Men walking on dark street (बीते लम्हे,,पुरानी बाते )
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सुनो तुम मुझे बहुत सताती हो ,भूल गया हूं मैसेज करना ,,हमेशा देर से याद दिलाती हो ।।
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समय रहते कोई शिकायत तुमसे की नही जाती ,,,कैसे खुद को राबिया सुधारू मैं ,, टाइम पर तानों के सिवा कोई सलाह तुमसे दी नही जाती ,,जाने क्यों करती हो ऐसा ,,और न जाने क्या चाहती हो ,,सुनो तुम मुझे बहुत सताती हो ।
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कभी भूल जाऊं मैं ,, के आखिर आज क्यों हसी नही आई ,, बातो बातो में गालियां देकर तुम मुझे खूब हसाती हो ,, मुंह फुलाकर कहती हो ,, हटो दूर रहो मुझसे ,,फिर खुद ही भागकर गले मुझे लगाती हो ।।
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गिनती हो तारे तुम अकेले में ,,और मुझसे भी गिनवाती हो ,,रोज कहती हो आज तो जाग लो साथ मेरे ,,और मुझसे पहले तुम खुद सो जाती हो ।।
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नाराज़ हो जाती हो के मैं पढ़ता नही अच्छे से पोस्ट तुम्हारी ,,बस रिपोस्ट करके निकल लेता हूं, ऐसी छोटी छोटी बातों पर न जाने क्यों बिगड़ जाती हो ,,सुनो तुम मुझे बहुत सताती हो ।
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कहती हो खुली हवा में साथ उड़े ,,फिर क्यों तुम मुझसे ऊंचा उड़ जाती हो, दूर ही से एक तक मैं देखता रहता हूं,,तुम आसमान में कहीं खो जाती हो ,, हर शाम भर आती हो आंखो में मेरी ,,, मुझसे खुद को नींद तुम कहलवाती हो ।।
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सुनो ये सपनो ये नींदों का किस्सा ,,बस कुछ पल का था ,,आ जाओ फिर से मुझे सताने ,सुनो इस ,,तनहा सफर में जिंदगी के ,,तुम याद बहुत आती हो ।।
©****#शुन्य*****
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