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White नयन की गर बात हो, ना तेरा कोई काट हो; हर घड़ी चाहू तुम्हे में, दिन हो चाहे रात हो। ©Beats Pandya

#कविता  White नयन की गर बात हो, ना तेरा कोई काट हो;
हर घड़ी चाहू तुम्हे में, दिन हो चाहे रात हो।

©Beats Pandya

Third stanza from " निसहाय " . कविता कोश प्रेम कविता हिंदी कविता

15 Love

#कविता #Bench  bench तन्हा शुरू किया था जो सफर कैसा है
दिल में तेरे छुपा हुआ वो डर कैसा है

घर छोड़ के तो आ गये जंगल में अब बता
बरसों बिताये जिसमें वो घर कैसा है

©Neeraj Neer

#Bench प्रेरणादायी कविता हिंदी

81 View

#कविता #sadak  सड़कें हैं खामोश रात की कहानियाँ,
जहाँ हर कदम पर बसी हैं अनजानी निशानियाँ।
इनकी धूल में छुपे हैं सपनों के टुकड़े,
जो हर गुजरते मुसाफ़िर से कहें कुछ किस्से।
यहाँ की हवा में बसती है सफर की महक,
हर मोड़ पर झलकता है जीवन का एक नयापन।
टूटे हुए दिलों की गवाह हैं ये सड़कें,
जो हर दिन सजाती हैं अपनी नई तकदीरें।
कभी ये सुनसान होती हैं, कभी चहल-पहल,
हर गुजरता वक़्त इन्हें देता है नया अक्स।
इन सड़कों पर चलते हैं कई अरमान,
जो हर रात ढूंढते हैं अपने मंज़िल के निशान।
यहाँ की चुप्पी में भी है एक गहरी बात,
सड़कें सिखाती हैं हमें हर दिन नया साथ।
इन पर बिछड़े और मिले हैं कई लोग,
सड़कें हैं जीवन का अनमोल संजोग।

©Nirankar Trivedi

#sadak सड़कें हैं खामोश रात की कहानियाँ हिंदी कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता कविता

108 View

 White विद्रोह - कविता
आज घर में घुसा
तो वहां अजब दृश्य था
सुनिये- मेरे बिस्तर ने कहा-
यह रहा मेरा इस्तीफ़ा
मैं अपने कपास के भीतर
वापस जाना चाहता हूं

उधर कुर्सी और मेज़ का
एक संयुक्त मोर्चा था
दोनों तड़पकर बोले-
जी- अब बहुत हो चुका
आपको सहते-सहते
हमें बेतरह याद आ रहे हैं
हमारे पेड़
और उनके भीतर का वह
ज़िंदा द्रव
जिसकी हत्या कर दी है
आपने
....केदारनाथ सिंह....

©Deepika

#milan_night #कविता #हिंदी #हिंदी_कोट्स_शायरी

90 View

#नोजोतोहिंदीशायरी #हिंदी_कोट्स_शायरी #Nojotoshayeri✍️M #कविता #शराब
 कितना हसीन आलिंगन था
ओस की उस नन्हीं बूंद ने
जब गुलाब की पंखुड़ी
को छुआ था
ठंडी पवन ने भी तब
उसको स्पर्श किया था
सहम गई थी वो.....
पंखुड़ी से चिपक गई थी वो
सूरज की तपिश से पिघल 
 रही थी  शायद अंतिम सांस ले
रही थी वो
कुछ क्षण ही सही ............
क्षणभंगुर जीवन को 
कितनी हिम्मत से जी गई थी 
नन्ही सी ओस की बूंद थी वो!!

©Lalit Saxena

#nojoto #कविता #हिंदी_कविता

738 View

White नयन की गर बात हो, ना तेरा कोई काट हो; हर घड़ी चाहू तुम्हे में, दिन हो चाहे रात हो। ©Beats Pandya

#कविता  White नयन की गर बात हो, ना तेरा कोई काट हो;
हर घड़ी चाहू तुम्हे में, दिन हो चाहे रात हो।

©Beats Pandya

Third stanza from " निसहाय " . कविता कोश प्रेम कविता हिंदी कविता

15 Love

#कविता #Bench  bench तन्हा शुरू किया था जो सफर कैसा है
दिल में तेरे छुपा हुआ वो डर कैसा है

घर छोड़ के तो आ गये जंगल में अब बता
बरसों बिताये जिसमें वो घर कैसा है

©Neeraj Neer

#Bench प्रेरणादायी कविता हिंदी

81 View

#कविता #sadak  सड़कें हैं खामोश रात की कहानियाँ,
जहाँ हर कदम पर बसी हैं अनजानी निशानियाँ।
इनकी धूल में छुपे हैं सपनों के टुकड़े,
जो हर गुजरते मुसाफ़िर से कहें कुछ किस्से।
यहाँ की हवा में बसती है सफर की महक,
हर मोड़ पर झलकता है जीवन का एक नयापन।
टूटे हुए दिलों की गवाह हैं ये सड़कें,
जो हर दिन सजाती हैं अपनी नई तकदीरें।
कभी ये सुनसान होती हैं, कभी चहल-पहल,
हर गुजरता वक़्त इन्हें देता है नया अक्स।
इन सड़कों पर चलते हैं कई अरमान,
जो हर रात ढूंढते हैं अपने मंज़िल के निशान।
यहाँ की चुप्पी में भी है एक गहरी बात,
सड़कें सिखाती हैं हमें हर दिन नया साथ।
इन पर बिछड़े और मिले हैं कई लोग,
सड़कें हैं जीवन का अनमोल संजोग।

©Nirankar Trivedi

#sadak सड़कें हैं खामोश रात की कहानियाँ हिंदी कविता कविता कोश प्रेरणादायी कविता हिंदी हिंदी कविता कविता

108 View

 White विद्रोह - कविता
आज घर में घुसा
तो वहां अजब दृश्य था
सुनिये- मेरे बिस्तर ने कहा-
यह रहा मेरा इस्तीफ़ा
मैं अपने कपास के भीतर
वापस जाना चाहता हूं

उधर कुर्सी और मेज़ का
एक संयुक्त मोर्चा था
दोनों तड़पकर बोले-
जी- अब बहुत हो चुका
आपको सहते-सहते
हमें बेतरह याद आ रहे हैं
हमारे पेड़
और उनके भीतर का वह
ज़िंदा द्रव
जिसकी हत्या कर दी है
आपने
....केदारनाथ सिंह....

©Deepika

#milan_night #कविता #हिंदी #हिंदी_कोट्स_शायरी

90 View

#नोजोतोहिंदीशायरी #हिंदी_कोट्स_शायरी #Nojotoshayeri✍️M #कविता #शराब
 कितना हसीन आलिंगन था
ओस की उस नन्हीं बूंद ने
जब गुलाब की पंखुड़ी
को छुआ था
ठंडी पवन ने भी तब
उसको स्पर्श किया था
सहम गई थी वो.....
पंखुड़ी से चिपक गई थी वो
सूरज की तपिश से पिघल 
 रही थी  शायद अंतिम सांस ले
रही थी वो
कुछ क्षण ही सही ............
क्षणभंगुर जीवन को 
कितनी हिम्मत से जी गई थी 
नन्ही सी ओस की बूंद थी वो!!

©Lalit Saxena

#nojoto #कविता #हिंदी_कविता

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