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New पाटीदार समाज की जनसंख्या Status, Photo, Video

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White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है। कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर । पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है । एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर । मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है। हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में । यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी । प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है। देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को। कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए । जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा। ©Negi Girl Kammu

#कविता  White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है।

 कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर ।

पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है ।

एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर  ।

 मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है।

 हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में ।

 यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी ।

प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है।

 देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को।

कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए ।

जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा।

©Negi Girl Kammu

समाज

13 Love

ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा दुनिया से हम ने क्या लिया और दुनिया को क्या दिया। ©Swati

#मोटिवेशनल #व्यवहार #दुनिया #समाज #लोग  ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा
दुनिया से हम ने क्या लिया और दुनिया को क्या दिया।

©Swati

तुम आज को देख रहे हो मैं कल पर खड़ा हूं 20 साल पहले जो लिखा था आज पढ़ लो,,, 20 साल बाद हमारे जैसे दो हाथ, पैर, आंखे, शक्लें और दिमाग वाला जीव नहीं रहेगा।।।।।।।। हां अभी तुम राज्य नीति पर ध्यान दो वैसे भी भूखे नंगे लोग एक दूसरे की लाशों पर खाना खाने वाले हैं।।।।।।। तुमको क्या - वोट बैंक।।।।।।। जनसंख्या, पर्यावरण, अन्न उपलब्धता, पानी और सांस..... रहने दो तुम्हारी सोंच अभी मुनाफे, शासन, धर्म और हथियारों को तय कर रही है।।।।।।।।।।।। हरि ॐ ©Ram Yadav

#पर्यावरण #अध्यात्म #जनसंख्या #विचार #भारत  तुम आज को देख रहे हो
मैं कल पर खड़ा हूं

20 साल पहले जो लिखा था
आज पढ़ लो,,,
20 साल बाद हमारे जैसे 
दो हाथ, पैर, आंखे, शक्लें और दिमाग वाला जीव 
नहीं रहेगा।।।।।।।।

हां अभी तुम राज्य नीति पर ध्यान दो
वैसे भी भूखे नंगे लोग 
एक दूसरे की लाशों पर खाना खाने वाले हैं।।।।।।।

तुमको क्या - वोट बैंक।।।।।।।

जनसंख्या, पर्यावरण, अन्न उपलब्धता, पानी और सांस.....
रहने दो
तुम्हारी सोंच अभी मुनाफे, शासन, धर्म 
और हथियारों को तय कर रही है।।।।।।।।।।।।


हरि ॐ

©Ram Yadav
#Motivational  White जिस देश में कन्या का पूजन भी हो और उसे गर्भ में मारा भी जाता हो, ऐसे लोगों की मानसिक्ता को आप किस श्रेणी में रखेंगे? विडंबना तो यह है कि यह कन्या पूजन करने वाले देश भारत का ही एक क्रूर चेहरा है। हमारे यहाँ जितनी श्रद्धा व सम्मान से कन्या का पूजन किया जाता है, उससे भी कहीं ज्यादा क्रूरता से उसको मारा भी जाता है। आज कहने को तो सब कहते हैं कि पुत्र और पुत्री, स्त्री-पुरुष में कोई फर्क नहीं परंतु सच्चाई कुछ और है। हम मनसा देवी, चिंतपुरनी की पूजा तो करते हैं, लेकिन जब यही देवी हमारे घर बेटी रूप में जन्म लेने लगती है तो अपनी देवी रूपी कन्या के प्रति हमारे मन की सारी भावना काफर हो जाती है। हम इसे चिंतपुरनी की कृपा नहीं अपितु अपनी चिंता मान लेते हैं। दूसरा जिन लड़कों को पाने के लिए कन्या भ्रूण हत्या की जाती है, क्या कभी उन लड़कों की कहीं पूजा होती देखी है? बडे़ शर्म की बात है, कि जिस कन्या को घर बुलाकर उसकी पूजा करते हैं, जब उसकी आहट खुद के द्वार पर होती है तो उसे आने से पहले ही मसल दिया जाता है। आज का पाखंडी समाज अपनी ही जननी का समूल नाश करने पर आमदा है।

©सत्यमेव जयते

पाखंडी समाज

153 View

#चुनाव #Trending #Facts #viral

गिरिराज सिंह ने जनसंख्या मामले पर क्या कहा #nojoto #viral #Trending #Facts

117 View

#विचार

हमारा समाज

360 View

White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है। कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर । पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है । एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर । मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है। हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में । यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी । प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है। देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को। कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए । जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा। ©Negi Girl Kammu

