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#poem  क्या करोगे


 यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे
मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे,
 मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो,
 हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे
कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल 
 जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, 
या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे
बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में
 ताउम्र साथ चल पाओगे 

क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, 
या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे

©Capital_Jadon

#poem

135 View

वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat

#विचार #poem  वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, 
मगर जाओं... 
जिंदगी से पूछकर आओं... 
क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....!

©Aarti Sirsat

#poem

17 Love

#शिक्षण #poem  जगता एवढं आचरा फक्त ,
स्वाभिमानाचा मान ठेवा
आठवूण चेहरा स्वप्नांचा 
कष्ट सुद्धा गहाण ठेवा ...
स्वप्न एवढी मोठी विचारा 
सूर्यालाही तहान लागेल ,
जिद्द एवढी साठवून ठेवता की 
सागरालाही घाम फुटेल ...
कित्येक काटे बोचले जरी 
मेहनतीला आपला सार्थी करा 
अलगद त्यांना सरकावून बाजूला 
विजयाची समशेर आसमंती धरा.....

                              -कार्तिक

©Kartik Choure

#poem

117 View

जब मैं शहर को जाता था तू कितना कुछ कर देती थी मेरे बैग में चुपके से लड्डू पेड़े भर देती थी मुझे छोड़ने दूर गांव के टीले तक आया करती रोते-रोते नम आंखों से वापस घर जाया करती उस टीले पर अब तुझ सा कोई दीदार नहीं करता मां तेरे जैसा अब मुझको कोई प्यार नहीं करता ©Priya Chaturvedi

#कविता #poem  जब मैं शहर को जाता था तू कितना कुछ कर देती थी
मेरे बैग में चुपके से लड्डू पेड़े भर देती थी
मुझे छोड़ने दूर गांव के टीले तक आया करती
रोते-रोते नम आंखों से वापस घर जाया करती
उस टीले पर अब तुझ सा कोई दीदार नहीं करता
मां तेरे जैसा अब मुझको कोई प्यार नहीं करता

©Priya Chaturvedi

#poem

13 Love

क्या लिखूँ मैं ज़िंदगी में शामिल, हूँ कौन पढ़ लेना। मैं चुप रहूँ लेकिन , तुम मौन पढ़ लेना।। ©Sunil Nagar 'srgm'

#कविता #poem  क्या लिखूँ मैं ज़िंदगी में शामिल, हूँ कौन पढ़ लेना। 
मैं चुप रहूँ लेकिन , तुम मौन पढ़ लेना।।

©Sunil Nagar 'srgm'

#poem

14 Love

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
#poem  क्या करोगे


 यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे
मानता हु कि अभी हम कुछ नहीं तुम्हारे,
 मगर जो हमे कुछ मान बैठे तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

ये प्यार की बातें किताबों में रहने दो,
 हकीकत में दिल लगा बैठे, तो उजड जाओगे
कहते है फिर दुबारा नहीं बसा करते,उजड़े हुए दिल 
 जो हमारे होगये ,तो क्या करोगे

यूँ रातों को गुफ़्तगू तो कर रहे हो हमसे,
 जो दिल लगा बैठे तो क्या करोगे

क्या कर पाओगी यकीन फिर से इश्क़ पे, 
या ज़माने के डर से बिछड़े तो न जाओगे
बन्झर से दिलों के इस बीरान सफर में
 ताउम्र साथ चल पाओगे 

क्या कह पाओगे ज़माने को की फिर से इश्क हुआ है, 
या डर के ज़माने से फिर भागा जाओगे

©Capital_Jadon

#poem

135 View

वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, मगर जाओं... जिंदगी से पूछकर आओं... क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....! ©Aarti Sirsat

#विचार #poem  वक्त शायद जख़्मो को भर भी दे, 
मगर जाओं... 
जिंदगी से पूछकर आओं... 
क्या वोह मेरी उम्र की भरपाई कर पायेगी....!

©Aarti Sirsat

#poem

17 Love

#शिक्षण #poem  जगता एवढं आचरा फक्त ,
स्वाभिमानाचा मान ठेवा
आठवूण चेहरा स्वप्नांचा 
कष्ट सुद्धा गहाण ठेवा ...
स्वप्न एवढी मोठी विचारा 
सूर्यालाही तहान लागेल ,
जिद्द एवढी साठवून ठेवता की 
सागरालाही घाम फुटेल ...
कित्येक काटे बोचले जरी 
मेहनतीला आपला सार्थी करा 
अलगद त्यांना सरकावून बाजूला 
विजयाची समशेर आसमंती धरा.....

                              -कार्तिक

©Kartik Choure

#poem

117 View

जब मैं शहर को जाता था तू कितना कुछ कर देती थी मेरे बैग में चुपके से लड्डू पेड़े भर देती थी मुझे छोड़ने दूर गांव के टीले तक आया करती रोते-रोते नम आंखों से वापस घर जाया करती उस टीले पर अब तुझ सा कोई दीदार नहीं करता मां तेरे जैसा अब मुझको कोई प्यार नहीं करता ©Priya Chaturvedi

#कविता #poem  जब मैं शहर को जाता था तू कितना कुछ कर देती थी
मेरे बैग में चुपके से लड्डू पेड़े भर देती थी
मुझे छोड़ने दूर गांव के टीले तक आया करती
रोते-रोते नम आंखों से वापस घर जाया करती
उस टीले पर अब तुझ सा कोई दीदार नहीं करता
मां तेरे जैसा अब मुझको कोई प्यार नहीं करता

©Priya Chaturvedi

#poem

13 Love

क्या लिखूँ मैं ज़िंदगी में शामिल, हूँ कौन पढ़ लेना। मैं चुप रहूँ लेकिन , तुम मौन पढ़ लेना।। ©Sunil Nagar 'srgm'

#कविता #poem  क्या लिखूँ मैं ज़िंदगी में शामिल, हूँ कौन पढ़ लेना। 
मैं चुप रहूँ लेकिन , तुम मौन पढ़ लेना।।

©Sunil Nagar 'srgm'

#poem

14 Love

#shayaari #sjspoet #poatry #poem
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