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 White स्त्री एक पुरुष को नहीं बदल सकती है।
एक पुरुष स्वयं को बदल देता है क्योंकि
वह उससे प्रेम  करता है 
ख़ैर...

©ANIL KUMAR

एक स्त्री

117 View

स्त्री सोचती हुँ,इस जिंदगी के, मायने क्या है, मेरे अपने,मुझे समझाते,मेरे दायरे क्या है, हर वक़्त रहता एक सवाल ज़हन में, स्त्री होने के आखिर फायदे क्या है, सोचती हुँ, इस जिंदगी के, मायने क्या है | सूरज चढ़ता, दिन ढलता, बस यूँ ही वक़्त सी मैं ढलती जाती, कुछ ठहरा सा लगता है, वो बस मेरे जज्बातों का दरिया है, मैं रोज लगाती गोते जिसमें, कभी हसती,कभी मैं रोती, दिन रात मैं खुद से लड़ती रहती, छोड़ दिया हमने जिनके लिए सपने अपने, वो स्त्री के अहमियत क्यों नहीं समझते, ना समझ सी मैं, ना जानती ये समाज का चेहरा क्या है, ना जानती की स्त्री के दायरे क्या है, मेरे होने के आखिर मायने क्या है | ©Sonam kuril

 स्त्री






 सोचती हुँ,इस जिंदगी के, मायने क्या है,
मेरे अपने,मुझे समझाते,मेरे दायरे क्या है,
हर वक़्त रहता एक सवाल ज़हन में,
 स्त्री होने के आखिर फायदे क्या है,
सोचती हुँ, इस जिंदगी के, मायने क्या है |

सूरज चढ़ता, दिन ढलता,
बस यूँ ही वक़्त सी मैं ढलती जाती,
कुछ ठहरा सा लगता है,
वो बस मेरे जज्बातों का दरिया है,
मैं रोज लगाती गोते जिसमें,
कभी हसती,कभी मैं रोती,
दिन रात मैं खुद से लड़ती रहती,
छोड़ दिया हमने जिनके लिए सपने अपने,
वो स्त्री के अहमियत क्यों नहीं समझते,
ना समझ सी मैं,
 ना जानती ये समाज का चेहरा क्या है,
ना जानती की स्त्री के दायरे क्या है,
मेरे होने के आखिर मायने क्या है |

©Sonam kuril

#मायने #mayne #jindgi #स्त्री #स्त्रीअस्तित्व #स्त्रीजीवन #Nojoto #hindi_poetry #Hindi #कविता

17 Love

#स्त्री_पुरुष #आत्ममुग्धता #हर_बात #विचार  White स्त्री हो या पुरुष... 
जो भी आत्ममुग्धता से भरा होगा
 वह हर बात अपने तरीके से मनवाना चाहेगा।

©Nirupama Mishra
#मोटिवेशनल

भली स्त्री

144 View

#स्त्री_की_चुप्पी #मेरी_कलम_से✍️ #स्त्रीजीवन #मेरी_कविता #स्वलिखित #स्त्री  

.......स्त्री....

  " क्यों साधी तुमने यूं चुप्पी ,
 वक्त वक्त पर क्यों नही बोली ,
माना कि दर्द बहुत था सीने में तेरे ...
मगर ये जुबान वक्त पर क्यों नही खोली ,..
क्यों साधी तुमने ये चुप्पी ....
बहुत अच्छा है तुम्हारी तरह यू मौन रहना ,
मगर जब बात अन्याय की हो ,
पड़ता है तब सबकुछ कहना,....
बस चुप चुप , छूप छूप ये अन्याय न सहना,
संग तुम्हारे चलती है एक शक्ति की पंक्ति
तुम उस शक्ति के साथ अपनी हर बात कहना..
क्यों साधी तुमने ये चुप्पी ,
 बीते वक्त में देखो वो खड़ी थी रण के मैदान में ,
तुम भी आ जाना उसी तरह देश की आन में,.....
वो झांसी की रानी ही सही ,
तुम बन जाना अपने दिल की रानी ,
चलो अब तोड़ चलो ये चुप्पी,.....
जो साधी है तुमने न जाने कब से ये .......चुप्पी .....!!

©Parul (kiran)Yadav
#स्त्री  वो स्वतंत्र थी तो कैद की गई वो सीधी
 थी तो सताई गई वो उन्मुक्त थी तो 
चरित्रहीन कहलाई... -वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73
 White स्त्री एक पुरुष को नहीं बदल सकती है।
एक पुरुष स्वयं को बदल देता है क्योंकि
वह उससे प्रेम  करता है 
ख़ैर...