#कविता  White समाज सुनने में जितना ही सरल है ,समझने में उतना ही कठिन है।

 कहते हैं, कोई भेदभाव नहीं है हमारे समाज के अंदर ।

पर देखो ना, यहां तो पत्थर से बने हुए दो भवनों में भी अंतर है ।

एक को समाज घर समझ लेता है ,तो दूसरे को मंदिर  ।

 मुझे तो हर चीज में भेदभाव नजर आता है।

 हरी घास में ,हरे पेड़ों में ,सुंदर से खिले हुए फूलों में ।

 यहां तक कि इंसान के पैदा किए हुए छोटे-छोटे बच्चों में भी ।

प्रकृति के दिए हुए सुंदर से जल में भी यहां भेदभाव ही किया जाता है।

 देखो ना कैसे बांट दिया है इंसान ने हर एक चीज को।

कहते हैं कि मानव जीवन को सुलझा हुआ होना चाहिए ।

जब उलझे समाज में मानव पैदा होगा, तो सोचो उसका जीवन कैसे सुलझेगा।

©Negi Girl Kammu

समाज

13 Love

ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा दुनिया से हम ने क्या लिया और दुनिया को क्या दिया। ©Swati

#मोटिवेशनल #व्यवहार #दुनिया #समाज #लोग  ये भी तो सोचिए कभी तन्हाई में ज़रा
दुनिया से हम ने क्या लिया और दुनिया को क्या दिया।

©Swati

तुम आज को देख रहे हो मैं कल पर खड़ा हूं 20 साल पहले जो लिखा था आज पढ़ लो,,, 20 साल बाद हमारे जैसे दो हाथ, पैर, आंखे, शक्लें और दिमाग वाला जीव नहीं रहेगा।।।।।।।। हां अभी तुम राज्य नीति पर ध्यान दो वैसे भी भूखे नंगे लोग एक दूसरे की लाशों पर खाना खाने वाले हैं।।।।।।। तुमको क्या - वोट बैंक।।।।।।। जनसंख्या, पर्यावरण, अन्न उपलब्धता, पानी और सांस..... रहने दो तुम्हारी सोंच अभी मुनाफे, शासन, धर्म और हथियारों को तय कर रही है।।।।।।।।।।।। हरि ॐ ©Ram Yadav

#पर्यावरण #अध्यात्म #जनसंख्या #विचार #भारत  तुम आज को देख रहे हो
मैं कल पर खड़ा हूं

20 साल पहले जो लिखा था
आज पढ़ लो,,,
20 साल बाद हमारे जैसे 
दो हाथ, पैर, आंखे, शक्लें और दिमाग वाला जीव 
नहीं रहेगा।।।।।।।।

हां अभी तुम राज्य नीति पर ध्यान दो
वैसे भी भूखे नंगे लोग 
एक दूसरे की लाशों पर खाना खाने वाले हैं।।।।।।।

तुमको क्या - वोट बैंक।।।।।।।

जनसंख्या, पर्यावरण, अन्न उपलब्धता, पानी और सांस.....
रहने दो
तुम्हारी सोंच अभी मुनाफे, शासन, धर्म 
और हथियारों को तय कर रही है।।।।।।।।।।।।


हरि ॐ

©Ram Yadav
#Motivational  White जिस देश में कन्या का पूजन भी हो और उसे गर्भ में मारा भी जाता हो, ऐसे लोगों की मानसिक्ता को आप किस श्रेणी में रखेंगे? विडंबना तो यह है कि यह कन्या पूजन करने वाले देश भारत का ही एक क्रूर चेहरा है। हमारे यहाँ जितनी श्रद्धा व सम्मान से कन्या का पूजन किया जाता है, उससे भी कहीं ज्यादा क्रूरता से उसको मारा भी जाता है। आज कहने को तो सब कहते हैं कि पुत्र और पुत्री, स्त्री-पुरुष में कोई फर्क नहीं परंतु सच्चाई कुछ और है। हम मनसा देवी, चिंतपुरनी की पूजा तो करते हैं, लेकिन जब यही देवी हमारे घर बेटी रूप में जन्म लेने लगती है तो अपनी देवी रूपी कन्या के प्रति हमारे मन की सारी भावना काफर हो जाती है। हम इसे चिंतपुरनी की कृपा नहीं अपितु अपनी चिंता मान लेते हैं। दूसरा जिन लड़कों को पाने के लिए कन्या भ्रूण हत्या की जाती है, क्या कभी उन लड़कों की कहीं पूजा होती देखी है? बडे़ शर्म की बात है, कि जिस कन्या को घर बुलाकर उसकी पूजा करते हैं, जब उसकी आहट खुद के द्वार पर होती है तो उसे आने से पहले ही मसल दिया जाता है। आज का पाखंडी समाज अपनी ही जननी का समूल नाश करने पर आमदा है।

©सत्यमेव जयते

पाखंडी समाज

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#चुनाव #Trending #Facts #viral

गिरिराज सिंह ने जनसंख्या मामले पर क्या कहा #nojoto #viral #Trending #Facts

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#विचार

हमारा समाज

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