) •नाबूद - destroyed (नष्ट) और कितने 🥀🍁🥀... #20march2024 #12:35am

1314 View

#sunlight  बुत तराशते हैं जो पत्थर तराश हैं।
तारों में तू कहीं है हम ढूँढते आकाश हैं।
रोज निहारते हैं आईना जब ढूँढते तुझे-
इल्म तब होता है तू रहता है मेरी हर साँस में।

©Bharat Bhushan pathak

#sunlight बुत तराशते हैं जो पत्थर तराश हैं। तारों में तू कहीं है हम ढूँढते आकाश हैं। रोज निहारते हैं आईना जब ढूँढते तुझे- इल्म तब होता है त

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White दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का फलसफा यह हैं कि अक्सर हार जाता हैं ©Ankur tiwari

#Free  White दीवानों के दिलों में साज जब जब 
कोई बजता हैं 
सनम की आहटों का रूह को भी 
इल्म रहता हैं 
मोहब्बत में निगाहें हारकर भी 
जीत जाती हैं 
दिल का फलसफा यह हैं कि 
अक्सर हार जाता हैं

©Ankur tiwari

#Free दीवानों के दिलों में साज जब जब कोई बजता हैं सनम की आहटों का रूह को भी इल्म रहता हैं मोहब्बत में निगाहें हारकर भी जीत जाती हैं दिल का

14 Love

यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रमाओ . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मुहब्बत #ख़सारे #फ़रमाओ #शायरी #इल्म #ग़ैर  यूं हासिल होने को हम भी हो जाये ,
हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . "
ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , 
तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रमाओ . "

                       --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

यूं हासिल होने को हम भी हो जाये , हमें मुहब्बत से भी चाहे कभी कोई . " ये इल्म तेरा यकीनन इल्म तेरा ही हो , तुम हमारे ख़सारे पे ग़ैर तो फ़रम

18 Love

#फलसफा_जिंदगी_का_ऐसा_भी #जीवनकाअफ़साना #जीवनअनुभव #यथार्थ #andaazebayaan #kuchhalfaaz  आज दर्द सब झेल लेते हैं,
शायद कब्र लाजवाब होगी।
आज बैचेनी ही बैचेनी है,
शायद कब्र में पुरसुकूँ लेटूँ।
इल्म मुहब्बत जो,
सिखाते हैं जहाँवाले,
वो नफ़रतों की ,
कई किताब पढ़ बैठे हैं।

©Bharat Bhushan pathak

*** ग़ज़ल *** *** दरीचे *** " गिले-शिकवे तमाम रखेंगे , मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे , फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये , बात जो भी फिर गिला - शिकवा का क्या किया जाये , यूं रोज़ आयेदिन तुमसे सामना होता ही रहेगा फिर किसी ना किसी बहाने , मुहब्बत की पुर-ख़ुलूस मुहब्बत ही रहेगा , दिल को दिलासा ना देते तो क्या देते , इस एवज में दिल को तुझे मुहब्बत करने से सुधार तो नहीं देते , यूं देखना भी फिर देखना ही हैं यूं तसव्वुर के ख्यालों से , फिर किसी और की तस्बीर लगा तो नहीं देते , जो है सो है फिर किसी और को पनाह तो नहीं देते , दिल फिर इस इल्म से गवारा क्या कर लें , तुझे छोड़ के फिर से इश्क़-मुहब्बत दुबारा कर लें . " --- रबिन्द्र राम ©Rabindra Kumar Ram

#मुहब्बत #तसव्वुर #तस्बीर #इश्क़ #शायरी #गवारा  *** ग़ज़ल *** 
*** दरीचे ***

" गिले-शिकवे तमाम रखेंगे ,
मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे ,
फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये ,
बात जो भी फिर गिला - शिकवा का क्या किया जाये ,
यूं रोज़ आयेदिन तुमसे सामना होता ही रहेगा फिर किसी ना किसी बहाने ,
मुहब्बत की पुर-ख़ुलूस मुहब्बत ही रहेगा ,
दिल को दिलासा ना देते तो क्या देते ,
इस एवज में दिल को तुझे मुहब्बत करने से सुधार तो नहीं देते ,
यूं देखना भी फिर देखना ही हैं यूं तसव्वुर के ख्यालों से ,
फिर किसी और की तस्बीर लगा तो नहीं देते ,
जो है सो है फिर किसी और को पनाह तो नहीं देते ,
दिल फिर इस इल्म से गवारा क्या कर लें ,
तुझे छोड़ के फिर से इश्क़-मुहब्बत दुबारा कर लें . "

                       --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram

*** ग़ज़ल *** *** दरीचे *** " गिले-शिकवे तमाम रखेंगे , मुहब्बत के दरीचे तमाम रखेंगे , फिर तुझसे कैसे और क्या मिला जाये , बात जो भी फिर गिल

12 Love

#20march2024  घर में रहकर भी बेघर है मेरे जैसे , और कितने
जिंदा हूं पर दफन पाया खुद को मैने ,और कितने ।


और कितने ज़ख्म बाकी है मेरे अंदर , इल्म नहीं 
जो मरहम लगाओ तो कहोगे और कितने और कितने ।



कब तक महफूज है रूह मेरी ,बाकी है दिन और कितने 
नाबूद हुए ख्वाब कई, बाकी भी लगे मिटने , और कितने ।।

©Sherni

•इल्म - knowledge , knowing (ज्ञान) •नाबूद - destroyed (नष्ट) और कितने 🥀🍁🥀... #20march2024 #12:35am

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#sunlight  बुत तराशते हैं जो पत्थर तराश हैं।
तारों में तू कहीं है हम ढूँढते आकाश हैं।
रोज निहारते हैं आईना जब ढूँढते तुझे-
इल्म तब होता है तू रहता है मेरी हर साँस में।

©Bharat Bhushan pathak

#sunlight बुत तराशते हैं जो पत्थर तराश हैं। तारों में तू कहीं है हम ढूँढते आकाश हैं। रोज निहारते हैं आईना जब ढूँढते तुझे- इल्म तब होता है त

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