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New पंकज नक़वी Status, Photo, Video

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White बहुत तकलीफ़ होती है.. जब कहने को बहुत कुछ हो, लेकिन सुनने वाला कोई ना हो। और थोड़ी-सी तकलीफ़ तब भी होती है जब सुनने वाले बहुत हो लेकिन किसी से कुछ कहना ही ना हो। 🖋️गौरव झा 'नितिन' । ©गौरव झा नितिन

#विचार  White  बहुत तकलीफ़ होती है.. 
जब कहने को बहुत कुछ हो,
लेकिन सुनने वाला कोई ना हो।
और थोड़ी-सी तकलीफ़ तब भी होती है
जब सुनने वाले बहुत हो 
लेकिन किसी से कुछ कहना ही ना हो।

                      🖋️गौरव झा 'नितिन'













।

©गौरव झा नितिन

जिनगी में खाली तकलीफे है बाबू.😃 *श्रीमान् पंकज त्रिपाठी जी के साक्षात्कार में कही गई बात से प्रेरित पंक्ति..🤗

9 Love

#शून्य #किरण #शराब #वादा

#किरण रूबाब नक़वी #वादा करके भूल गए हो । #voice over #शून्य #शराब PreetKaurSardarni @Bhawna Sagar Batra @Aj stories,,, @PRIYANKA GUPTA(gudiya)

2,709 View

#वीडियो

*जंगल मे फैली आग वन संपदा जल कर हुई खाक* बाबागंज, बहराईच :- सीमावर्ती क्षेत्र के अब्दुल्लागंज रेंज अंतर्गत आज निम्निहारा बिट 7 व 10 में

108 View

#फ़िल्म

नहीं रहे मशहूर गजल गायक पंकज उदास जी

153 View

गर्जनाएँ हो रही आकाश में, सृजन का आवेग है मधुमास में, फूल कलियों में रवानी आ चुकी, ख़ुशी की अनुगूंज है उल्लास में, पंक से निकले खिले पंकज बने, प्रेरणा का श्रोत है उपहास में, दानवीरों की कहानी है अमर, नाम उनका दर्ज है इतिहास में, समय का उपयोग कर संदल हुए, बेवज़ह उलझे नहीं बकवास में, नियति निर्धारित करे जब लक्ष्य को, स्वयं बढ़ चलते हैं पग उजास में, तार दिल से जुड़े हों जब प्रेम का, चाहता रखना हृदय फिर पास में, दीप घट में जले 'गुंजन' ज्ञान का, प्राप्त होती है ख़ुशी हर श्वास में, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #खिले  गर्जनाएँ  हो  रही  आकाश   में, 
सृजन का आवेग है मधुमास में, 

फूल कलियों में रवानी आ चुकी,
ख़ुशी की अनुगूंज है उल्लास में, 
 
पंक से निकले खिले पंकज बने, 
प्रेरणा  का  श्रोत  है  उपहास में, 

दानवीरों   की  कहानी  है  अमर, 
नाम  उनका  दर्ज है  इतिहास में,

समय का उपयोग कर संदल हुए, 
बेवज़ह  उलझे  नहीं  बकवास में,

नियति निर्धारित करे जब लक्ष्य को, 
स्वयं  बढ़  चलते हैं  पग  उजास में,

तार  दिल से  जुड़े हों  जब  प्रेम का,
चाहता  रखना  हृदय  फिर  पास में, 

दीप  घट में  जले  'गुंजन'  ज्ञान  का, 
प्राप्त  होती  है  ख़ुशी   हर  श्वास में,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#खिले पंकज बने#

12 Love

#कविता

पंकज उधास के निधन पर अर्पित

126 View

White बहुत तकलीफ़ होती है.. जब कहने को बहुत कुछ हो, लेकिन सुनने वाला कोई ना हो। और थोड़ी-सी तकलीफ़ तब भी होती है जब सुनने वाले बहुत हो लेकिन किसी से कुछ कहना ही ना हो। 🖋️गौरव झा 'नितिन' । ©गौरव झा नितिन

#विचार  White  बहुत तकलीफ़ होती है.. 
जब कहने को बहुत कुछ हो,
लेकिन सुनने वाला कोई ना हो।
और थोड़ी-सी तकलीफ़ तब भी होती है
जब सुनने वाले बहुत हो 
लेकिन किसी से कुछ कहना ही ना हो।

                      🖋️गौरव झा 'नितिन'













।

©गौरव झा नितिन

जिनगी में खाली तकलीफे है बाबू.😃 *श्रीमान् पंकज त्रिपाठी जी के साक्षात्कार में कही गई बात से प्रेरित पंक्ति..🤗

9 Love

#शून्य #किरण #शराब #वादा

#किरण रूबाब नक़वी #वादा करके भूल गए हो । #voice over #शून्य #शराब PreetKaurSardarni @Bhawna Sagar Batra @Aj stories,,, @PRIYANKA GUPTA(gudiya)

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#वीडियो

*जंगल मे फैली आग वन संपदा जल कर हुई खाक* बाबागंज, बहराईच :- सीमावर्ती क्षेत्र के अब्दुल्लागंज रेंज अंतर्गत आज निम्निहारा बिट 7 व 10 में

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#फ़िल्म

नहीं रहे मशहूर गजल गायक पंकज उदास जी

153 View

गर्जनाएँ हो रही आकाश में, सृजन का आवेग है मधुमास में, फूल कलियों में रवानी आ चुकी, ख़ुशी की अनुगूंज है उल्लास में, पंक से निकले खिले पंकज बने, प्रेरणा का श्रोत है उपहास में, दानवीरों की कहानी है अमर, नाम उनका दर्ज है इतिहास में, समय का उपयोग कर संदल हुए, बेवज़ह उलझे नहीं बकवास में, नियति निर्धारित करे जब लक्ष्य को, स्वयं बढ़ चलते हैं पग उजास में, तार दिल से जुड़े हों जब प्रेम का, चाहता रखना हृदय फिर पास में, दीप घट में जले 'गुंजन' ज्ञान का, प्राप्त होती है ख़ुशी हर श्वास में, ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra

#शायरी #खिले  गर्जनाएँ  हो  रही  आकाश   में, 
सृजन का आवेग है मधुमास में, 

फूल कलियों में रवानी आ चुकी,
ख़ुशी की अनुगूंज है उल्लास में, 
 
पंक से निकले खिले पंकज बने, 
प्रेरणा  का  श्रोत  है  उपहास में, 

दानवीरों   की  कहानी  है  अमर, 
नाम  उनका  दर्ज है  इतिहास में,

समय का उपयोग कर संदल हुए, 
बेवज़ह  उलझे  नहीं  बकवास में,

नियति निर्धारित करे जब लक्ष्य को, 
स्वयं  बढ़  चलते हैं  पग  उजास में,

तार  दिल से  जुड़े हों  जब  प्रेम का,
चाहता  रखना  हृदय  फिर  पास में, 

दीप  घट में  जले  'गुंजन'  ज्ञान  का, 
प्राप्त  होती  है  ख़ुशी   हर  श्वास में,
     ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
              चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra

#खिले पंकज बने#

12 Love

#कविता

पंकज उधास के निधन पर अर्पित

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