©ANIL KUMAR

एक स्त्री

117 View

स्त्री सोचती हुँ,इस जिंदगी के, मायने क्या है, मेरे अपने,मुझे समझाते,मेरे दायरे क्या है, हर वक़्त रहता एक सवाल ज़हन में, स्त्री होने के आखिर फायदे क्या है, सोचती हुँ, इस जिंदगी के, मायने क्या है | सूरज चढ़ता, दिन ढलता, बस यूँ ही वक़्त सी मैं ढलती जाती, कुछ ठहरा सा लगता है, वो बस मेरे जज्बातों का दरिया है, मैं रोज लगाती गोते जिसमें, कभी हसती,कभी मैं रोती, दिन रात मैं खुद से लड़ती रहती, छोड़ दिया हमने जिनके लिए सपने अपने, वो स्त्री के अहमियत क्यों नहीं समझते, ना समझ सी मैं, ना जानती ये समाज का चेहरा क्या है, ना जानती की स्त्री के दायरे क्या है, मेरे होने के आखिर मायने क्या है | ©Sonam kuril

 स्त्री






 सोचती हुँ,इस जिंदगी के, मायने क्या है,
मेरे अपने,मुझे समझाते,मेरे दायरे क्या है,
हर वक़्त रहता एक सवाल ज़हन में,
 स्त्री होने के आखिर फायदे क्या है,
सोचती हुँ, इस जिंदगी के, मायने क्या है |

सूरज चढ़ता, दिन ढलता,
बस यूँ ही वक़्त सी मैं ढलती जाती,
कुछ ठहरा सा लगता है,
वो बस मेरे जज्बातों का दरिया है,
मैं रोज लगाती गोते जिसमें,
कभी हसती,कभी मैं रोती,
दिन रात मैं खुद से लड़ती रहती,
छोड़ दिया हमने जिनके लिए सपने अपने,
वो स्त्री के अहमियत क्यों नहीं समझते,
ना समझ सी मैं,
 ना जानती ये समाज का चेहरा क्या है,
ना जानती की स्त्री के दायरे क्या है,
मेरे होने के आखिर मायने क्या है |

©Sonam kuril

#मायने #mayne #jindgi #स्त्री #स्त्रीअस्तित्व #स्त्रीजीवन #Nojoto #hindi_poetry #Hindi #कविता

17 Love

#स्त्री_पुरुष #आत्ममुग्धता #हर_बात #विचार  White स्त्री हो या पुरुष... 
जो भी आत्ममुग्धता से भरा होगा
 वह हर बात अपने तरीके से मनवाना चाहेगा।

©Nirupama Mishra
#मोटिवेशनल

भली स्त्री

144 View

#स्त्री_की_चुप्पी #मेरी_कलम_से✍️ #स्त्रीजीवन #मेरी_कविता #स्वलिखित #स्त्री  

.......स्त्री....

  " क्यों साधी तुमने यूं चुप्पी ,
 वक्त वक्त पर क्यों नही बोली ,
माना कि दर्द बहुत था सीने में तेरे ...
मगर ये जुबान वक्त पर क्यों नही खोली ,..
क्यों साधी तुमने ये चुप्पी ....
बहुत अच्छा है तुम्हारी तरह यू मौन रहना ,
मगर जब बात अन्याय की हो ,
पड़ता है तब सबकुछ कहना,....
बस चुप चुप , छूप छूप ये अन्याय न सहना,
संग तुम्हारे चलती है एक शक्ति की पंक्ति
तुम उस शक्ति के साथ अपनी हर बात कहना..
क्यों साधी तुमने ये चुप्पी ,
 बीते वक्त में देखो वो खड़ी थी रण के मैदान में ,
तुम भी आ जाना उसी तरह देश की आन में,.....
वो झांसी की रानी ही सही ,
तुम बन जाना अपने दिल की रानी ,
चलो अब तोड़ चलो ये चुप्पी,.....
जो साधी है तुमने न जाने कब से ये .......चुप्पी .....!!

©Parul (kiran)Yadav
#स्त्री  वो स्वतंत्र थी तो कैद की गई वो सीधी
 थी तो सताई गई वो उन्मुक्त थी तो 
चरित्रहीन कहलाई... -वेद प्रकाश

©VED PRAKASH 73
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