tags

New poem life by charlotte bronte pdf Status, Photo, Video

Find the latest Status about poem life by charlotte bronte pdf from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about poem life by charlotte bronte pdf.

  • Latest
  • Popular
  • Video
#कविता #manlife #poem  सुबह वह देर तक सोए नहीं।
ऑफिस जाने के लिए कुछ कहे नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

बॉस से कुछ कहे नहीं।
फिजूल खर्ची वह करे नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

महिला के ग़लत व्यवहार पर कुछ कहे नहीं।
कोर्ट में कोई उसका पक्ष सुने नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

थक हार के बस में लेडीज़ से कुछ बोले नहीं।
घर आकर दिन का परिश्रम अपने मन से खोले नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

घर की परेशानियाँ देख वह डगर मगर होए नहीं।
कुछ भी हो, मुख पर अश्व दिखे नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

©Hitesh Ahuja

#Life #manlife #poem

0 View

#कविता #Life_experience #poem

#Love #Life #Life_experience #poem

153 View

White विषादों से घिरा मानव, नाम चाहिए, पैसा चाहिये, सब से ऊँचा जीवन चाहिये, आधुनिकता के नाम पर, नैतिक या अनैतिक ढंग से, एक दूसरे को ठगकर। हर तरफ लगी है एक दौड़, ऊपर उठने की मची होड़, धक्का मुक्की का नया दौर, पनपी शहरों में भागदौड़। निकल गया कोई आगे, रह जाये जो पीछे, विषादों में हार मान, विकारों में परेशान। नशे की लत पालते, गुम हो जाती सुध, निंद्रा में रहते बेसुध, हो दुनिया से बेख़बर, झूठी आत्म तृप्ति में, काल मे खो जाते। कौन उन्हें समझ पाया, अच्छा खासा व्यक्ति, मानसिक रोग से पीड़ित, किस को भाया। दुनिया कब देती है, हारे हुए का साथ, खो जाता आत्मविश्वास, घेर लेती निराशा, जीवन बन जाता अवसाद। ©Rishi Ranjan

#Animals #poem  White विषादों से घिरा मानव,
नाम चाहिए, पैसा चाहिये,
सब से ऊँचा जीवन चाहिये,
आधुनिकता के नाम पर,
नैतिक या अनैतिक ढंग से,
एक दूसरे को ठगकर।
हर तरफ लगी है एक दौड़,
ऊपर उठने की मची होड़,
धक्का मुक्की का नया दौर,
पनपी शहरों में भागदौड़।
निकल गया कोई आगे,
रह जाये जो पीछे,
विषादों में हार मान,
विकारों में परेशान।
नशे की लत पालते,
गुम हो जाती सुध,
निंद्रा में रहते बेसुध,
हो दुनिया से बेख़बर,
झूठी आत्म तृप्ति में,
काल मे खो जाते।
कौन उन्हें समझ पाया,
अच्छा खासा व्यक्ति,
मानसिक रोग से पीड़ित,
किस को भाया।
दुनिया कब देती है,
हारे हुए का साथ,
खो जाता आत्मविश्वास,
घेर लेती निराशा,
जीवन बन जाता अवसाद।

©Rishi Ranjan

#Animals #poem #Life #Love

12 Love

#शायरी #poem

#Love #Life #Poetry #poem

126 View

फक्र है मुझे इस बात का की मेरे सपनो को दौलत से नई खरीदा जा सकता ©Renu Kavtya

#कोट्स #renukavtya #poem  फक्र है मुझे इस बात का 
की मेरे सपनो को दौलत से 
नई खरीदा जा सकता

©Renu Kavtya

#renukavtya #Life #poem

13 Love

#poem

#poem #Life #Love #Nojoto

144 View

#कविता #manlife #poem  सुबह वह देर तक सोए नहीं।
ऑफिस जाने के लिए कुछ कहे नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

बॉस से कुछ कहे नहीं।
फिजूल खर्ची वह करे नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

महिला के ग़लत व्यवहार पर कुछ कहे नहीं।
कोर्ट में कोई उसका पक्ष सुने नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

थक हार के बस में लेडीज़ से कुछ बोले नहीं।
घर आकर दिन का परिश्रम अपने मन से खोले नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

घर की परेशानियाँ देख वह डगर मगर होए नहीं।
कुछ भी हो, मुख पर अश्व दिखे नहीं।
मर्द क्यों रोंए नहीं।

©Hitesh Ahuja

#Life #manlife #poem

0 View

#कविता #Life_experience #poem

#Love #Life #Life_experience #poem

153 View

White विषादों से घिरा मानव, नाम चाहिए, पैसा चाहिये, सब से ऊँचा जीवन चाहिये, आधुनिकता के नाम पर, नैतिक या अनैतिक ढंग से, एक दूसरे को ठगकर। हर तरफ लगी है एक दौड़, ऊपर उठने की मची होड़, धक्का मुक्की का नया दौर, पनपी शहरों में भागदौड़। निकल गया कोई आगे, रह जाये जो पीछे, विषादों में हार मान, विकारों में परेशान। नशे की लत पालते, गुम हो जाती सुध, निंद्रा में रहते बेसुध, हो दुनिया से बेख़बर, झूठी आत्म तृप्ति में, काल मे खो जाते। कौन उन्हें समझ पाया, अच्छा खासा व्यक्ति, मानसिक रोग से पीड़ित, किस को भाया। दुनिया कब देती है, हारे हुए का साथ, खो जाता आत्मविश्वास, घेर लेती निराशा, जीवन बन जाता अवसाद। ©Rishi Ranjan

#Animals #poem  White विषादों से घिरा मानव,
नाम चाहिए, पैसा चाहिये,
सब से ऊँचा जीवन चाहिये,
आधुनिकता के नाम पर,
नैतिक या अनैतिक ढंग से,
एक दूसरे को ठगकर।
हर तरफ लगी है एक दौड़,
ऊपर उठने की मची होड़,
धक्का मुक्की का नया दौर,
पनपी शहरों में भागदौड़।
निकल गया कोई आगे,
रह जाये जो पीछे,
विषादों में हार मान,
विकारों में परेशान।
नशे की लत पालते,
गुम हो जाती सुध,
निंद्रा में रहते बेसुध,
हो दुनिया से बेख़बर,
झूठी आत्म तृप्ति में,
काल मे खो जाते।
कौन उन्हें समझ पाया,
अच्छा खासा व्यक्ति,
मानसिक रोग से पीड़ित,
किस को भाया।
दुनिया कब देती है,
हारे हुए का साथ,
खो जाता आत्मविश्वास,
घेर लेती निराशा,
जीवन बन जाता अवसाद।

©Rishi Ranjan

#Animals #poem #Life #Love

12 Love

#शायरी #poem

#Love #Life #Poetry #poem

126 View

फक्र है मुझे इस बात का की मेरे सपनो को दौलत से नई खरीदा जा सकता ©Renu Kavtya

#कोट्स #renukavtya #poem  फक्र है मुझे इस बात का 
की मेरे सपनो को दौलत से 
नई खरीदा जा सकता

©Renu Kavtya

#renukavtya #Life #poem

13 Love

#poem

#poem #Life #Love #Nojoto

144 View

Trending Topic