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New अज्ञेय की कविता यह दीप अकेला Status, Photo, Video

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#विचार  White दिल सब पर ही फिदा है
हर राह पर उसकी आशंका है 
शायरियां रंगीन लिखता है
काम में भी व्यस्त रहता है
खाना अच्छा पकाता है
कपड़े अच्छे पहनता है 
समझो वो जरूर अकेला है।

©Mohan Sardarshahari

अकेला

99 View

#Hinfipoetry

#Hinfipoetry नागार्जुन की कविता : -कालीदास

135 View

#अकेला  White लाखों का भीड़ था उस मेले मे
उसमें भी अकेली थी मैं
कोई चेहरा जाना पहचाना नहीं
कुछ को पहचान वो मेरे अपने नहीं
बहोत रोई नदी किनारे बैठ कर
अपने आंसू पोछ खुद को दिलासा भी दिया
पर फिर भीड़ कि तरफ देख निराशा हि मिला

अभी कुछ समय कि हि तो बात थी
हसता खेलता पूरा परिवार था मेरा
रूठते मनाते का सौगात था मेरा
इक बाढ़ ने छिन् लिया मेरा घर
अब ये अकेलापन हि पूरा परिवार है मेरा
समय लगेगा पर इससे भी उभर जाएँगे
समय के साथ कुछ नये रिश्ते बनाएंगे
लेकिन क्या ये नए रिश्ते पुराने वाले हि कहलायेंगे

©कलम की दुनिया

भोर बेला ,नदी तट की घंटियों का नाद। चोट खा कर जग उठा सोया हुआ अवसाद। नहीं, मुझ को नहीं अपने दर्द का अभिमान--- मानता हूँ मैं पराजय है तुम्हारी याद। . ©Arpit Mishra

 भोर बेला ,नदी तट की घंटियों का नाद।
चोट खा कर जग उठा सोया हुआ अवसाद।
नहीं, मुझ को नहीं अपने दर्द का अभिमान---
मानता हूँ मैं पराजय है तुम्हारी याद।








.

©Arpit Mishra

अज्ञेय

12 Love

#कविता #अकेला #nojohindi #Quotes #poem  जो अकेला है
वो ही अलबेला है
बाकी सब दुनिया का मेला है

©Bindu Sharma
#अज्ञेय #विचार #Self  "मन बहुत सोचता है  कि उदास न हो
पर उदासी के बिना कैसे रहा जाये?
शहर के दूर के तनाव दबाव कोई सह भी ले,
पर यह अपने ही रचे एकांत का दबाव कैसे सहा जाए !"

©HintsOfHeart.

#अज्ञेय. #Self-isolating_loneliness

144 View

#विचार  White दिल सब पर ही फिदा है
हर राह पर उसकी आशंका है 
शायरियां रंगीन लिखता है
काम में भी व्यस्त रहता है
खाना अच्छा पकाता है
कपड़े अच्छे पहनता है 
समझो वो जरूर अकेला है।

©Mohan Sardarshahari

अकेला

99 View

#Hinfipoetry

#Hinfipoetry नागार्जुन की कविता : -कालीदास

135 View

#अकेला  White लाखों का भीड़ था उस मेले मे
उसमें भी अकेली थी मैं
कोई चेहरा जाना पहचाना नहीं
कुछ को पहचान वो मेरे अपने नहीं
बहोत रोई नदी किनारे बैठ कर
अपने आंसू पोछ खुद को दिलासा भी दिया
पर फिर भीड़ कि तरफ देख निराशा हि मिला

अभी कुछ समय कि हि तो बात थी
हसता खेलता पूरा परिवार था मेरा
रूठते मनाते का सौगात था मेरा
इक बाढ़ ने छिन् लिया मेरा घर
अब ये अकेलापन हि पूरा परिवार है मेरा
समय लगेगा पर इससे भी उभर जाएँगे
समय के साथ कुछ नये रिश्ते बनाएंगे
लेकिन क्या ये नए रिश्ते पुराने वाले हि कहलायेंगे

©कलम की दुनिया

भोर बेला ,नदी तट की घंटियों का नाद। चोट खा कर जग उठा सोया हुआ अवसाद। नहीं, मुझ को नहीं अपने दर्द का अभिमान--- मानता हूँ मैं पराजय है तुम्हारी याद। . ©Arpit Mishra

 भोर बेला ,नदी तट की घंटियों का नाद।
चोट खा कर जग उठा सोया हुआ अवसाद।
नहीं, मुझ को नहीं अपने दर्द का अभिमान---
मानता हूँ मैं पराजय है तुम्हारी याद।








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©Arpit Mishra

अज्ञेय

12 Love

#कविता #अकेला #nojohindi #Quotes #poem  जो अकेला है
वो ही अलबेला है
बाकी सब दुनिया का मेला है

©Bindu Sharma
#अज्ञेय #विचार #Self  "मन बहुत सोचता है  कि उदास न हो
पर उदासी के बिना कैसे रहा जाये?
शहर के दूर के तनाव दबाव कोई सह भी ले,
पर यह अपने ही रचे एकांत का दबाव कैसे सहा जाए !"

©HintsOfHeart.

#अज्ञेय. #Self-isolating_loneliness

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